गोरखपुर: सपा-बसपा गठबंधन का मेल तेल-पानी जैसा, 24 कैरेट सोना मौजूद तो तांबा-पीतल कौन लेगा- सुरेश खन्ना
सुरेश खन्ना ने कहा कि कहा कि गठबंधन ऐसा है जैसे तेल और पानी का गठबंधन होता है. तेल और पानी को मिलाइए, न तेल काम का रहेगा और न ही पानी काम का रहेगा.

गोरखपुरः यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने सपा, बसपा और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ''सपा-बसपा का गठबंधन तेल और पानी के मेल जैसा है. इनके गठबंधन में पहले से ही गांठ पड़ी हुई है. ये स्वार्थ का गठबंधन है, जो ज्यादा दिन नहीं चलने वाला है. उन्होंने कांग्रेस को घोटालेबाजों की सरकार बताते हुए कहा कि उनके ऊपर 12 लाख करोड़ से अधिक के घोटाले का आरोप है. सुरेश खन्ना ने कहा कि जब 24 कैरेट का सोना मौजूद है, तो तांबा-पीतल कौन लेगा.''
मोदी इस देश के लिए वरदान और ईश्वर की सौगात-सुरेश खन्ना
सुरेश खन्ना ने कहा कि मोदी इस देश के लिए वरदान और ईश्वर की सौगात हैं. कई सौ वर्षों में एक ऐसे लोग पैदा होते हैं. मोदी जी ने पूरे देश में न केवल हिन्दुस्तान का मान-सम्मान बढ़ाया, विकास को गति दी. आतंकवाद से जूझने का काम जितना मोदी जी ने किया उतना किसी ने नहीं किया. पाकिस्तान को उसकी भाषा में ही जवाब दिया. मोदी जी के प्रयास से मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कर दिया गया. सरकार की विभिन्न योजनाओं का किसानों और गरीबों को लाभ मिला.
कैबिनेट मंत्री ने कहा- असफल लोगों का है ये गठबंधन
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में असफल लोगों का गठबंधन बना है. जनता ने 2007 से 2014 तक कांग्रेस को दस साल तक मौका दिया. सपा को 2012 से 2017 तक मौका दिया. बसपा 2007 में 206 एमएलए लेकर सत्ता में आई थी. उनके कारनामें जनता को रास नहीं आए. 2012 में मात्र 80 विधायकों पर सिमट गए. फिर भी नहीं सुधरे, तो 2014 में शून्य पर आउट हो गए. इसलिए जनता ने इसके खिलाफ मैंनडेट देकर इनको बदल दिया.
4 दिसंबर 1993 को मुलायम सिंह और मायावती जी की सरकार बनी थी. जो 1 जून 1995 तक चली. गठबंधन का क्या हश्र हुआ ये सभी को पता है. जब भी गठबंधन की सरकार बनी अराजकता और अव्यवस्था बढ़ती रही. जो भी पार्टियां गठबंधन में शामिल हुईं, उनका अपना स्वार्थ पहले था. देश और समाज का हित बाद में था. इसलिए इस प्रकार की सरकारें चलती नहीं हैं. गठबंधन को वोट देना खुद को धोखा देने जैसा है और पांच साल का राजनीतिक भविष्य अंधकारमय करना है. गठबंधन को वोट देना वोट को बेकार करना है. उन्होंने कहा कि गठबंधन ऐसा है जैसे तेल और पानी का गठबंधन होता है. तेल और पानी को मिलाइए, न तेल काम का रहेगा और न ही पानी काम का रहेगा. जो लोग गठबंधन को वोट देंगे, वे खुद को ठगा हुआ सा महसूस करेंगे.जानिए यूपी की उन 14 लोकसभा सीटों के बारे में जहां 6 मई को होनी है वोटिंग
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