बिहार: कल आरजेडी का स्थापना दिवस, आमंत्रण पत्र पर तेजस्वी का नाम, तेज प्रताप नदारद
आमंत्रण पत्र पर तेजप्रताप का नाम नहीं होना उनके समर्थकों के लिए झटके की तरह है. आमंत्रण पत्र पर सिर्फ तेज प्रताप यादव का ही नाम गायब नहीं नहीं, बल्कि लालू यादव की सबसे बड़ी बेटी और राज्यसभा सांसद मीसा भारती का नाम भी नदारद है.

पटना: लालू यादव परिवार में भाईयों में दरार की खबरों के बीच 5 जुलाई यानि कल का दिन आरजेडी के लिए बेहद अहम है. कल आरजेडी का स्थापना दिवस मनाया जाने वाला है. लेकिन इसके ठीक पहले आमंत्रण पत्र पर सिर्फ तेजस्वी यादव का नाम होने से सियासी गलियारों में ये मुद्दा गरमा गया है.
आमंत्रण पत्र पर तेजप्रताप का नाम नहीं होना उनके समर्थकों के लिए झटके की तरह है. आमंत्रण पत्र पर सिर्फ तेज प्रताप यादव का ही नाम गायब नहीं नहीं, बल्कि लालू यादव की सबसे बड़ी बेटी और राज्यसभा सांसद मीसा भारती का नाम भी नदारद है. ऐसे में ये आमंत्रण पत्र कई सवाल खड़े कर रहा है. क्या पार्टी में गुटबाज़ी शुरू हो चुकी है, इसको लेकर भी चर्चा है.
आरजेडी का बयान
अब इसपर आरजेडी प्रवक्ता चितरंजन गगन का कहना है कि आमंत्रण में तेज़ प्रताप का नाम न होने के पीछे कोई वजह नहीं है. चूंकि इसमें सीमित लोगों के नाम दिए जाने थे इसलिए कई पदाधिकारियों के नाम नहीं दिए जा सके हैं. चूंकि तेजस्वी यादव कार्यक्रम के उद्घाटनकर्ता हैं इसलिए उनका नाम दिया गया है और राबड़ी देवी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं इसलिए उनका नाम भी शामिल किया गया है. हालांकि चितरंजन गगन इस बात का जवाब देने में हिचकिचा रहे थे कि आख़िर क्या वजह थी कि तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी का तो नाम दिया गया लेकिन तेज़ प्रताप का नाम नहीं.
गौरतलब है कि हाल ही तेज प्रताप यादव के एक फेसबुक पोस्ट ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं. इस फेसबुक पोस्ट में तेज प्रताप यादव के राजनीति छोड़ने संकेत थे. हालांकि बाद में तेज प्रताप ने कहा कि उनकी फेसबुक आईडी को हैक किया गया था. इसको लेकर उन्होंने बीजेपी और आरएसएस पर परिवार को तोड़ने का आरोप लगया था.
तेज प्रताप ने फेसबुक पोस्ट में क्या लिखा?
तेज प्रताप ने लिखा, ''मैंने भी अपने कार्यकर्ताओं से यही कहा कि मैं भी अपने मम्मी-पापा को बहुत बार बता चूका हूं कि "ओम प्रकाश यादव उर्फ भुट्टू" एवं "सुबोध राय" मेरे बारे में गलत-गलत अफवाह फैलाकर मुझे बदनाम कर मेरी छवि धूमिल कर रहे हैं किंतु मेरी मम्मी मेरी एक नहीं सुनती है और उल्टा मुझे ही डांट सुनना पड़ता है जिसके कारण मैं बहुत-ही प्रेशर में रहता हूं. अब आप ही बताएं कि क्या इतना "प्रेशर में राजनीति हो सकती है क्या?"
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