एक्सप्लोरर

Uttarakhand Tunnel Collapse: सेना ने संभाली कमान, रेस्क्यू में आई नई जान! फिर भी उठ रहे 'लापरवाही' से भरे ये आठ सवाल

Uttarakhand Tunnel Accident: उत्तराखंड में हुए सुरंग हादसे ने सभी को झकझोर कर रख दिया है. पिछले 15 दिनों से ज्यादा वक्त से 41 मजदूर सुरंग में फंसे हुए हैं.

Uttarakhand Tunnel Collapse News: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में हुए सुरंग हादसे में 41 मजदूर दो हफ्ते से ज्यादा वक्त से फंसे हुए हैं. जिस जगह मजदूर फंसे हुए हैं. वहां ना रोशनी है, ना ऑक्सीजन और ना खुली हवा. इसके बाद भी वो 41 मजदूर योद्धा की तरह हिम्मत बांधे हुए हैं, जिन्हें बचाने के लिए अब सेना ने मोर्चा संभाला हुआ है. दरअसल, मजदूरों को बाहर निकालने के लिए अब सेना को बुला लिया गया है, जो मैनुअल ड्रिलिंग के जरिए रेस्क्यू करेगी. 

वहीं, दूसरी ओर सुरंग में फंसे मजदूरों के परिजनों का सब्र टूटने लगा है, जिन्हें हर दूसरे दिन एक नई तारीख बताई जा रही है. उत्तरकाशी की ये सुरंग एक अनसुलझी गुत्थी बन गई है, जिसे  सुलझाना तो दूर उसके पास तक कोई पहुंच नहीं पाया है. अमेरिका से आई ऑगर मशीन फेल हो चुकी है. विदेशी एक्सपर्ट की हिम्मत जवाब दे चुकी है. यही वजह है कि अब सुरंग से मजदूरों को निकालने के लिए सेना को मोर्चा संभालना पड़ा है.

सेना मजदूरों को कैसे बाहर निकालेगी?

भारतीय सेना मैनुअल ड्रिलिंग के जरिए रास्ता बनाने का काम करेगी, लेकिन मैनुअल ड्रिलिंग से पहले ऑगर मशीन के फंसे हुए शाफ्ट और ब्लेड्स को निकालना होगा, क्योंकि मशीन के टुकड़े अगर सावधानी से नहीं निकाले गए तो इससे सुरंग में बिछाई गई पाइपलाइन टूट सकती है. उत्तराखंड सरकार के सचिव और नोडल अधिकारी नीरज खैरवाल ने कहा कि पाइप के भीतर अभी ऑगर का 13.09 मीटर ही हिस्सा बचा रह गया है. जिसे काटकर निकाला जाना है. आज देर रात या कल सुबह तक ऑगर का फसा हुआ हिस्सा काट के पाइप से बाहर निकाल लिया जाएगा.

यानी जिस ऑगर मशीन को मजूदरों को निकालने के लिए बुलाया गया था. वहीं अब सबसे बड़ी मुसीबत बन गई है. लेकिन जिस तरह से सेना ने कमान संभाली है. उससे रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी आई है, क्योंकि जबसे ऑगर मशीन खराब हुई थी. रेस्क्यू ऑपरेशन ठप्प पड़ा था. सेना के जवान अपने साथ कुछ मशीन भी लेकर आए हैं. 

दो प्लान पर हो रहा काम

सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए दो प्लान पर काम हो रहा है. एक तरफ सेना मैनुअल ड्रिलिंग कर रही है. तो दूसरी तरफ प्लान बी के तहत वर्टिकल ड्रिलिंग कर मजदूरों को रेस्क्यू करने की तैयारी है. इसके लिए BRO ने करीब डेढ़ किलोमीटर की सड़क बनाई है और अब इसी सड़क के जरिए कई टन वजनी मशीन दो जेसीबी की मदद से लाई गई हैं. 

दरअसल,  21 नवंबर के बाद से टनल में हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंग की जा रही थी. इसमें काफी हद कामयाबी भी मिली है. 60 मीटर के हिस्से में से 47 मीटर तक ड्रिलिंग के जरिए पाइप डाला जा चुका है. मजदूरों तक करीब 10-12 मीटर की दूरी रह गई थी, लेकिन तभी ड्रिलिंग मशीन के सामने सरिया आ गई और मशीन खराब हो गई. 

अब वर्टिकल ड्रिलिंग के जरिए रेस्क्यू होना है. जिसे सतलुज विद्युत निगम लिमिटेड यानी SVNL अंजाम देगा. हालांकि इस काम में बहुत खतरा है, क्योंकि नीचे टनल में मजदूर हैं ऊपर से बड़ा होल कर नीचे जाने के लिए रास्ता बनाया जाना है. इसमें काफी मलबा गिरेगा, अगर थोड़ी भी गलती हुई तो दांव उलटा पड़ सकता है और सबसे बड़ी बात ये है कि इसमें कितना वक्त लगेगा, ये भी साफ नहीं है. 

मजदूरों का परिवार परेशान

सुरंग से मजदूरों के बाहर आने की तारीख बदल रही है. इंतजार बढ़ रहा है और अब मजदूरों के परिजनों के सब्र भी जबाव देने लगा है. सुरंग में फंसे मजदूर राजेंद्र के पिता श्रवण बेदिया ने कहा कि हम लोगों की सांस अटक गई है. अब जब बेटा वापस आएगा, तभी खा-पी सकेंगे. वही मेरे जीवन का सहारा है उन्होंने कहा कि वे विकलांग हैं और अपने बेटे पर ही आश्रित भी हैं. किसी को घटना स्थल जानकारी के लिए भेज भी नहीं सकते क्योंकि उनके पास इतना पैसा नही की वे खर्च उठा सके. ऐसा ही हाल बाकी के मजदूरों के परिवार का भी है.

12 नवंबर से फंसे हैं मजदूर

दरअसल, 12 नवंबर, सुबह 5.30 बजे यही वो वक्त था जब सिल्क्यारा टनल ढह गई थी और 41 मजदूर सुरंग में दब गए. तब से कई रेस्क्यू टीम ऑपरेशन में जुटी है. लेकिन अब तक मजदूरों को बाहर नहीं निकाल पाई है. ये सवाल इसलिए है कि सरकार ने सिस्टम की पूरी ताकत लगा दी है. स्थानीय पुलिस, प्रशासन, NDRF, SDRF, ITBP, रेल विकास निगम लिमिटेड, ONGC, भारतीय वायु सेना, भारतीय सेना, BRO, NHAI, टेहरी जल विद्युत विकास निगम और सुरंग निर्माण के कई एक्सपर्ट इस मिशन में जुटे हैं. लेकिन सभी के हाथ खाली हैं. 

उठ रहे ये आठ सवाल

वहीं, अब सवाल उठने लगे हैं कि आखिर इतने रेस्क्यू प्लान पर काम करने के बाद भी मजदूर बाहर क्यों नहीं आ पाए हैं. वहीं कई सवाल रेस्क्यू करने के तरीके पर भी उठ रहे हैं.

  • पहला सवाल- ये कि वर्टिकल ड्रिलिंग पहले शुरू क्यों नहीं की गई?
  • दूसरा सवाल- ड्रिलिंग मशीनों के रिप्लेसमेंट पार्ट्स के लिए घंटों का इंतजार क्यों करना पड़ा?
  • तीसरा सवाल- रेस्क्यू ऑपरेशन की सही प्लानिंग क्यों नहीं की गई?
  • चौथा सवाल- बचाव की रणनीति में बार-बार बदलाव क्यों हुए?
  • पांचवां सवाल- बचाव कार्य के लिए अब भी विदेशी विशेषज्ञ और मशीनों पर निर्भर क्यों रहना पड़ रहा है?
  • छठा सवाल- अलग-अलग अफसर रेस्क्यू की अलग-अलग डेडलाइन क्यों दे रहे हैं?  
  • सातवां सवाल- बिना उचित अध्ययन के सुरंग निर्माण क्यों शुरू किया गया था?
  • आठवां सवाल- मजदूरों के परिवार को स्थिति के बारे में ठीक से जानकारी क्यों नहीं दी जा रही?

दरअसल, जिसके जो दिमाग में आता है. वैसे ही खड्डे खोद रहा है, जबकि टनल के अंदर की स्थिति क्या है. ये तक किसी को मालूम नहीं है, जिसे समझने के लिए अब जाकर टनल के अंदर ड्रोन से मैपिंग की जा रही है. ये बात समझ आती है कि रेस्क्यू ऑपरेशन में परेशानी आ रही है. मलबे में भारी पत्थरों की वजह से ड्रिलिंग रोकनी पड़ रही है. लेकिन सवाल इस बात का है कि पहले हुए हादसों से कोई सीख क्यों नहीं ली. 

यह भी पढ़ें: पिछले 15 दिन से सुरंग में फंसी है 41 मजदूरों की जिंदगी, जानें उत्तरकाशी टनल हादसे में अबतक क्या-क्या हुआ

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

India-Maldives Relations: भारत ने दिखाया बड़ा दिल! मालदीव को दी राहत, बढ़ाई 15 करोड़ डॉलर का कर्ज लौटाने की समय सीमा
भारत ने दिखाया बड़ा दिल! मालदीव को दी राहत, बढ़ाई 15 करोड़ डॉलर का कर्ज लौटाने की समय सीमा
लखनऊ एयरपोर्ट को मिली बम से उड़ाने की धमकी, CISF और पुलिस का चेकिंग अभियान शुरू
लखनऊ एयरपोर्ट को मिली बम से उड़ाने की धमकी, CISF और पुलिस का चेकिंग अभियान शुरू
Most Popular Actress Of April 2024: करीना, कटरीना और दीपिका के फैंस का दुखेगा दिल, पीछे रहे गईं खुद से सालों बाद आई इस एक्ट्रेस से
करीना, कटरीना और दीपिका को पछाड़ दिया उनसे बाद में आई इस एक्ट्रेस ने
चेपॉक में चेन्नई का जलवा कायम, राजस्थान को 5 विकेट से चटाई धूल; प्लेऑफ की तरफ बढ़ाया एक और कदम
चेपॉक में चेन्नई का जलवा कायम, राजस्थान को 5 विकेट से चटाई धूल
Advertisement
for smartphones
and tablets

वीडियोज

...जब बागेश्वर बाबा बने 'लव गुरु'!Sandeep Chaudhary: पटना में पीएम मोदी का रोड बढ़ाया गया | PM Modi Roadshow in Patna | BreakingSandeep Chaudhary: लड़ाई आर-पार…निगेटिव कैंपेन की क्यों भरमार? | BJP | Loksabha Election 2024PM Modi Story: पीएम मोदी के बचपन की अनसुनी कहानियां | BJP | Narendra Bhai | Video

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
India-Maldives Relations: भारत ने दिखाया बड़ा दिल! मालदीव को दी राहत, बढ़ाई 15 करोड़ डॉलर का कर्ज लौटाने की समय सीमा
भारत ने दिखाया बड़ा दिल! मालदीव को दी राहत, बढ़ाई 15 करोड़ डॉलर का कर्ज लौटाने की समय सीमा
लखनऊ एयरपोर्ट को मिली बम से उड़ाने की धमकी, CISF और पुलिस का चेकिंग अभियान शुरू
लखनऊ एयरपोर्ट को मिली बम से उड़ाने की धमकी, CISF और पुलिस का चेकिंग अभियान शुरू
Most Popular Actress Of April 2024: करीना, कटरीना और दीपिका के फैंस का दुखेगा दिल, पीछे रहे गईं खुद से सालों बाद आई इस एक्ट्रेस से
करीना, कटरीना और दीपिका को पछाड़ दिया उनसे बाद में आई इस एक्ट्रेस ने
चेपॉक में चेन्नई का जलवा कायम, राजस्थान को 5 विकेट से चटाई धूल; प्लेऑफ की तरफ बढ़ाया एक और कदम
चेपॉक में चेन्नई का जलवा कायम, राजस्थान को 5 विकेट से चटाई धूल
UP Lok Sabha Election 2024: यूपी के इस शहर में वोट डालने के बाद फ्री में खाएं गोलगप्पे, चाट दुकानदार की अनोखी पहल
यूपी के इस शहर में वोट डालने के बाद फ्री में खाएं गोलगप्पे, चाट दुकानदार की अनोखी पहल
कश्मीर में भाजपा का उम्मीदवार न देना दिखाता है घाटी में उसकी है कमजोर पकड़
कश्मीर में भाजपा का उम्मीदवार न देना दिखाता है घाटी में उसकी है कमजोर पकड़
देखिए Mahindra XUV 3XO डीजल मैनुअल का रिव्यू, क्या हो सकती है पेट्रोल वर्जन से बेहतर ऑप्शन?
देखिए Mahindra XUV 3XO डीजल मैनुअल का रिव्यू, क्या हो सकती है पेट्रोल वर्जन से बेहतर ऑप्शन?
Sandeshkhali Case: नहीं थम रहा संदेशखाली पर घमासान, NCW चीफ रेखा शर्मा के खिलाफ टीएमसी ने चुनाव आयोग से की शिकायत
नहीं थम रहा संदेशखाली पर घमासान, NCW चीफ रेखा शर्मा के खिलाफ टीएमसी ने चुनाव आयोग से की शिकायत
Embed widget