एक्सप्लोरर

250 करोड़ का प्लेन तो आ जाएगा, लेकिन नीतीश कुमार के लिए दिल्ली दूर क्यों; 3 प्वाइंट्स में समझिए

बिहार में 51 फीसदी से अधिक की आबादी गरीबी रेखा के नीचे है और इसी राज्य में वीआईपी मूवमेंट के नाम पर 250 करोड़ का प्लेन खरीदा जा रहा है. बिहार सरकार की इस खरीददारी को विपक्ष मिशन 2024 से जोड़ रहा है.

बिहार की सियासत में यू-टर्न लेने के बाद इन दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नजर दिल्ली पर है. मिशन 2024 की रफ्तार में तेजी लाने के लिए नीतीश सरकार ने 1 विमान और 1 हेलिकॉप्टर खरीदने का निर्णय लिया है. राज्य सरकार के पास वीआईपी मूवमेंट के लिए अभी 'किंग एयर सी-90 ए/बी' विमान और वीटी-ईबीजी हेलिकॉप्टर है.

बिहार कैबिनेट में लिए गए फैसले के मुताबिक 250 करोड़ का 12-सीटर जेट प्लेन और 100 करोड़ का 10-सीटर हेलिकॉप्टर खरीदा जाएगा. बिहार सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव (कैबिनेट सचिवालय) एस सिद्धार्थ ने पत्रकारों को बताया कि वीआईपी और वीवीआईपी आवाजाही के लिए यह खरीदा जाएगा. 3 महीने में इसकी प्रक्रिया फाइनल कर ली जाएगी.

यात्रा से बिहार में सक्रियता बढ़ाएंगे
16 सालों से बिहार की सत्ता में काबिज नीतीश कुमार पहली बार अपने किए कामों की मॉनिटरिंग के लिए यात्रा निकालेंगे. रिपोर्ट्स के मुताबिक नीतीश 5 जनवरी से यात्रा निकालेंगे. यात्रा की शुरुआत चंपारण से होगा, जहां से गांधी जी ने आजादी आंदोलन का बिगुल फूंका था. 

सीएम नीतीश यात्रा के दौरान जनता से मिलेंगे और समस्या जानने के बाद तत्काल समाधान करेंगे. उनकी इस यात्रा में सरकार के कई मंत्री भी शामिल रहेंगे. 2020 चुनाव के बाद जनता से सीधे संपर्क के लिए नीतीश का यह दूसरा दांव है. 2021 में उन्होंने जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम शुरू किया था. 

नीतीश इतने एक्टिव क्यों, 2 वजह
1. बीजेपी के खिलाफ गोलबंदी की कोशिश- 2014 और 2019 में बीजेपी की एकतरफा जीत हुई. इसकी सबसे बड़ी वजह विपक्षी पार्टियों का बिखराव था. 2024 में नीतीश कुमार इसी बिखराव को रोकने की कोशिश में है. खासकर यूपी, बिहार और हिंदी बेल्ट में. 1977 में विपक्षी एकता ने इंदिरा गांधी और 1989 में राजीव गांधी की सत्ता हिला दी थी.

दोनों बार गैर-कांग्रेस और गैर भाजपा के प्रधानमंत्री बने थे. 


250 करोड़ का प्लेन तो आ जाएगा, लेकिन नीतीश कुमार के लिए दिल्ली दूर क्यों; 3 प्वाइंट्स में समझिए

(Source- PTI)

2. बिहार चुनाव 2020 का बदला- विधानसभा चुनाव 2020 में नीतीश कुमार की पार्टी और बीजेपी मिलकर चुनाव मैदान में उतरी. दोनों पार्टियों ने 50-50 सीट शेयरिंग फॉर्मूला अपनाकर अपना उम्मीदवार भी उतारे, लेकिन यहीं नीतीश के साथ खेल हो गया. जदयू अध्यक्ष ललन सिंह के मुताबिक बीजेपी ने जदयू की सीटों पर चिराग मॉडल लागू करवा दिया. 

चिराग मॉडल से मतलब कि जहां-जहां जदयू के कैंडिडेट मैदान में थे, वहां-वहां चिराग पासवान की पार्टी ने उम्मीदवार खड़ा कर दिया. इसका नुकसान करीब 20 सीटों पर जदयू को हुआ. 

बीजेपी से गठबंधन तोड़ने की सबसे बड़ी वजह यही रही. नीतीश कुमार ने गठबंधन तोड़ने के बाद बयान भी दिया कि दिल्ली वाले 2024 में दिल्ली में रहेंगे, तब न?

दिल्ली फतह के लिए क्या है स्ट्रैटजी?
1. 13 पार्टियों को साथ लाने का टारगेट- नीतीश कुमार कांग्रेस समेत 13 पार्टियों को साथ लाने की तैयारी कर रहे हैं. इस प्रयास के तहत अब तक उन्होंने शरद पवार, ओम प्रकाश चौटाला, अरविंद केजरीवाल, एचडी कुमारस्वामी, सीताराम येचुरी और के चंद्रशेखर राव से मिल चुके हैं. इन 13 पार्टियों का लोकसभा के करीब 500 सीटों पर मौजूदगी है. 

अगर नीतीश इस स्ट्रेटजी को पूरा करने में सफल रहे, तो 2024 में 500 सीटों पर बीजेपी गठबंधन से सीधी लड़ाई होगी.


250 करोड़ का प्लेन तो आ जाएगा, लेकिन नीतीश कुमार के लिए दिल्ली दूर क्यों; 3 प्वाइंट्स में समझिए

(Source- Social Media)

2. ग्रामीण इलाकों की सीटों पर ज्यादा फोकस- सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुमार 2024 में बीजेपी को ग्रामीण इलाकों की सीटों पर मजबूती से टक्कर देने की स्ट्रेटजीअपना रहे हैं. चुनाव आयोग के मुताबिक देश में लोकसभा की 353 सीटें ग्रामीण इलाके की हैं. 

2009 के चुनाव में इन 353 सीटों में से बीजेपी को सिर्फ 77 पर जीत मिली थी. 2014 में यह ग्राफ बढ़कर 190 और 2019 में 207 हो गया. 

ग्रामीण इलाकों में बीजेपी की इस जीत की वजह से कांग्रेस को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ. 2009 में 353 में से 123 सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली थी. वहीं 2019 में यह आंकड़ा 26 पर पहुंच गई. रीजनल पार्टियों के सीटों में ज्यादा बदलाव नहीं आया.

2009 में ग्रामीण अंचल की 153 सीटों पर क्षेत्रीय पार्टियों ने जीत दर्ज की. 2019 में यह आंकड़ा 120 के आसपास रहा.

3. बिहार और झारखंड में मजबूत गठबंधन- बिहार और झारखंड में लोकसभा की कुल 54 सीटें हैं. नीतीश ने बिहार में 6 दलों के साथ मजबूत गठबंधन बनाया है. झारखंड में 4 दलों के साथ गठबंधन कर हेमंत सोरेन सत्ता में काबिज है. 

दोनों राज्यों में बीजेपी सत्ता से बाहर हैं. इन राज्यों में गठबंधन फॉर्मूला पहले भी हिट रहा है. ऐसे में फिर से मजबूत गठबंधन की रणनीति अपनाकर दिल्ली फतह करने की तैयारी में हैं.

सब ठीक पर नीतीश के लिए दिल्ली दूर, क्यों?
मिशन 2024 में जुटे सीएम नीतीश ने भले सक्रियता बढ़ा दी हो, लेकिन दिल्ली फतह आसान नहीं है. आइए, 3 प्वॉइंट में समझते हैं कि क्यों नीतीश से दिल्ली अभी दूर है.

1. बिहार की पॉलिटिक्स भी बैसाखी के सहारे- 1996 से लेकर अब तक नीतीश कुमार की राजनीति गठबंधन की बैसाखी पर टिकी है. नीतीश केंद्र में मंत्री भी अटल बिहारी वाजपेयी की गठबंधन सरकार में ही रहे हैं. इसके अलावा 4 टर्म बीजेपी समर्थन से और 2 टर्म राजद-कांग्रेस के समर्थन से मुख्यमंत्री रहे हैं.

नीतीश अब तक सिर्फ एक बार अकेले चुनाव लड़े हैं. 2014 में उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव में अकेले मैदान में उतरी. पार्टी को 40 में से सिर्फ 2 सीटों पर ही जीत मिली. वोट में 8.24 प्रतिशत की कमी आई. 

40 सीटों वाले बिहार जैसे छोटे राज्यों में भी नीतीश का कोई अपना जनाधार नहीं है. उनके मुकाबले अखिलेश यादव का यूपी में, ममता बनर्जी का बंगाल में, एमके स्टालिन का तमिलनाडु में अपना बड़ा जनाधार है.

हाल ही में हुए बिहार के कुढ़नी सीट पर विधानसभा के उपचुनाव में राजद-कांग्रेस के साथ गठबंधन के बावजूद नीतीश के कैंडिडेट को हार का सामना करना पड़ा था.

2. नीतीश की राजनीतिक विश्वसनीयता पर सवाल- पिछले 8 साल में नीतीश कुमार 4 बार पाला बदल चुके हैं. नीतीश ने 2013 में बीजेपी से गठबंधन तोड़ा. फिर 2015 में राजद के साथ मिलकर सरकार बनाई. भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर 2017 में राजद का भी साथ छोड़ दिया.

फिर बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई और अब 2021 में बीजेपी को छोड़कर राजद से मिल गए. पिछले 8 सालों में भारतीय राजनीति में नीतीश एकमात्र नेता हैं, जिन्होंने इतने गठबंधन बदले.

ऐसे में 2024 में उनके चेहरे पर विपक्षी पार्टियां खासकर कांग्रेस, तृणमूल और सपा शायद ही भरोसा करें.

3. विकास मॉडल पर सवाल, शराबबंदी भी करा रही किरकिरी- 2005 में सत्ता संभालने के बाद नीतीश कुमार ने क्राइम, करप्शन और कम्युनलिज्म पर जीरो टॉलरेंस का फॉर्मूला दिया. हालांकि, क्राइम और करप्शन के मुद्दे पर बिहार में नीतीश सरकार की कई बार किरकिरी हो चुकी है.

एनसीआरबी 2021  रिपोर्ट के मुताबिक हत्या मामले में देश का दूसरा खतरनाक राज्‍य है. चोरी के मामले में भी बिहार का नाम टॉप-3  में है.

2016 में नीतीश कुमार ने शराबबंदी लागू किया, लेकिन बिहार में जहरीली शराब की वजह से हो रही मौत से सरकार की काफी आलोचना हो चुकी है. 

इसके अलावा, नीतीश कुमार पिछले 16 सालों में बिहार का कोई विकास मॉडल भी नहीं बना पाए हैं. नवंबर 2021 में नीति आयोग ने एक रिपोर्ट जारी की थी. बहुआयामी गरीबी सूचकांक (MPI) रिपोर्ट के अनुसार बिहार में अभी भी 51.91 प्रतिशत जनसंख्या गरीबी रेखा के नीचे है. ऊर्जा विकास के क्षेत्र में भी नीति आयोग ने बिहार को काफी पिछड़ा बताया है. 


250 करोड़ का प्लेन तो आ जाएगा, लेकिन नीतीश कुमार के लिए दिल्ली दूर क्यों; 3 प्वाइंट्स में समझिए

(Source- PTI)

नीतीश के लिए दिल्ली दूर क्यों, 2 बयान भी पढ़ लीजिए

1. नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद पत्रकारों ने जब सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी से विपक्ष के चेहरा को लेकर सवाल पूछा तो उनका जवाब था, "चुनाव से पहले चेहरा तय करने का सवाल ही नहीं है. चुनाव के बाद इस पर फैसला होगा."

2. 23 अगस्त को अखिलेश यादव ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि ने 2024 में विपक्ष की ओर से पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव और एनसीपी प्रमुख शरद पवार पीएम उम्मीदवार हो सकते हैं.

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

'यूनुस ने भारत के खिलाफ ...', शेख हसीना ने बांग्लादेश की सरकार को जमकर सुनाया
'यूनुस ने भारत के खिलाफ ...', शेख हसीना ने बांग्लादेश की सरकार को जमकर सुनाया
CM योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा में चूक, अखिलेश यादव ने भी जताई चिंता, एक अधिकारी पर एक्शन
CM योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा में चूक, अखिलेश यादव ने भी जताई चिंता, एक अधिकारी पर एक्शन
इस मुस्लिम देश में भारत का 1 रुपया आपको देगा राजाओं वाली फीलिंग? 1 लाख में हो जाएंगे करोड़पति
इस मुस्लिम देश में भारत का 1 रुपया आपको देगा राजाओं वाली फीलिंग? 1 लाख में हो जाएंगे करोड़पति
पाकिस्तान के समीर मिन्हास ने अंडर-19 एशिया कप में मचाया तहलका, बना ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’
पाकिस्तान का वो 19 साल का बल्लेबाज जिसने अंडर-19 एशिया कप में मचाया तहलका, बना ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’

वीडियोज

Top News: 8 बजे की बड़ी खबरें | Aravali Hills | Bangladesh Protest | TMC | Jeetram Manjhi
Delhi Pollution: Delhi में प्रदूषण के स्तर में कोई बदलाव नहीं, ग्रेटर नोएडा में AQI 500 पार
Madhya Pradesh के Sihore में Karni Sena पर हुआ जमकर पथराव, कई गाड़ियों के टूटे शीशे, हालात नाजुक
Top News: 7 बजे की बड़ी खबरें | TMC | Maharashtra News| Aravali Hills | Bangladesh Protest
Aravalli News : सड़क पर उतरी जनता, अरावली नहीं बचेगी तो खुद खत्म हो जाएगी दिल्ली समझिए क्या है सच ?

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'यूनुस ने भारत के खिलाफ ...', शेख हसीना ने बांग्लादेश की सरकार को जमकर सुनाया
'यूनुस ने भारत के खिलाफ ...', शेख हसीना ने बांग्लादेश की सरकार को जमकर सुनाया
CM योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा में चूक, अखिलेश यादव ने भी जताई चिंता, एक अधिकारी पर एक्शन
CM योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा में चूक, अखिलेश यादव ने भी जताई चिंता, एक अधिकारी पर एक्शन
इस मुस्लिम देश में भारत का 1 रुपया आपको देगा राजाओं वाली फीलिंग? 1 लाख में हो जाएंगे करोड़पति
इस मुस्लिम देश में भारत का 1 रुपया आपको देगा राजाओं वाली फीलिंग? 1 लाख में हो जाएंगे करोड़पति
पाकिस्तान के समीर मिन्हास ने अंडर-19 एशिया कप में मचाया तहलका, बना ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’
पाकिस्तान का वो 19 साल का बल्लेबाज जिसने अंडर-19 एशिया कप में मचाया तहलका, बना ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’
'धुरंधर के बारे में सोचना बंद कर..' यूट्यूबर ध्रूव राठी पर आखिर क्यों भड़कीं देवोलीना भट्टाचार्जी, सुना दी खरी-खोटी
यूट्यूबर ध्रूव राठी पर आखिर क्यों भड़कीं देवोलीना भट्टाचार्जी, सुना दी खरी-खोटी
Country Without Railway Stations: इन देशों में नहीं है एक भी रेलवे स्टेशन, आने जाने के लिए लोग बसों पर हैं निर्भर
इन देशों में नहीं है एक भी रेलवे स्टेशन, आने जाने के लिए लोग बसों पर हैं निर्भर
रूस ने भारतीय छात्रों के लिए की स्कॉलरशिप की शुरुआत, जानिए कैसे करें आवेदन?
रूस ने भारतीय छात्रों के लिए की स्कॉलरशिप की शुरुआत, जानिए कैसे करें आवेदन?
सुबह का नाश्ता नहीं करने से मेटाबॉलिज्म और शुगर पर क्या असर पड़ता है? जानें एक्सपर्ट्स की राय
सुबह का नाश्ता नहीं करने से मेटाबॉलिज्म और शुगर पर क्या असर पड़ता है? जानें एक्सपर्ट्स की राय
Embed widget