4 साल बाद गांधी शांति पुरस्कारों का एलान, 2018 का योही सासाकावा को मिला
यह पुरस्कार अहिंसा और अन्य गांधीवादी तरीकों से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन में योगदान के लिए लोगों और संस्थानों को दिया जाता है.

नई दिल्ली: सरकार ने बुधवार को 2015 से 2018 तक के गांधी शांति पुरस्कार विजेताओं के नामों की घोषणा की. इस पुरस्कार से अंतिम बार साल 2014 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को सम्मानित किया गया था. सरकार ने हालांकि 2014 के बाद से इस पुरस्कार से किसी को सम्मानित नहीं किया था. यह पुरस्कार अहिंसा और अन्य गांधीवादी तरीकों से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन में योगदान के लिए लोगों और संस्थानों को दिया जाता है.
Individuals like Mr. Yohei Sasakawa motivate millions of people. He is at the forefront of many philanthropic initiatives. His compassionate nature can be seen in the manner in which he’s worked to eliminate leprosy. Congratulations to him for the Gandhi Peace Prize, 2018.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 16, 2019
मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा कि साल 2015 के लिए कन्याकुमारी के विवेकानंद केन्द्र, 2016 के लिए अक्षय पात्र फाउंडेशन और सुलभ इंटरनेशनल को संयुक्त रूप से, 2017 के लिए एकई अभियान ट्रस्ट और 2018 के लिए कुष्ठरोग उन्मूलन के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के सद्भावना दूत योही सासाकावा को इस पुरस्कार से नवाजा गया है.
इन पुरस्कारों के विजेताओं का फैसला एक ज्यूरी ने किया जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेसी नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और लालकृष्ण आडवाणी शामिल थे. यह पुरस्कार महात्मा गांधी की 125वीं जयन्ती के मौके पर साल 1995 में शुरू हुआ था. इसके तहत एक करोड़ रुपये, एक प्रशस्ति पत्र, एक बैज और हस्तशिल्प की एक वस्तु दी जाती है.
यह भी देखें
Source: IOCL























