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यूपी: योगी देश के पहले सीएम हैं जिन पर इतने मुकदमे हैं, और हमपर अराजकता फैलाने का आरोप लगा रहे हैं- अखिलेश यादव
अखिलेश ने कहा कि बिना किसी लिखित आदेश के मुझे एयरपोर्ट पर रोका गया. पूछने पर भी स्थिति साफ करने में अधिकारी विफल रहे. छात्र संघ कार्यक्रम में जाने से रोकना का एक मात्र मकसद युवाओं के बीच समाजवादी विचारों और आवाज को दबाना है.
नई दिल्ली: लखनऊ एयरपोर्ट पर रोके जाने की घटना को लेकर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस की. प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ''ये सरकार छात्रों से डर गई है. सरकार ने नौजवानों के भविष्य से खिलवाड़ किया है, उनके सपनों की हत्या की है और मजबूर किया है कि बेरोजगार रहो. इसलिए वे नहीं चाहते कि कोई छात्रों से मिलकर उनकी मदद करे उनकी बात सुने. याद रहे कि लोकतंत्र को बचाने के लिए जनता तैयार बैठी है."
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अखिलेश ने कहा कि इलाहाबाद में अराजकता फैलाने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती लेकिन मुझे वहां जाने से रोका गया. हम सिर्फ छात्र नौजवानों से मिल लेते, कुछ बातें कर लेते तो इसमें क्या हो जाता.
अखिलेश ने कहा, ''बिना किसी लिखित आदेश के मुझे एयरपोर्ट पर रोका गया. पूछने पर भी स्थिति साफ करने में अधिकारी विफल रहे. छात्र संघ कार्यक्रम में जाने से रोकना का एक मात्र मकसद युवाओं के बीच समाजवादी विचारों और आवाज को दबाना है.
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प्रेस कांफ्रेंस करते हुए अखिलेश ने कहा, " मुझे इलाहबाद यूनिवर्सिटी के छात्रों के बीच अपनी बात रखनी थी. छात्रसंघ के अध्यक्ष उदय यादव के कार्यक्रम में शामिल होना था. मुझे दुःख है इस बात का कि छात्रों ने इस कार्यक्रम की बहुत मेहनत से तैयारी की थी. मुझे भी मौका मिलने वाला था इसमें शामिल होने का पर ये ना हो सका. लेकिन सरकार का मन और उसकी नियत साफ नहीं थी. इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए एक महीने पहले ही अपना कार्यक्रम 27 दिसंबर को भेज दिया था. क्योंकि वहां कुंभ का आयोजन था. इसलिए छात्रसंघ अध्यक्ष ने सभी से परमिशन लेकर कार्यक्रम तय किया और दो फ़रवरी को फिर से डिटेल कार्यक्रम भेजा गया. इसके बाद आज फिर कार्यक्रम भेजा गया."
अखिलेश ने एक ट्वीट भी किया है...
अखिलेश ने कहा, "इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के चुनाव में पूरी सरकार चुनाव लड़ रही थी. सीएम वहां हारना नहीं चाहते थे. गोरखपुर का छात्रसंघ चुनाव जानबूझकर होने नहीं दिया गया. इलाहाबाद चुनाव में सपा समर्थित प्रत्याशी की जीत के बाद उसके हॉस्टल में आग लगा दी गई. बीजेपी के लोग उसके हार स्वीकार नहीं कर पाए. जब कार्यक्रम बिल्कुल करीब आ गया, तो जहां मंच बना था वहां तीन बम चलाए गए. लेकिन प्रशासन और सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की. सरकार से जानना चाहते हैं आख़िरकार कौन लोग थे, जिन्होंने छात्रसंघ अध्यक्ष का कमरा जला दिया था और बम चलाए थे. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. यूपी: अखिलेश को रोके जाने से भड़का सपा कार्यकर्ताओं का गुस्सा, प्रयागराज-बाराबंकी-संभल और झांसी में प्रदर्शन अखिलेश ने कहा, ''मुझे जानकारी मिली है कि आज जब मुझे जाना था तो कल कुछ पुलिस अधिकारियों ने मेरे घर की रेकी की. साथ ही तीन पुलिस वाले भी बैठा दिए गए. सुबह 6.30 बजे से अधिकारी घर के बाहर तैनात थे. यूपी पुलिस एयरपोर्ट के अंदर नहीं जा सकती लेकिन सरकार की ताक़त की वजह से पुलिस के लोग अंदर जाकर मुझे रोकने लगे. सीएम की भाषा देखिये, अराजकता फैलाने की बात करते हैं. ठोकने वाली भाषा बोलते हैं. कहते हैं यूनिवर्सिटी में राजनैतिक लोग नहीं जा सकते.एक तरफ़ कहते हैं कि हमें गर्व है कि यूनिवर्सिटी से निकलकर तमाम लोग राजनीति के अलग अलग मुकाम पर पहुंचे हैं. अगर मैं अराजकता फ़ैलाने जा रहा था तो बता दें मुझ पर कौन सी धाराएं लगी हैं." इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ऊपर लगे मुकदमों को तख्तियों पर दिखाया और कहा ये देश के पहले मुख्यमंत्री हैं जिन पर इतनी धाराएं लगी हैं. साथ ही वे खुद अपनी धाराओं को वापस ले रहे हैं. अखिलेश ने कहा कि योगी पर जो धाराएं लगी हैं, वो चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में हैं. इसके बावजूद योगी हमपर अराजकता फैलाने का आरोप लगा रहे हैं. अखिलेश ने क्रेंद्र सरकार को भी निशाने पर लिया उनका आरोप है कि हवाई जहाज को रोकने का अधिकार राज्य सरकार के पास नहीं है. इससे लगता है कि केंद्र सरकार भी शामिल है. मैं सिर्फ छात्रों से मिलने नहीं जा रहा था. मैं साधु-संतों से भी मिलने जा रहा था. मुझे अखाड़ा परिषद के महंत ने खाने पर बुलाया था. इनकी रोको और ठोको निति नहीं चलने वाली. जनता सरकार को सबक सिखाने के लिए बैठी हुई है.My statement on the negative and undemocratic politics behind my detention at Lucknow Airport. pic.twitter.com/dP7MvdjOcT
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) February 12, 2019
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तहसीन मुनव्वरपूर्व वरिष्ठ संपादक, न्यूज 18 (उर्दू)
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