शशि थरूर ने संसद में परमाणु ऊर्जा अधिनियम को लेकर पूछा गंभीर सवाल, जानें क्या मिला जवाब
शीतकालीन सत्र के दौरान आज कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सरकार से एक अहम सवाल पूछा है. उनके सवालों का जवाब सरकार में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने दिया.

शीतकालीन सत्र के दौरान आज लोकसभा में कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सरकार से अहम सवाल पूछा. उन्होंने सरकार से पूछा कि क्या सरकार ने नागरिक परमाणु क्षति अधिनियम 2010 और परमाणु ऊर्जा अधिनियम 1962 में संशोधन का प्रस्ताव किया है?
उन्होंने पूछा कि इनमें संयुक्त राज्य अमेरिका और फ्रांस जैसे विदेशी संस्थाओं के साथ परमाणु सहयोग को बढ़ावा देने के लिए उपकरण आपूर्तिकर्ताओं की देयता पर एक सीमा निर्धारित करना शामिल है. यदि हां, तो इस पर सरकार पूरी जानकारी दे. इन संशोधनों को संसद में रखने और लागू करने की समय सीमा क्या है?
थरूर ने इसके अलावा पूछा, क्या परमाणु घटना के मामले में परमाणु सुरक्षा और पीड़ितों के अधिकारों के लिए दायित्व को प्रभावित करने के तरीके का कोई आकलन किया गया है? यदि हां, तो इसके विवरण क्या हैं?
इनके अलावा देयता प्रावधानों को शिथिल किए जाने के बावजूद सुरक्षा मानकों और नियामक निगरानी को मजबूत करने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं? क्या संशोधित देयता संरचना के तहत संभावित नुकसान को संबोधित करने के लिए कोई मुआवजा ढांचा या बीमा पूल प्रस्तावित या विस्तारित किया जा रहा है, और यदि हां, तो इसके विवरण क्या हैं?
सरकार की तरफ से राज्यमंत्री जीतेंद्र सिंह ने दिया जवाब
शशि थरूर के सवाल का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डॉक्टर जीतेंद्र सिंह ने बताया कि बजट 2025 की घोषणा के दौरान, सरकार ने घोषणा की है कि नागरिक परमाणु क्षति अधिनियम 2010 और परमाणु ऊर्जा अधिनियम 1962 में संशोधन करके सक्रिय निजी क्षेत्र की भागीदारी को सुगम बनाया जाएगा.
परमाणु ऊर्जा विधेयक 2025 का मसौदा तैयार
जीतेंद्र सिंह ने बताया कि परमाणु ऊर्जा विधेयक 2025 का मसौदा वर्तमान में तैयार किया जा रहा है और विभिन्न मंत्रालयों से अंतिम टिप्पणियों और सुझावों को शामिल किया जा रहा है, साथ ही साथ कानून और न्याय मंत्रालय द्वारा कानूनी अनुपालन के लिए जांच की जा रही है.
मंत्री ने जानकारी देते हुए कहा कि विधेयक के विशिष्ट पहलुओं के संबंध में सरकार की नीति निर्देशों को मंजूरी के लिए प्रस्तुत करने से पहले उचित रूप से शामिल किया जा रहा है. माननीय सदस्य द्वारा उठाए गए विभिन्न पहलुओं/अनुरोधों को संबोधित करने के लिए संशोधनों में विचार किया जा रहा है, और इन पर स्थिति स्पष्ट की जाएगी, जब मसौदा संबंधित मंत्रालयों द्वारा जांचा जाएगा और सरकार द्वारा अनुमोदित किया जाएगा.
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