एक्सप्लोरर

ABP न्यूज़ की पड़ताल, ऑक्सीजन सप्लाई रुकने में रिश्वतखोरी के संकेत मिले

बच्चों की मौत के पीछे ऑक्सीजन कंपनी को पैसे के भुगतान में रिश्वतकांड हो सकता है. रिश्वत का पैसा न मिलने की वजह से ऑक्सीजन कंपनी का भुगतान रोका गया. भुगतान रुकने की वजह से ऑक्सीजन सप्लाई रुकी और ऑक्सीजन सप्लाई रुकने से बच्चों की मौत हुई.

गोरखपुर: गोरखपुर के बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज में 36 बच्चों की मौत की जांच के आदेश योगी सरकार ने दे दिए हैं. मृतक बच्चों के परिवार लगातार ऑक्सीजन कमी से मौत का दावा कर रहे हैं. इस सबके बीच एबीपी न्यूज ने इस मामले में एक बड़ी पड़ताल की है. जिसमें ऑक्सीजन सप्लाई रुकने में रिश्वतखोरी के संकेत मिले हैं. ऑक्सीजन की कमी से मौत के जिंदा सबूत खुलासा नंबर 1 बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज के सेंट्रल ऑक्सीजन पाइपलाइन विभाग के कर्मचारी की अस्पताल प्रशासन को 10 अगस्त 2017 को चिट्ठी लिखी थी. ‘’महोदय, आपको सादर अवगत कराना है कि हमारे द्वारा पूर्व में दिनांक 3 अग्सत 2017 को लिक्विड ऑक्सीजन के स्टॉक की समाप्ति की जानकारी दी गई थी. आज दिनांक 10 अगस्त की लिक्विड ऑक्सीजन की रीडिंग 900 है जो कि आज रात्रि तक सप्लाई हो पाना संभव है. पुष्पा सेल्स कंपनी के अधिकारी से बार-बार बात करने पर पिछला भुगतान न किए जाने का हवाला देते हुए लिक्विड ऑक्सीजन की सप्लाई देने से इनकार कर दिया है.’’ इस चिट्ठी से कुछ अहम बातें सामने आती हैं. ऑक्सीजन की कमी की जानकारी अस्पताल को 3 अगस्त से थी. पैसे के भुगतान की वजह से सप्लाई रुक सकती है. ये बात भी मेडिकल कॉलेज को पता थी और 10 अगस्त की शाम तक का ही ऑक्सीजन स्टॉक अस्पताल में था. इसके बावजूद मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल आरके मिश्रा छुट्टी पर ऋषिकेश चले गए. इनसेफलाइटिस विभाग के प्रमुख और दूसरे विभागों के जूनियर डॉक्टर लगातार कॉलेज प्रबंधन से ऑक्सीजन की मांग करते रहे पर कोई सुनवाई नहीं हुई और 10 तारीख की रात 23 बच्चों की मौत हो गई. खुलास नंबर 2 उस कंपनी की चिट्ठी जिसके पास मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन सप्लाई का ठेका था. कंपनी का दावा है कि पिछले 6 महीने से उसका 63 लाख रुपया अस्पताल पर बकाया था. जबकि नियम के मुताबिक, अस्पताल प्रशासन 10 लाख से ज्यादा का उधार नहीं कर सकता है. फिर भी कंपनी ने अस्पताल की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए लगातार गैस की सप्लाई की. लेकिन 1 अगस्त को उसने हाथ खड़े कर दिए. अस्पताल प्रशासन को चेतावनी देते हुए चिट्ठी लिखी ये चिट्ठी केवल मेडिकल कॉलेज नहीं बल्कि गोरखपुर के जिलाधिकारी, लखनऊ में बैठने वाले स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक के पास भी पहुंची थी. इससे भी कुछ बातें साफ होती हैं- नंबर 1 1 अगस्त से स्वास्थ्य महानिदेशालय लखनऊ और मेडिकल कॉलेज को पता था कि अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई कभी भी ठप हो सकती है. नंबर 2 पिछले छह महीने से बार-बार जानकारी देने पर भी ऑक्सीजन कंपनी को भुगतान नहीं किया जा रहा था. ये सबकुछ तब चल रहा था जब कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक महीने में दो बार मेडिकल कॉलेज में समीक्षा करके सुधार के स्पष्ट निर्देश दे चुके थे. 9 जुलाई का बयान इलाज के प्रति किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं होनी चाहिए अन्यथा संबंधित चिकित्साधिकारी की जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाएगी. 9 अगस्त का बयान मरीज के उपचार में कोई कोताही नहीं होनी चाहिए. इलाज के अभाव में किसी मरीज की मौत न होने पाए. यहां पर दो सवाल उठते हैं- यानी मुख्यमंत्री को इस बात का अंदेशा था कि अस्पताल में मरीजों की देखरेख और प्रंबधन में कुछ कमी है. वर्ना वो सावधानी बरतने के आदेश क्यों जारी करते. इसका मतलब मेडिकल कॉलेज की समीक्षा बैठकों में मुख्यमंत्री को अस्पताल की कमियों के बारे में जानकारी मिली थी. पर अब सरकार कहती है कि मुख्यमंत्री जी को आर्थिक जरूरतों के बारे में नहीं बताया गया. अस्पताल में जब गैस की सप्लाई धीमी थी तो 10 तारीख को शाम 7.30 से रात 10.05 बजे के बीच 7 बच्चों की मौत हुई. पर जब रात 11.30 बजे से रात 1.30 बजे तक ऑक्सीजन सप्लाई बंद थी तो एक भी मौत नहीं हुई, जबकि 10 तारीख को अस्पताल में अचानक मरने की संख्या बढ़ी और 23 बच्चों की जान गयी. इस मामले में अस्पताल के प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया गया है. यहां सवाल ये है कि अगर ऑक्सीजन की कमी मौत की वजह नहीं है तो प्रिंसिपल का निलंबन क्यों हुआ? अगर प्रिंसिपल ऑक्सीजन सप्लाई में कमी के दोषी नहीं हैं तो क्या उनका रिश्ता पांच तारीख को जारी हुए पैसे को 11 तारीख तक न जारी करने से है ? यहीं से शुरू होता है एबीपी न्यूज़ बड़ा खुलासा
  • क्या अस्पताल प्रबंधन ने जानबूझ कर ऑक्सीजन कंपनी का पैसा रोका?
  • ऑक्सीजन कंपनी का पैसा रोकने के पीछे क्या किसी तरह का रिश्वतकांड है?
  • क्या अस्पताल प्रबंधन पैसे लेकर ऑक्सीजन कंपनी का भुगतान करता था?
  • क्या अस्पताल ऑक्सीजन सप्लाई में आर्थिक घोटाला हो रहा है?
  • क्या रिश्वतखोरी के चक्कर में 36 बच्चों की जान चली गयी?
इस मामले में सिर्फ लापरवाही ही नहीं बल्कि भ्रष्टाचार का मामला भी सामने आ रहा है. इस अस्पताल को पुष्मा सेल्स नाम की कंपनी ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया करती है. वहीं, मार्च तक मोदी फार्मा नाम की कंपनी ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया करती थी, लेकिन जब मार्च में मोदी फार्मा का टेंडर खत्म हो गया तो इसके बाद सप्लाई इंपिरियल गैस कंपनी को सौंप दी गई. अस्पताल में गैस सप्लाई करने वाली पुरानी कंपनी के मालिक प्रवीण मोदी ने बताया, इस अस्पताल में करीब 15 सालों से हम गैस की सप्लाई कर रहे थे औऱ मार्च में बिना हमे बताए, बिना नोटिस के मेरे ऑर्डर को रोक कर उन्होंने इंपिरियल गैस कंपनी से मंगाना शुरु कर दिया. मुझे पता तब चला जब मेरी गाड़ी अस्पताल गई और उन्होंने भरे हुए सिलेंडर वापस कर दिए. इंपिरियल गैस को बिना ऑर्डर के टेंडर दिया गया.’’ अब सवाल उठता है कि लोकल और पुराने सिलेंडर गैस सप्लायर की जगह बाहर की सिलेंडर ऑक्सीजन कंपनी को सप्लाई का ठेका क्यों और कैसे दिया गया? प्रवीण मोदी के दाव सिलेंडर ऑक्सीजन ठेके के बारे में हैं और इसमें उनके अपने आर्थिक स्वार्थ भी हो सकते हैं, पर इसमें आर्थिक हितों के संकेत हैं, इसलिए इस बात की पुष्टि के लिए संवाददाता रणवीर ने गोरखपुर में इंसेफलाइटिस पर लगातार रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकार मनोज कुमार सिंह और गोरखपुर नर्सिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर केए अब्बासी से संपर्क किया. जिन्होंने इस मामले में घोटाले  के पुख्ता संकेत दिए. इंसेफलाइटस कवर करने वाले पत्रकार मनोज कुमार सिंह, ‘’अस्पताल के काम करने के तरीके से लग रहा है कि इस मामले में कुछ भ्रष्टाचार हुआ है. गोरखपुर नर्सिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष के ए अब्बासी ने बताया, यहां पर एक तरह से ऑक्सीजन माफिया काम कर रहा है, जो अपने हिसाब से मेडिकल कॉलेज, सरकारी अस्पताल और प्राईवेट अस्पताल का गला दबाने पर सभी अमादा है.. इस तरह से एबीपी न्यूज़ उत्तरप्रदेश सरकार को इस पूरे मामले में ये अहम सुराग दे रहा है कि बच्चों की मौत के पीछे ऑक्सीजन कंपनी को पैसे के भुगतान में रिश्वतकांड हो सकता है. रिश्वत का पैसा न मिलने की वजह से ऑक्सीजन कंपनी का भुगतान रोका गया. भुगतान रुकने की वजह से ऑक्सीजन सप्लाई रुकी और ऑक्सीजन सप्लाई रुकने से बच्चों की मौत हुई. इतना ही नहीं अस्पताल में महंगी और घटिया किस्म की ऑक्सीजन सप्लाई हो रही है. अस्पताल प्रबंधन में बड़े पैमाने पर फेरबदल की जरूरत है. कार्रवाई का दायरा अस्पताल से बढ़ा कर स्वास्थ्य निदेशालय और स्वास्थ्य सचिवालय तक लाने की जरूरत है.
और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

दिल्ली में फिर छाया घना कोहरा, जहरीली हवाओं ने बढ़ाई मुश्किलें, AQI 430 के करीब, येलो अलर्ट जारी
दिल्ली में फिर छाया घना कोहरा, जहरीली हवाओं ने बढ़ाई मुश्किलें, AQI 430 के करीब, येलो अलर्ट जारी
Under-19 Asia Cup: अफगानिस्तान को करीबी मुकाबले में हराकर सेमीफाइनल में श्रीलंका, पढ़िए मैच के अपडेट्स
Under-19 Asia Cup: अफगानिस्तान को करीबी मुकाबले में हराकर सेमीफाइनल में श्रीलंका, पढ़िए मैच के अपडेट्स
Dhurandhar BO Day 11: नहीं थम रही 'धुरंधर', दूसरे मंडे भी काट दिया गदर, 'छावा' का हिला डाला सिंहासन बना दिया ये रिकॉर्ड, जानें- 11 दिनों का कलेक्शन
'धुरंधर' ने दूसरे मंडे भी काट दिया गदर, 'छावा' का हिला डाला सिंहासन बना दिया ये रिकॉर्ड
नीतीश कुमार पर भड़कीं सपा सांसद इकरा हसन, महिला का हिजाब खींचने पर कहा- 'कोई मुख्यमंत्री ऐसा करे...'
नीतीश कुमार पर भड़कीं सपा सांसद इकरा हसन, महिला का हिजाब खींचने पर कहा- 'कोई मुख्यमंत्री ऐसा करे...'

वीडियोज

Crime News: यमुनानगर में सिर कटी लाश की गुत्थी सुलझी, आरोपी बिलाल गिरफ्तार | Haryana
दिलजले आशिक की खौफनाक दस्तक
'नबीन' अध्यक्ष.. बंगाल है लक्ष्य? | Nitin Nabin | BJP | PM Modi | Janhit With Chitra
Vodafone Idea में तूफानी तेजी! AGR Moratorium की खबर से शेयर 52-Week High पर| Paisa Live
क्या Delhi छोड़कर ही सांसें सुरक्षित हैं? Pollution से परेशान राजधानी | Bharat Ki Baat With Pratima

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
दिल्ली में फिर छाया घना कोहरा, जहरीली हवाओं ने बढ़ाई मुश्किलें, AQI 430 के करीब, येलो अलर्ट जारी
दिल्ली में फिर छाया घना कोहरा, जहरीली हवाओं ने बढ़ाई मुश्किलें, AQI 430 के करीब, येलो अलर्ट जारी
Under-19 Asia Cup: अफगानिस्तान को करीबी मुकाबले में हराकर सेमीफाइनल में श्रीलंका, पढ़िए मैच के अपडेट्स
Under-19 Asia Cup: अफगानिस्तान को करीबी मुकाबले में हराकर सेमीफाइनल में श्रीलंका, पढ़िए मैच के अपडेट्स
Dhurandhar BO Day 11: नहीं थम रही 'धुरंधर', दूसरे मंडे भी काट दिया गदर, 'छावा' का हिला डाला सिंहासन बना दिया ये रिकॉर्ड, जानें- 11 दिनों का कलेक्शन
'धुरंधर' ने दूसरे मंडे भी काट दिया गदर, 'छावा' का हिला डाला सिंहासन बना दिया ये रिकॉर्ड
नीतीश कुमार पर भड़कीं सपा सांसद इकरा हसन, महिला का हिजाब खींचने पर कहा- 'कोई मुख्यमंत्री ऐसा करे...'
नीतीश कुमार पर भड़कीं सपा सांसद इकरा हसन, महिला का हिजाब खींचने पर कहा- 'कोई मुख्यमंत्री ऐसा करे...'
सोते समय मुंह खोलकर लेते हैं सांस तो जल्दी हो जाएगी ये दिक्कत, ऐसे दूर करें यह समस्या
सोते समय मुंह खोलकर लेते हैं सांस तो जल्दी हो जाएगी ये दिक्कत, ऐसे दूर करें यह समस्या
सांप का जहर सिर्फ जानलेवा ही नहीं, जान बचाने के भी आता है काम; जानें कैसे?
सांप का जहर सिर्फ जानलेवा ही नहीं, जान बचाने के भी आता है काम; जानें कैसे?
IIT मद्रास का बड़ा फैसला, BTech अधूरा रहने पर भी मिलेगी BSc की डिग्री
IIT मद्रास का बड़ा फैसला, BTech अधूरा रहने पर भी मिलेगी BSc की डिग्री
Video: बगैर हेलमेट घूमता है ये शख्स, पुलिस चाहकर भी नहीं काट पाती चालान, वीडियो देख समझ आएगी सच्चाई
बगैर हेलमेट घूमता है ये शख्स, पुलिस चाहकर भी नहीं काट पाती चालान, वीडियो देख समझ आएगी सच्चाई
Embed widget