बिहार में चमकी बुखार से मरने वाले बच्चों की संख्या 155 पहुंची, 16 जिलों में फैला AES
एक्यूट एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) का असर मुजफ्फरपुर, भागलपुर, पूर्वी चंपारण, वैशाली, सीतामंढी और समस्तीपुर समेत 16 जिलों में देखा जा रहा है. पूरे बिहार में अब तक 155 बच्चों की मौत हो चुकी है.
पटना/मुजफ्फरपुर: बिहार में चमकी बुखार यानि एक्यूट एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) की वजह से अब तक 155 बच्चों की मौत हो चुकी है और केवल मुजफ्फरपुर में 120 बच्चों की जान चली गई है. 16 जिलों में दिमागी बुखार (एईएस) के मामले सामने आए हैं. स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार को बताया कि एक जून से राज्य में एक्यूट एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के 626 मामले दर्ज किए गए हैं.
ये जिले हैं प्रभावित
मुजफ्फरपुर जिले में सबसे अधिक अब तक 120 बच्चों की मौत हुए है. इसके अलावा भागलपुर, पूर्वी चंपारण, वैशाली, सीतामंढी और समस्तीपुर से मौतों के मामले सामने आये है. मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन डॉ शैलेश प्रसाद ने गुरुवार देर शाम को बताया कि पिछले 24 घंटे के दौरान श्रीकृष्ण मेडिकल कालेज अस्पताल और केजरीवाल अस्पताल में चमकी बुखार से सात बच्चों की मौत हुई.
उन्होंने बताया कि उनके जिले में अबतक इस रोग से ग्रसित कुल 562 बच्चे भर्ती कराए गए जबकि स्वास्थ्य लाभ लेने के बाद 219 बच्चों को अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है. मंगलवार को पूर्वी चंपारण जिले में एक बच्चे की और 16 जून को पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक बच्चे और 13 जून को समस्तीपुर जिले के विभूतिपुर में एक बच्चे की मौत हो गयी थी.
अपनी सेवाएं देने मुजफ्फरपुर पहुंचे डॉ कफील खान
इस बीच गोरखपुर के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ कफील खान, जिन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर की कथित कमी के कारण एक अस्पताल में बड़ी संख्या में जापानी इंसेफेलाइटिस पीड़ित बच्चों की मौत के बाद पिछले साल निलंबित कर दिया गया था, अपनी सेवाएं देने मुजफ्फरपुर पहुंचे हैं.
इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा जमानत पर रिहा किए जाने के बाद "सभी के लिए स्वास्थ्य" अभियान का संचालन करने वाले डॉ कफील मुजफ्फरपुर शहर के दामोदरपुर इलाके में एक शिविर लगाकर रोगी बच्चों का मुफ्त इलाज कर रहे हैं . कफील ने अपने ट्विटर अकाउंट पर भी दिमागी बुखार के लक्षणों के प्रबंधन के बारे में जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से वीडियो जारी किया है. चमकी बुखार का एक कारण हाइपोग्लाइसीमिया खून में शुगर का स्तर बहुत कम हो जाना भी है.