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Explained: 65 हज़ार से ज़्यादा मौतें, 80% गाज़ा तबाह, 2 साल की जंग में किसने क्या खोया-क्या पाया और आगे क्या?

ABP Explainer: इजराइल का यह टारगेट अभी तक अधूरा है, क्योंकि सभी बंधक रिहा नहीं हुए. वहीं, इसके अलावा हमास चाहता था कि अरब देश भी फिलिस्तीन के मुद्दे को तवज्जोह दें, तो 2 सालों में ऐसा ही हुआ.

7 अक्टूबर 2023 की सुबह हमास के हजारों लड़ाके इजराइल में घुसे और करीब 1200 लोगों का कत्ल किया. 251 लोगों को बंदी बनाकर गाज़ा ले गए. 8 अक्टूबर को इजराइल ने गाज़ा में हवाई हमला करके हमास को खत्म करने का अहद कर लिया. तब से शुरू हुआ तबाही का दौर आज भी जारी है.

तो आइए ABP एक्सप्लेनर में समझते हैं कि इजराइल-हमास जंग क्यों शुरू हुई, किसने क्या खोया-क्या पाया और अब गाज़ा पर किसका कब्जा होगा...

सवाल 1- इजराइल-हमास की जंग की शुरुआत कैसे और क्यों हुई थी?
जवाब- 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने गाज़ा से इजराइल की ओर 5 हजार से ज्यादा रॉकेट और मोर्टार दागे. सैकड़ों हमास लड़ाके गाज़ा की सीमा तोड़कर दक्षिणी इजराइल में घुस गए. इसमें पैराग्लाइडर, गाड़ियों और समुद्री रास्तों का इस्तेमाल किया. उन्होंने इजराइली लोगों, सैन्य ठिकानों और एक म्यूजिक शो नोवा फेस्टिवल पर हमला किया, जिसमें 1,139 लोग मारे गए और 251 लोग बंधक बना लिए.

दरअसल, 1987 में मौलवी शेख अहमद यासीन ने हरकत अल-मुकावामा-अल-इस्लामिया यानी हमास की शुरुआत की. इस संगठन को बनाने का मकसद इजराइल को मिटाना और फिलिस्तीन में इस्लामी परचम लहराना था. 2005 में इजराइल ने गाजा पट्टी पर कब्जा छोड़ा, तो हमास ने कंट्रोल कर लिया. 2006 के चुनावों में हमास ने बहुमत हासिल किया. वो शरिया कानूनों के हिसाब से सरकार चलाने लगा.

हमास के सैन्य कमांडर अल-दाइफ ने लगातार होते इजराइली हमलों और सालों से गाज़ा पट्टी पर इजराइली नाकेबंदी को हमले की वजह बताया. हमास ने यह भी आरोप लगाया था कि अप्रैल 2023 में अल-अक्सा मस्जिद पर ग्रेनेड फेंककर इजराइल ने उसे अपवित्र किया. 7 अक्टूबर का हमला उसका भी बदला था.

विदेश मामलों के जानकार और JNU के रिटायर्ड प्रोफेसर ए. के. पाशा के मुताबिक हमास के इजराइल पर हमला करने की 3 बड़ी वजहें हैं...

  • हमास फिलिस्तीन के मुद्दे पर ग्लोबल सपोर्ट चाहता था. हमास को पता था कि 7 अक्टूबर को इतना बड़ा हमला करने के बाद इजराइल पलटवार जरूर करेगा, जिसके लिए उसने तैयारी कर रखी थी. हमास ने पूरे गाज़ा में सुरंगों का जाल बिछा रखा था और खाने-पीने और हथियारों इकट्ठे किए हुए थे.
  • 7 अक्टूबर को हमले के बाद हमास के प्रवक्ता गाजी अहमद ने कहा कि यह हमला अरब के उन देशों के लिए एक पैगाम है, जो इजराइल के साथ अपने रिश्तों को बेहतर करने की कोशिश कर रहे हैं. फिलिस्तीन के मुद्दे पर सबको एकसाथ लाने के लिए हमास ने गाज़ा पर हमला किया था.
  • हमास 250 से ज्यादा इजराइलियों को बंधक बनाकर इजराइल से समझौता करना चाहता था. उसका मानना था कि बंधकों के बलबूते वो इजराइल को बातचीत की मेज पर लाएगा और फिलिस्तीन के मुद्दे पर समझौता करेगा.

लेकिन नतीजा इसका उलटा हुआ. इजराइल ने अगले ही दिन यानी 8 अक्टूबर 2023 को गाज़ा पर हवाई हमला कर के जंग की शुरुआत कर दी. जो आज भी चली आ रही है.

सवाल 2- 2 साल से चल रही इजराइल-हमास जंग में कितने लोग मारे गए?
जवाब- गाज़ा हेल्थ मिनिस्ट्री के मुताबिक, 7 अक्टूबर 2023 से 6 अक्टूबर 2025 तक 67,139 फिलीस्तीनियों की मौत हो चुकी है और 1.69 लाख घायल हैं. गाज़ा की कुल जनसंख्या का 22% यानी 4.7 लाख लोग भुखमरी का सामना कर रहे हैं.

यूनाइटेड नेशन रिलीफ एंड वर्क एजेंसी ऑफ फिलिस्तीन यानी UNRWA के मुताबिक, हर दिन इजराइली हमलों की वजह से गाज़ा में 100 लोगों की मौत होती है. इसके अलावा भूख और मेडिकल सुविधाओं की कमी से कई लोग अपनी जान गंवा देते हैं.

UNRWA के डेटा के मुताबिक, 845 लोग एजेंसी के शेल्टर में मारे गए. एजेंसी के भी 370 स्टाफ सदस्यों की जान गई है.

सवाल 3- इजराइल ने पिछले 2 सालों में कितना गाज़ा तबाह कर दिया?
जवाब- पिछले 2 सालों से हमास के इजराइल पर हमले का खमियाजा फिलीस्तीनियों को उठाना पड़ रहा है...

इजराइल और हमास की जंग शुरू होने से पहले गाज़ा में 21 लाख लोग रहते थे. इनमें से करीब 90% लोग विस्थापित हो चुके हैं, कई परिवार ऐसे हैं जिन्हें लगातार अपने ठिकाने पदलने पड़ रहे हैं.
यूनाइटेड नेशन सैटेलाइट सेंटर यानी UNOSAT के डेटा के मुताबिक, गाज़ा का 80% इन्फ्रास्ट्रक्चर, खेती की 90% जमीन और 92% स्कूली इमारतें तबाह हो चुकी हैं.
UNRWA के 22 हेल्थ केयर सेंटर में से सिर्फ 4 चालू हैं. 40% से ज्यादा परिवारों को कचरे के पास रहना पड़ रहा है. 60% परिवारों के पास नहाने के लिए जरूरी सामान तक नहीं है.

सवाल 4- तो क्या 2 सालों में इजराइल ने वो पा लिया, जिसके लिए जंग शुरू की?
जवाब- इजराइल ने 8 अक्टूबर को गाजा में युद्ध शुरू किया, जिसकी दो बड़ी वजहें थीं...

1. हमास को पूरी तरह खत्म करना

  • इजराइल ने कहा था कि वह हमास को आतंकी संगठन के रूप में खत्म कर देगा, ताकि वह फिर कभी हमला न कर सके. इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने 9 अक्टूबर 2023 को यरूशलेम में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था, 'हम हमास को पूरी तरह खत्म करनेंगे, जैसे ISIS को खत्म किया है.'
  • इजराइल ने हमास की टॉप लीडरशिप मार दी. इनमें सालेह अल अरुरू, याह्या सिनवार, मोहम्मद दाइफ, इस्माइल हानिया और मोहम्मद सिनवार शामिल हैं. इसके अलावा गाज़ा में हमास की 500 किलोमीटर लंबी सुरंगों में से 70% नष्ट कर दीं. हथियार भंडार और रॉकेट लॉन्च साइट्स को भी भारी नुकसान पहुंचाया.
  • 3 अक्टूबर को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ पर पोस्ट करते हुए कहा कि हमास 25 हजार लड़ाके खो चुका है. उसके मुख्य कमांडरों की भी मौत हो गई है. लेकिन इसके बावजूद हमास पूरी तरह खत्म नहीं हुआ, बल्कि नए नेता उभरे हैं. मिडिल ईस्ट इंस्टीट्यूट के अनुमानों के मुताबिक, हमास ने 25 हजार नए लड़ाके भर्ती किए.
  • हमास ने गाजा सिटी पर नियंत्रण खो दिया, लेकिन दक्षिणी गाजा के राफाह और खान यूनिस जैसे कुछ इलाकों में एक्टिव है. हमास ने छोटे-मोटे रॉकेट हमले जारी रखे हैं.

2. इजराइली बंधकों की आज़ादी

  • हमास ने 251 इजराइलियों और विदेशियों को बंधक बनाया था. इजराइल का टारगेट था कि सभी बंधकों को जिंदा वापस लाया जाए. नेतन्याहू ने 12 नवंबर 2023 को तेल अवीव में कहा, 'हमारा पहला टारगेट हर बंधक को सुरक्षित लाना है.'
  • नवंबर 2023 में पहला सीजफायर हुआ, तो कतर और मिस्र की मध्यस्थता से 105 बंधक रिहा हुए, जिसमें 81 इजराइली और 24 विदेशी शामिल थे. इसके बदले इजराइल ने 240 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया. इसके बाद जनवरी 2025 में सीजफायर हुआ तो 43 बंधक रिहा हुए, जिनमें 10 सैनिक सामिल थे.
  • इजराइल डिफेंस फोर्स यानी IDF ने बचाव अभियान चलाकर 4 बंधकों को छुड़ाया. कुल मिलाकर 148 बंधक जिंदा लौटे. 34 के मारे जाने की पुष्टि हुई और 69 अभी भी लापता हैं या गाज़ा में बंदी हैं.
  • इजराइल का यह टारगेट अभी तक अधूरा है, क्योंकि सभी बंधक रिहा नहीं हुए. इस वजह से इजराइल में सरकार के खिलाफ गुस्सा बढ़ा. इजराइलियों ने नेतन्याहू पर आरोप लगाया कि उन्होंने सैन्य हमलों को प्राथमिकता दी, जिससे बंधकों की जान खतरे में पड़ी.

सवाल 5- क्या हमास ने वो पा लिया, जिस वजह से इजराइल पर हमला किया था?
जवाब- 10 अक्टूबर 2023 को हमास के पूर्व नेता खालिद मशाल ने अल जजीरा को दिए बयान में कहा था, 'हमारा हमला अल-अक्सा मस्जिद पर इजराइली अतिक्रमण, गाज़ा की नाकाबंदी और फिलिस्तीनी लोगों के अधिकारों के लिए था.'

  • हमास के हमले ने फिलिस्तीनी मुद्दे को ग्लोबल लेवल पर चर्चा में ला दिया. 20 से ज्यादा देशों ने फिलिस्तीन को आज़ाद देश के रूप में मान्यता दी.
  • हमास चाहता था कि फिलिस्तीन का मुद्दा दुनियाभर में उठे और इजराइल को सबक मिले. अंतर्राष्ट्रीय जनमत में इजराइल की आलोचना बढ़ी. प्यू रिसर्च सेंटर की जून 2025 की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में 60% लोग इजराइली हमलों के खिलाफ थे.
  • एम्नेस्टी इंटरनेशनल ने अप्रैल 2024 में इजराइल की कार्रवाइयों को नरसंहार कहा, जिससे फिलिस्तीनी पीड़ितों के लिए सहानुभूति बढ़ी.
  • अभी हमास के पास करीब 15 हजार लड़ाके हैं, जो सुरंगें बनाकर छिपे हैं और इजराइली सैनिकों पर छापामार तरीके से हमला करते हैं. फिलहाल खालिद मशाल और खलील अल-हय्या जैसे नेताओं के पास हमास की कमान है.
  • इसके अलावा हमास चाहता था कि अरब देश भी फिलिस्तीन के मुद्दे को तवज्जोह दें, तो पिछले दो सालों में ऐसा ही हुआ. हालांकि, हमास को इजराइल के इतने बड़े पलटवार की उम्मीद नहीं थी कि उसकी पूरी टॉप लीडरशिप ही खत्म हो जाएगी.

सवाल 6- इजराइल-हमास की जंग का खमियाज़ा किन-किन देशों को उठाना पड़ा?
जवाब- हमास के हमले से शुरू हुई जंग का खमियाज़ा मिडिल ईस्ट के 6 देशों को चुकाना पड़ा...

  1. लेबनान: हमास के सपोर्ट में हिजबुल्लाह इजराइल की उत्तरी सीमा पर हमले कर रहा था. 18 सितंबर 2024 को अचानक हिजबुल्लाह नेताओं पर पेजर और वॉकी-टॉकी ब्लास्ट हुए. इजराइल ने लेबनान पर 4 दिनों में 900 से ज्यादा मिसाइलें दागीं. हमलों में हिजबुल्लाह लीडर हसन नसरल्लाह की भी मौत हो गई.
  2. यमन: हूती विद्रोहियों ने गाज़ा के समर्थन में अक्टूबर 2023 से ही इजराइल पर हमले शुरू कर दिए थे. मई 2025 तक ये करीब 250 हमले कर चुके हैं. 10 सितंबर को इजराइल ने यमन की राजधानी सना और अल जौफ प्रांत में मिलिट्री कैंप्स, सरकारी दफ्तर और फ्यूल स्टोरेज पर बम गिराए. इसमें 20 से ज्यादा हूती मारे गए.
  3. ईरान: 13 जून 2025 को इजराइल ने ईरान पर 200 से ज्यादा फाइटर जेट से हमला कर 'ऑपरेशन राइजिंग लॉयन' लॉन्च किया. इजराइल ने ईरान के कई परमाणु वैज्ञानिक मार दिए. 24 जून को सीजफायर हुआ और इस दौरान 12 दिनों में ईरान में 627 और इजराइल में 28 लोगों की मौत हुई.
  4. सीरिया: पिछले 14 सालों से गृहयुद्ध झेल रहा सीरिया में 8 सितंबर की देर रात हवाई हमला हुआ, जिसमें 12 लोग मारे गए. इजराइल ने कहा कि सीरिया ईरान की वायुसेना IRGC को हथियार सप्लाई कर रहा था, जो हिजबुल्लाह और हमास को मजबूत करता है.
  5. कतर: 9 सितंबर 2025 को इजराइल ने कतर की राजधानी दोहा पर एयरस्ट्राइक की और फाइटर जेट्स से 10 से ज्यादा मिसाइलें दागीं. इजराइल ने कहा कि खलील अल-हय्या जैसे हमास के टॉप लीडर्स कतर में छिपे थे और गाज़ा सीजफायर नेगोसिएशन कर रहे थे.
  6. ट्यूनिशिया: 8 सितंबर को इजराइल ने ट्यूनिशिया के पोर्ट पर एक फैमिली बोट पर ड्रोन हमला किया. इस जहाज में 6 लोग सवार थे, जो पुर्तगाली झंडा लगाकर सफर कर रहे थे. 9 सितंबर को दूसरा हमला किया. यह बोट्स गाज़ा पहुंचकर खाना, दवाइयां और जरूरी सामान पहुंचाने वाली थी, जो इजराइल के मुताबिक हमास को हथियार या सपोर्ट पहुंचा सकती थी.

सवाल 7- गाज़ा पर हमले के 2 साल पूरे होने के बाद अब आगे क्या होगा?
जवाब- 29 सितंबर की रात ट्रंप ने इजराइल और हमास के बीच सीजफायर का 20 पॉइंट का प्लान जारी किया. इसमें गाज़ा को टेरर फ्री जोन बनाना, दोनों तरफ से बंधकों को रिहा करना, हथियार डालने की शर्त पर हमास को माफी देना, इजराइल का गाज़ा पर कब्जा न करना जैसे पॉइंट्स शामिल हैं. इसके अलावा गाज़ा को बसाने का प्लान भी है. हमास भी इस प्लान का समर्थन करता है, लेकिन कुछ पॉइंट्स पर आपत्ति है.

ए. के. पाशा कहते हैं, 'ट्रंप के प्लान में दुश्वारी है कि नेतन्याहू कभी अपनी बात पर नहीं टिकते. वे कभी भी सीजफायर तोड़ देते हैं और हमले शुरू कर देते हैं. गाज़ा पर कब्जा करना नेतन्याहू के ग्रेटर इजराइल का हिस्सा है. अब आगे देखना होगा कि होता क्या है. बहरहाल ट्रंप का प्लान कामयाब हो सकता है क्योंकि अब गाज़ा में तबाही बहुत हो चुकी है.'

ज़ाहिद अहमद इस वक्त ABP न्यूज में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर (एबीपी लाइव- हिंदी) अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इससे पहले दो अलग-अलग संस्थानों में भी उन्होंने अपनी सेवाएं दी. जहां वे 5 साल से ज्यादा वक्त तक एजुकेशन डेस्क और ओरिजिनल सेक्शन की एक्सप्लेनर टीम में बतौर सीनियर सब एडिटर काम किया. वे बतौर असिस्टेंट प्रोड्यूसर आउटपुट डेस्क, बुलेटिन प्रोड्यूसिंग और बॉलीवुड सेक्शन को भी लीड कर चुके हैं. ज़ाहिद देश-विदेश, राजनीति, भेदभाव, एंटरटेनमेंट, बिजनेस, एजुकेशन और चुनाव जैसे सभी मुद्दों को हल करने में रूचि रखते हैं.

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