इस्लाम से खारिज निदा ने कहा- हमारे हक हमें छीनने पड़ेंगे, सोशल मीडिया पर साझा किया अपना दर्द
ट्रिपल तलाक़ और हलाला जैसी कुप्रथाओं के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाली निदा खान ने सोशल मीडिया पर अपना दर्द साझा किया है. एक पोस्ट में निदा ने अपने उपर हुए आत्याचारों का जिक्र किया है.

बरेली: निदा वो नाम है जो आज हर मुस्लिम महिला की जुबां पर है. निदा ने वर्षो से चली आ रही ट्रिपल तलाक़ और हलाला जैसी कुप्रथाओं के खिलाफ आवाज बुलंद की. लेकिन निदा को इतनी हिम्मत कैसे आई, आखिर ऐसा क्या हुआ निदा के साथ जो वो अपने साथ साथ दूसरी महिलाओं के हक़ की आवाज भी उठाने लगी. निदा ने सोशल मीडिया पर अपना दर्द साझा किया.
निदा तलाक़ और हलाला पीड़ित महिलाओं के लिए बनी मिशाल
निदा की शादी दुनिया भर में प्रसिद्ध दरगाह आला हजरत खानदान में हुई थी लेकिन उसको ससुराल में यातनाएं दी गई. निदा को मारपीट कर घर से निकालकर 3 बार तलाक़ बोल दिया गया. निदा एक दम से टूट गई लेकिन उसने हार नहीं मानी और अपने पति के खिलाफ कोर्ट में केस किया. एफआईआर दर्ज करवाई लेकिन पुलिस ने ऊंचे रसूख की वजह से उसके पति को गिरफ्तार नहीं किया. जिसके बाद निदा ने आला हजरत हेल्पिंग सोसायटी बनाकर पीड़ित मुस्लिम महिलाओं की मदद करना शुरू किया. निदा ने जो कुछ खुद सहा उसके बाद उसने ठान लिया और फिर उसने धर्म के ठेकेदारों की ईंट से ईंट बजाकर रख दी.
इस्लाम से निदा हो चुकी है खारिज, हुक्का पानी बन्द करने का जारी हो चुका है फ़तवा
निदा खान की आवाज को दबाने के लिए धर्म के ठेकेदारों ने फतवे का सहारा लिया. आला हजरत दरगाह के दारुल इफ्ता से निदा के खिलाफ फतवा जारी करते हुए उसे इस्लाम से खारिज कर दिया गया. निदा का हुक्का पानी तक बन्द करने का फतवे में जिक्र किया. फतवे में कहा गया कि जो कोई भी निदा से मिलेगा, उसकी मदद करेगा वो भी इस्लाम से खारिज हो जाएगा. यहां तक कि निदा के मरने पर उसे कब्रिस्तान में दफनाने पर भी रोक लगा दी गई. जिसके बाद निदा की तहरीर पर फ़तवा जारी करने वाले शहर काजी, शहर इमाम और निदा के पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया.
आला हजरत खानदान की बहू है निदा खान
पुराना शहर के मुहल्ला शाहदाना निवासी निदा खान की शादी 16 जुलाई 2015 को आला हजरत खानदान के उसमान रजा खां उर्फ अंजुम मियां के बेटे शीरान रजा खां से हुई थी. अंजुम मियां आल इंडिया इत्तेहादे मिल्लत काउंसिल के मुखिया मौलाना तौकीर रजा खां के सगे भाई हैं. निदा का कहना है कि शादी के बाद से ही उसके साथ मारपीट की गई जिससे उसका गर्भपात हो गया. शौहर शीरान रजा खां ने 5 फरवरी 2016 को 3 तलाक़ देकर घर से निकाल दिया.
निदा खान की पोस्ट
मैं निदा खान
एक दर्द जिसे लोगों ने कभी अपने हिसाब से समझा कभी जरूरत के हिसाब से समझा,जिसपर बीती नहीं उसने जाना नहीं उसने समझा नहीं. मेरा सफर समाजसेविका का बाद में बना पहले मैं खुद इस दंश की तकलीफ से गुजर रही हूं.मैं भी एक तलाक पीड़ित हूं.
आज मैं मैंने इस दर्द को हक की अवाज़ बनाया, हमें डराया धमकाया गया, जान से मारने के प्रयास किए गए. हमारे घरों पर हमले करवाये गए.परिवार के सदस्यों को जान से मारने की कोशिश भी गई.पर हम डरे नहीं, ना ही हमने हार मानी कोर्ट में भी हम पर कभी हद में कभी हद से बहार तक समझौते के लिए पैसे के प्रलोभन से लेकर तरह-तरह के दबाव डलवाए गए. यहां तक मेरी शर्ते तक पूछी गई.
तमाम ताकतवर लोग एक साथ खिलाफ़ इक्ठ्ठे हुए. हमारे साथ हुए अत्याचारों की फहरिस्त बहुत लम्बी है.पर लड़ते-लड़ते मैंने महिलाओं के हित में एक संगठन तैयार किया. आज आप ने उसे ''निदा की जंग'' नाम से नवाजा है.
मैं अपनी हर एक बहन के साथ आखिरी सांस तक हारने नहीं दूगीं.तलाक तलाक तलाक..तीन अल्फाज काफी कर दिए. कभी अपने अपनी अय्याशियों के लिए, कभी कोई आरोप लगाकर कभी कोई वजह ना भी हो तब तक तलाक दे दिय जाता है.
मगर बहनों अब ये तस्वीर बदल कर रखेंगे.हमारे हक हमें छीनने पड़ेंगे.
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Source: IOCL























