Uttarakhand Tunnel Accident: 'टनल से निकाली गई ऑगर, मैन्युअल ड्रिलिंग का रास्ता साफ, 12-24 घंटे में पूरा हो सकता है काम', पढ़ें सभी अपडेट
Uttarakhand Tunnel Accident: उत्तराखंड सुरंग हादसे के रेस्क्यू ऑपरेशन का आज (27 नवंबर) को 16वां दिन है. अब सेना भी मजदूरों को बाहर निकालने में जुट गई है.

Uttarakhand Tunnel Collapse News: उत्तराखंड में हुए सुरंग हादसे को दो हफ्ते से ज्यादा का वक्त हो गया है. 12 नवंबर को उत्तरकाशी जिले के सिल्क्यारा में सुरंग हादसा हुआ, जिसमें 41 मजदूर फंस गए. इन मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है, जिसका आज (27 नवंबर) 16वां दिन है. मजदूरों को बाहर निकालने के लिए बड़े पैमाने पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. यही वजह है कि मजदूरों की जान बचाने में अब सेना भी जुट गई है.
निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए आधुनिक मशीनों का सहारा लिया जा रहा है. विदेशी एक्सपर्ट्स की भी रेस्क्यू ऑपरेशन में मदद ली जा रही है. ऐसे में आइए जानते हैं कि उत्तराखंड सुरंग हादसे में अब तक के लेटेस्ट अपडेट्स क्या हैं.
- सुरंग में खुदाई कर रही ऑगर मशीन खराब हो गई थी. रविवार रात ऑगर मशीन का पूरा ब्लेड बाहर निकाल लिया गया है. अब जिस वजह से ऑगर मशीन डिस्टर्ब हुई थी, उस मेटल को काटकर बाहर किए जाने का काम शुरू होगा.
- मजदूरों तक पहुंचने के लिए 800 एमएम का जो पाइप भीतर डाला जा रहा था, वो भी टेढ़ा होगा गया है. लगभग पौन मीटर के पाइप को काटकर बाहर निकाला जाएगा. इस बाधा को दूर करने के बाद मैनुअल ड्रिलिंग का काम शुरू किया जाएगा.
- वर्टिकल हो रही ड्रिलिंग में रात तक लगभग एक मीटर वाले हिस्से में 75 मीटर तक ड्रिलिंग हो चुकी है. मगर इसमें पानी आ जाने के कारण ड्रिलिंग का काम रोक दिया गया है.
- वर्टिकल ड्रिलिंग के जरिये 2 अलग-अलग जगह से पाइप डाले जा रहे है. पहली पाइप लाइफलाइन वाली है, जिसके जरिये खाना और जरूरत का सामान भेजा जाएगा. ये पाइप 8 इंच चौड़ी है और अब तक लगभग 78 मीटर तक जा चुकी है. लेकिन इसके आगे की खुदाई के दौरान पानी और चट्टान सामने आने से आगे का काम फिलहाल रूका हुआ है.
- दूसरी ड्रिलिंग 1.2 मीटर चौड़ी ड्रिलिंग की जा रही है, जिसके जरिये फंसे हुए लोगों को बाहर निकाला जायेगा. ये लगभग 30 मीटर तक ड्रिल की जा चुकी है. आगे की ड्रिलिंग जारी है. दोनों पाइप को लगभग 86 मीटर तक जाना है.
- वर्टिकल ड्रिलिंग के समानांतर हो रही आठ इंच की ड्रिलिंग लगभग चालीस मीटर तक हो चुकी है. जिस जगह पानी आया है उसका आज परीक्षण किया जाएगा कि आगे की ड्रिलिंग कैसे की जाए. यह भी विचार किया जा रहा है कि आठ इंच वाली ड्रिलिंग को उतनी ही गहराई तक ले जाकर पानी पंप करके बाहर निकाला जाए.
- अगर आज वर्टिकल ड्रिलिंग के दौरान किसी भी तरह की बाधा आती है, तो अधिकारी बगल से भी ड्रिल करने की योजना पर काम कर रहे हैं. ऐसा तभी किया जाएगा, जब ऑगर को बाहर निकाल लिया जाएगा.
- हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, वर्टिकल ड्रिलिंग का काम 12 से 24 घंटे में पूरा हो सकता है. इसके बाद अंदर फंसे मजदूरों को स्टील पाइप के भीतर से निकालकर एयरलिफ्ट किया जाएगा. उन्हें तुरंत पास की मेडिकल फैसिलिटी में ले जाया जाएगा, जहां डॉक्टर्स की टीम स्टैंडबाय पर है.
- भारतीय सेना ने भी उत्तराखंड सुरंग हादसे में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है. सेना के जवानों ने हाथों से मलबे के भीतर से ऑगर मशीन के टुकड़ों को बाहर निकालने का काम किया है. सेना के जुड़ने के बाद ऑपरेशन तेज हो सकता है.
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Source: IOCL





















