एक्सप्लोरर

आयात शुल्क पर भारत की जवाबी कार्रवाई से बौखलाया अमेरिका, G-20 बैठक में डोनाल्ड ट्रंप करेंगे पीएम मोदी से चर्चा

अमेरिका ने भारत को जीएसपी के लाभ को खत्म करने का एलान किया था. जिसके बाद से भारत को काफी नुकसान हो रहा था. इसी की जवाबी कार्रवाई में भारत ने अमेरिकी उत्पादों पर लगने वाला आयात शुल्क बढ़ा दिया है. राष्ट्रहित में उठाए गए भारत के इस कदम से अमेरिका नाराज है.

नई दिल्ली: जापान के ओसाका में आयोजित G-20 शिखर सम्मेलन की बैठक से पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा बयान दिया है. ट्रंप ने आज सुबह ट्विटर पर सख्त लहजे में कहा कि भारत सालों से अमेरिकी वस्तुओं पर भारी टैरिफ चार्ज करता आया है, अब इसमें फिर से बढ़ोतरी की गई, जिसे कबूल नहीं किया जा सकता है. भारत हर हाल में टैरिफ घटाए. इस बाबत अमेरिकी राष्ट्रपति G-20 की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर बातचीत करेंगे. इधर भारत ने इसे राष्ट्रहित में उठाया हुआ कदम और जवाबी कार्रवाई कहा है.

कैसे हुई इस तल्खी की शुरुआत? अमेरिका ने भारतीय इस्पात और अल्युमिनियम जैसे उत्पादों पर भारी भरकम आयात शुल्क लगाने और भारत के साथ सामान्य तरजीह दर्जा यानि 'जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंसेंज' (जीएसपी) के लाभ को खत्म करने का एलान किया था. इस फरमान के बाद भारत को मजबूरन अमेरिका के साथ होने वाले व्यापार की समीक्षा करनी पड़ी. जवाबी कार्रवाई करते हुए भारत ने अमेरिका से आयातित अखरोट, कैलिफोर्निया के बादाम और वाशिंगटन के सेब जैसे 28 उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ाने का फैसला किया.

आयात शुल्क बढ़ाने से 21.7 करोड़ डॉलर का होगा फायदा भारत के आयात शुल्क बढ़ाने से अमेरिकी राष्ट्रपति ने कई बार सख्ती दिखाते हुए ट्वीट किया लेकिन भारत ने इसे राष्ट्रहित में उठाया गया कदम बताया. आयात शुल्क बढ़ाने से भारत को 21.7 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त आमदनी होगी यानी इतना रकम अमेरिका को ज्यादा चुकाना होगा. अमेरिका 'हर्ले डेविडसन' पर भी 100 फीसदी आयात शुल्क लगाने की बात बार-बार दोहराता रहता है.

किस उत्पाद पर कितना शुल्क? -सेब पर 50 फीसदी की बजाय 75 फीसदी आयात शुल्क, -काबूली चना, चना, मसूर पर 30 फीसदी से बढ़ाकर 70 फीसदी आयात शुल्क, -छिलका बादाम 100 रुपये प्रति किलो की बजाय 120 रुपये प्रति किलो, -साबूत अखरोट पर 30 फीसदी के बजाय 120 फीसदी शुल्क, -आयरन के फ्लैट रोल्ड प्रोडक्ट पर 15 फीसदी से बढ़कर 27.5 फीसदी शुल्क.

भारत को और भी कड़े कदम उठाने चाहिए- एक्सपर्ट मार्च 2019 में भारत को जीएसपी के तहत मिली छूट को समाप्त करने का नोटिस भी अमेरिका ने दिया था. इसके पीछे अमेरिका तर्क देता है कि भारत बेहद हाई टैरिफ नेशन है और वह चाहता है कि उसे भी भारत में ज्यादा कारोबार के मौके मिले. इसके लिए वह भारत से जीएसपी की तर्ज पर अपने लिए भी आयात शुल्क की छूट चाहता है. यहीं नहीं, अमेरिका ने भारत पर ये भी आरोप लगाया है कि भारत ऑटोमोबाइल, मोटरसाइकिल, कृषि उत्पाद और शराब जैसे सामानों पर बहुत ज्यादा आयात शुल्क लगाता है. इस टैरिफ चार्ज पर एक्सपर्ट मुकेश कौशिक की मानें तो भारत पर अमेरिका गलत दबाव बना रहा है. उन्होंने एबीपी न्यूज से बातचीत में कहा कि अमेरिका के साथ कारोबार पर भारत को और भी ज्यादा कड़े कदम उठाने चाहिए.

अमेरिका की मांग मानने पर होगा नुकसान अमेरिका के मुताबिक, भारत की औसत लागू टैरिफ दर 13.8 फीसदी है, जो किसी भी प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्था में सबसे ज्यादा है. अमेरिका की ये मांग अगर भारत मानता है तो उसे कृषि क्षेत्र में गंभीर नुकसान उठाना पड़ेगा. मोटरसाइकिल, ऑटोमोबाइल में आयात शुल्क घटाने से घरेलू मैन्यूफेक्चरिंग को नुकसान उठाना होगा. जीएसपी से बाहर किये जाने से भारत को भारी नुकसान हो रहा है.

जीएसपी के फायदे जीएसपी कार्यक्रम के लाभार्थी विकासशील देशों के उत्पादों पर अमेरिका में कोई आयात शुल्क नहीं लगता है. इसके तहत भारत को 5.6 अरब डॉलर यानि 40000 करोड़ रुपये के एक्सपोर्ट पर छूट मिलती है. जीएसपी के तहत केमिकल्स और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों के करीब 1900 भारतीय सामान को अमेरिकी बाजार में शुल्क फ्री पहुंच मिलती है. भारत ने 2017-18 में अमेरिका को 48 अरब डॉलर यानी कि 339811 करोड़ रुपये मूल्य के उत्पादों का निर्यात किया था. इनमें से महज 5.6 अरब डॉलर यानी कि करीब 39645 करोड़ रुपये का निर्यात जीएसपी रूट के जरिये हुआ था और इससे भारत को सलाना 19 करोड़ डॉलर यानी 1345 करोड़ रुपये का ड्यूटी बेनिफिट मिलता है.

जीएसपी के तहत मुख्य तौर पर एनिमल हसबेंड्री, मीट, मछली और हस्तशिल्प जैसे कृषि उत्पादों को शामिल किया गया है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, साल 2018 में भारत और अमेरिका के बीच वस्तु और सेवा का व्यापार 142.1 बिलियन डॉलर का रहने का अनुमान है, जबकि भारत के साथ अमेरिकी व्यापार घाटा 24.2 बिलियन डॉलर का है.

देखें एक्सपर्ट ने क्या कहा?

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

NEET UG Result 2024: 'गड़बड़ी करने वालों को बख्शेंगे नहीं', NEET मामले में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लगा दी NTA की क्लास, जानें क्या कहा
'गड़बड़ी करने वालों को बख्शेंगे नहीं', NEET मामले में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लगा दी NTA की क्लास, जानें क्या कहा
Eid al Adha 2024: बकरीद पर कुर्बानी को तैयार हैं 'सलमान-शाहरुख', 1 क्विंटल से अधिक वजन, जानें इनकी डाइट
बकरीद पर कुर्बानी को तैयार हैं 'सलमान-शाहरुख', 1 क्विंटल से अधिक वजन, जानें इनकी डाइट
जब भरे सेट पर सोनाली बेंद्रे को मारने के लिए तैयार हो गई थीं ये कोरियोग्राफर, जानें किस्सा
जब भरे सेट पर सोनाली को मारने वाली थीं ये कोरियोग्राफर, जानें किस्सा
T20 WC 2024: यह पाकिस्तान क्रिकेट का सबसे निचला स्तर है, इससे नीचे नहीं गिर सकता... पाक ऑलराउंडर ने कह डाली बड़ी बात
यह पाकिस्तान क्रिकेट का सबसे निचला स्तर है, इससे नीचे नहीं गिर सकता... पाक ऑलराउंडर ने कह डाली बड़ी बात
Advertisement
metaverse

वीडियोज

Delhi Water Crisis: दिल्ली में पानी को लेकर लगातार बिगड़ रहे हालात | Atishi | DJB | Breaking | AAPNEET Row: NEET परीक्षा में धांधली करने वाले आरोपियों के कबूलनामे की Exclusive कॉपी ABP News के पासKapil Mishra On Delhi Water Crisis: आप सरकार पर Kapil Mishra का बड़ा आरोप | Atishi | DJB |BreakingDelhi Water Crisis: पानी की समस्या को लेकर BJP का दिल्ली में विरोध प्रदर्शन | Atishi | DJB |Breaking

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
NEET UG Result 2024: 'गड़बड़ी करने वालों को बख्शेंगे नहीं', NEET मामले में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लगा दी NTA की क्लास, जानें क्या कहा
'गड़बड़ी करने वालों को बख्शेंगे नहीं', NEET मामले में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लगा दी NTA की क्लास, जानें क्या कहा
Eid al Adha 2024: बकरीद पर कुर्बानी को तैयार हैं 'सलमान-शाहरुख', 1 क्विंटल से अधिक वजन, जानें इनकी डाइट
बकरीद पर कुर्बानी को तैयार हैं 'सलमान-शाहरुख', 1 क्विंटल से अधिक वजन, जानें इनकी डाइट
जब भरे सेट पर सोनाली बेंद्रे को मारने के लिए तैयार हो गई थीं ये कोरियोग्राफर, जानें किस्सा
जब भरे सेट पर सोनाली को मारने वाली थीं ये कोरियोग्राफर, जानें किस्सा
T20 WC 2024: यह पाकिस्तान क्रिकेट का सबसे निचला स्तर है, इससे नीचे नहीं गिर सकता... पाक ऑलराउंडर ने कह डाली बड़ी बात
यह पाकिस्तान क्रिकेट का सबसे निचला स्तर है, इससे नीचे नहीं गिर सकता... पाक ऑलराउंडर ने कह डाली बड़ी बात
EVM Row: 'केवल मनोरंजन के लिए ऐसा कहते हैं', राहुल गांधी ने ईवीएम पर खड़े किए सवाल तो बोले जीतन राम मांझी
'केवल मनोरंजन के लिए ऐसा कहते हैं', राहुल गांधी ने ईवीएम पर खड़े किए सवाल तो बोले जीतन राम मांझी
भाजपा के लिए माननीय की भूमिका निभा रहे मोहन भागवत, मजबूती के लिए समीक्षा जरूरी
भाजपा के लिए माननीय की भूमिका निभा रहे मोहन भागवत, मजबूती के लिए समीक्षा जरूरी
Income Tax Return: करना है आईटीआर फाइल तो इन डॉक्यूमेंट्स को रखें तैयार, नहीं होगी कोई दिक्कत
करना है ITR फाइल तो इन डॉक्यूमेंट्स को रखें तैयार, नहीं होगी कोई दिक्कत
Liver Health: पिंपल्स से लेकर सूजन तक, लिवर खराब होने के चेहरे और गर्दन पर दिखते हैं ये संकेत, आज ही चेक करें
पिंपल्स से लेकर सूजन तक, लिवर खराब होने के चेहरे और गर्दन पर दिखते हैं ये संकेत, आज ही चेक करें
Embed widget