सीपी राधाकृष्णन बने देश के नए उपराष्ट्रपति, सुदर्शन रेड्डी को हराया; 768 में से मिले इतने वोट
CP Radhakrishnan Next Vice President of India: सीपी राधाकृष्णन को 452 वोट मिले जबकि उनके विरोधी सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले. उन्होंने 152 वोटों के अंतर से यह चुनाव जीत लिया.

एनडीए के उम्मीदवार और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को भारत का नया उपराष्ट्रपति चुना गया है. इस चुनाव में कुल 788 सांसदों को वोट देने का अधिकार था, जिनमें से 781 ने हिस्सा लिया. मतदान का प्रतिशत 98.2% रहा. कुल 768 वोट डाले गए, जिनमें से 752 वोट मान्य थे. इनमें से सीपी राधाकृष्णन को 452 वोट मिले जबकि उनके विरोधी सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले. उन्होंने 152 वोटों के अंतर से यह चुनाव जीत लिया.
किसने किया रिजल्ट का ऐलान?
राज्यसभा के सचिव और निर्वाचन अधिकारी पीसी मोदी ने घोषणा की कि एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन भारत के अगले उपराष्ट्रपति चुने गए हैं. उन्होंने बताया कि उपराष्ट्रपति के 17वें चुनाव के लिए 7 अगस्त को नोटिस जारी किया गया था और कुल 68 नामांकन प्राप्त हुए. नामांकन की जांच के बाद केवल सीपी राधाकृष्णन और बी सुदर्शन रेड्डी के नाम वैध पाए गए.
VIDEO | Vice President Election: Secretary General of Rajya Sabha, also the returning officer PC Mody declares CP Radhakrishnan as the next Vice President of India.
— Press Trust of India (@PTI_News) September 9, 2025
He says, "The notice for the 17th election to the office of the Vice President was issued on August 7, in all, 68… pic.twitter.com/VJTHgmdUtz
कुल वोटरों की इतनी थी संख्या
उपराष्ट्रपति चुनाव में संसद के सभी सदस्य -जिसमें नामित सदस्य भी शामिल हैं, वोट देने के योग्य थे. कुल 788 वोटर थे, जिनमें 245 राज्यसभा और 543 लोकसभा के सदस्य शामिल थे. मतदान सुबह से शाम 5 बजे तक चला, जिसमें 767 निर्वाचकों ने अपना वोट डाला. केवल एक बैलेट बॉक्स का उपयोग किया गया. मतगणना शाम 6 बजे शुरू हुई. सुदर्शन रेड्डी को 300 प्रथम वरीयता वोट मिले, जबकि सीपी राधाकृष्णन को 452 वोट मिले.
PM मोदी ने दी सीपी राधाकृष्णन को बधाई
पीएम मोदी ने उपराष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने वाले सीपी राधाकृष्णन को बधाई देते हुए लिखा, 'उनका जीवन सदैव समाज सेवा और गरीबों व वंचितों को सशक्त बनाने के लिए समर्पित रहा है. मुझे विश्वास है कि वे एक उत्कृष्ट उपराष्ट्रपति होंगे, जो हमारे संवैधानिक मूल्यों को सुदृढ़ करेंगे और संसदीय संवाद को आगे बढ़ाएंगे.'
Source: IOCL
























