उत्तराखंड कांग्रेस में बढ़ी रार, कभी जो थे खास सिपहसालार, उन्होंने हरीश रावत पर की आरोपों की बौछार
उत्तराखंड में कांग्रेस की हार के बाद कांग्रेस के अंदर ही घमासान मचा हुआ है. उत्तराखंड कांग्रेस में आपस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. पैसे बेचकर टिकट देने से लेकर भीतरघात कर एक दूसरे को हराने के आरोप नेता लगा रहे हैं.
उत्तराखंड में कांग्रेस की हार के बाद कांग्रेस के अंदर ही घमासान मचा हुआ है. उत्तराखंड कांग्रेस में आपस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. पैसे बेचकर टिकट देने से लेकर भीतरघात कर एक दूसरे को हराने के आरोप नेता लगा रहे हैं. इन सभी आरोपों के केंद्र में उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत आ गए हैं.
कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रंजीत रावत ने हरीश रावत पर टिकट बेचने जैसे गंभीर आरोप लगाए है. रंजीत रावत ने कहा है, 'हरीश रावत ने पैसे लेकर टिकट बेचे और एक बड़ी धनराशि जमा की है. उनके मैनेजरों ने कुछ लोगों के पैसे वापस कर दिए हैं कुछ के वापस देने बाकी हैं. हरीश रावत युवा नेताओं को अफीम चटा देते हैं और अपने आगोश में ले लेते हैं. मैं भी 35 साल तक नशे में रहा उसके बाद मेरा नशा उतरा.'
कभी हरीश रावत के करीबी थे रंजीत रावत
एक जमाने में रंजीत रावत हरीश रावत के बेहद करीबी माने जाते थे. जब हरीश रावत मुख्यमंत्री थे तब रंजीत रावत को लोग यहां तक मानते थे कि पर्दे के पीछे के सीएम रंजीत रावत ही हैं. लेकिन उत्तराखंड कांग्रेस की हुई हार की वजह से आज रंजीत रावत हरीश रावत के ऊपर खुलेआम टिकट बेचने का आरोप लगा रहे हैं.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और एनडी तिवारी सरकार में मंत्री रहे और उत्तराखंड के रायपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी हीरा सिंह बिष्ट भीतरघात का आरोप लगा रहे हैं. हीरा सिंह बिष्ट के घर पर एक समीक्षा बैठक बुलाई गई थी, जिसमें हरीश रावत पहुंचे तो वहां काफी ज्यादा तनातनी की स्थिति उत्पन्न हो गई थी.
हीरा सिंह बिष्ट उत्तराखंड की डोईवाला विधानसभा सीट से काफी लंबे अरसे से तैयारी कर रहे थे. इनके समर्थकों का आरोप है कि इनको डोईवाला सीट की वजह रायपुर विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने के लिए भेज दिया गया, जिससे कि वह वहां तैयारी नहीं कर पाए और चुनाव हार गए.
क्या बोले हीरा सिंह बिष्ट
एबीपी न्यूज़ से बातचीत में हीरा सिंह बिष्ट ने बताया, 'हम अपने घर पर समीक्षा बैठ कर रहे थे. बीच में हरीश रावत आ गए और वहां समर्थकों के बीच कुछ हॉट डिस्कशन हो गया. समर्थकों ने हरीश रावत से कहा कि बिष्ट जी का टिकट आखिरी टाइम पर डोईवाला से काटकर रायपुर दे दिया गया. 1 महीने का भी समय नहीं दिया गया. हराने की साजिश की गई, टिकट वितरण समिति मैं आपको देखना चाहिए था.'
समर्थकों के आरोप पर हीरा सिंह बिष्ट कहते हैं, 'सिर्फ हरीश रावत को दोष देना ठीक नहीं है हरीश रावत ने सारे टिकट तो नहीं बांटे और भी जिम्मेदार लोग थे. मैंने केवल डोईवाला से अप्लाई किया था मैं डोईवाला से ही लड़ना चाह रहा था. क्योंकि रायपुर विधानसभा सीट से जो बीजेपी के सेटिंग विधायक हैं वह खुद कांग्रेस का दरवाजा खटखटा रहे थे.'
उन्होंने कहा, 'मुझे देहरादून में कहीं से भी लड़वा देते लेकिन मुझे दो-तीन महीने का टाइम तो देते इससे मुझे कहीं ना कहीं लगा कि मेरे साथ खिलवाड़ किया गया. एक साजिश का हिस्सा मुझे बनाया गया. यह मुझे तकलीफ है और कोई बात नहीं है. यह किसने किया क्या किया, किसी एक व्यक्ति को दोष देना ठीक नहीं है. पूरी कमेटी जिम्मेदार है जब कोई निर्णय होता है.'
क्या बोले हरीश रावत
पैसे लेकर टिकट बेचने के आरोप पर हरीश रावत कहते हैं, 'इस बुढ़ापे में मेरे भाग्य में शायद यही लिखा था कि मुझ पर कहा जा रहा है कि मैंने टिकट बेच दिए. भाजपा वाले यह कहने में लगे हुए हैं कि मैंने कोई मुस्लिम यूनिवर्सिटी का बयान दे दिया. अगर मैंने टिकट बेचे हैं तो ऐसा व्यक्ति तो नहीं चाहिए कांग्रेस के अंदर. इसलिए मैंने कांग्रेस को ऑफर किया और भगवान से प्रार्थना की कि कांग्रेस मेरे खिलाफ कार्रवाई करे.' उन्होंने कहा, 'मैं तो चाहता हूं जिस समय होली दहन हो रहा हो, उस समय हरीश रावत का भी दहन हो जाना चाहिए. कम से कम राजनीतिक दहन तो हो जाना चाहिए.'
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