UP Bypolls: क्या आजमगढ़ और रामपुर सीट फिर जीत पाएगी SP, 23 जून को होगी अखिलेश यादव की एक और सियासी परीक्षा
Uttar Pradesh Bypolls: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और पार्टी के सीनियर नेता आजम खान (Azam Khan) के इस्तीफे से खाली हुई इन सीटों पर 23 जून को उप चुनाव होगा.
Uttar Pradesh Bypolls: देश में कुछ उपचुनाव (By-Elections) ऐसे हुए हैं, जिनसे पूरे देश की राजनीति प्रभावित हुई है. वर्ष 1974 में जबलपुर (Jabalpur) लोकसभा सीट के उपचुनाव में शरद यादव (Sharad Yadav) का जीतना और साल 1988 में इलाहाबाद (Allahabad) लोकसभा सीट के उपचुनाव में वीपी सिंह (VP Singh) का जीतना ऐसे ही चुनाव थे. अब ऐसा ही उपचुनाव उत्तर प्रदेश की आजमगढ़ (Azamgarh) और रामपुर (Azamgarh) सीट का होने जा रहा है. समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और पार्टी के सीनियर नेता आजम खान (Azam Khan) के इस्तीफे से खाली हुई इन सीटों पर 23 जून को उप चुनाव होगा.
यह उपचुनाव अखिलेश यादव के सियासी कौशल की परीक्षा भी साबित होगा. इस चुनाव से यह पता भी चलेगा की बीएसपी सुप्रीमो मायावती के रामपुर से प्रत्याशी न उतारकर आजम खां को दिए गए 'वॉक ओवर' और आजमगढ़ से शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को चुनाव लड़ाने के दांव की काट अखिलेश यादव कैसे करते हैं? और क्या आजमगढ़ और रामपुर सीट फिर जीत पाएगी समाजवादी पार्टी?
यह सवाल अब यूपी की राजनीति में सक्रिय नेताओं की जुबान पर हैं. विधानसभा सदन में बजट की चर्चाओं के बीच तमाम नेता एक दूसरे से यह सवाल पूछ रहे हैं. इन सवालों के बीच में यूपी में आजमगढ़ और रामपुर संसदीय सीट पर होने वाला उपचुनाव न सिर्फ समाजवादी पार्टी और बल्कि समूचे देश की राजनीति को प्रभावित करने वाला माना जा रहा है.
सपा ने उम्मीदवारों के नामों का खुलासा नहीं किया
ये दोनों सीटें पार्टी के लिए महत्वपूर्ण हैं. इसके बाद भी अभी तक अखिलेश यादव ने इन सीटों पर चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के नामों का खुलासा नहीं किया है. लेकिन ये चर्चा है कि आजमगढ़ सीट से अखिलेश यादव अपनी पत्नी डिंपल यादव को चुनाव लड़ाएंगे या फिर वे यादव परिवार के ही तेज प्रताप को मैदान में उतारेंगे. जबकि रामपुर सीट से आजम खान जिसे कहेंगे उसे समाजवादी पार्टी
का प्रत्याशी घोषित किया जाएगा.
अब यह देखने वाली बात होगी कि आजम खान अपने परिवार के किसी सदस्य को चुनाव लड़ाते हैं या किसी अन्य को. समाजवादी पार्टी के नेताओं का कहना है कि जल्द ही अखिलेश यादव पार्टी के सीनियर नेता आजम खान से मिलकर कर दोनों सीटों पर चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों नामों का ऐलान कर देंगे.
बीजेपी ने भी कर रखी है ये तैयारी
कुछ ऐसी ही तैयारी बीजेपी के कैंप में भी है. पार्टी की तरफ से राज्यसभा से टिकट कटने के बाद मुख्तार अब्बास नकवी के रामपुर सीट से चुनाव लड़ने के कयास लगाई जा रहे हैं. इसकी एक बड़ी वजह यह है कि रामपुर सीट से नकवी तीन बार किस्मत आजमा चुके हैं. वह साल 1998 में सांसद बने थे, लेकिन 1999 और 2009 में भी चुनाव लड़े पर जीत नहीं सके और वर्ष 2016 में पार्टी ने उन्हें झारखंड से राज्यसभा भेजा.
आजमगढ़ से फिर भोजपुरी फिल्मों के स्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ को चुनाव लडाने की चर्चा हो रही है. फिलहाल बीजेपी ने भी अभी इन दोनों सीट से चुनाव लड़ने वाले पार्टी के प्रत्याशियों के नाम घोषित नहीं किए हैं. लेकिन बीजेपी जिस तरह से मुस्लिम वोटों के झुकाव को परखने के लिए समय-समय पर सियासी प्रयोग करती रहती है, उसके आधार पर रामपुर से मुख्तार अब्बास को चुनाव लड़ाए जाने की संभावना अधिक है. वैसे भी ये दोनों सीटें मुस्लिम बहुल हैं. इसीलिए बीजेपी के ध्रुवीकरण के एजेंडे और समाजवादी पार्टी के MY समीकरण की परीक्षा भी इन दोनों सीटों पर होगी. बीएसपी ने आजमगढ़ में सपा को घेरने की अपनी रणनीति गुड्डू जमाली को चुनाव लडाने का ऐलान कर पहले ही घोषित कर दी है.
अखिलेश यादव के सामने बड़ी चुनौती
अब देखना यह है कि अखिलेश यादव इस सीटों पर जीत हासिल करने के लिए बीजेपी और बीएसपी के सियासी दांव पेंच का काट निकाल पाते हैं या नहीं. समाजवादी पार्टी के नेताओं के मुताबिक इन दोनों सीटों को समाजवादी पार्टी की झोली में डालने के लिए अखिलेश यादव आजमगढ़ में कैंप करेंगे और रामपुर में आजम खान को आगे कर चुनाव प्रचार करने वहां जाएंगे.
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