UP Election 2022: छुट्टा जानवर बना बड़ा मुद्दा, पीएम मोदी बोले- हमने रास्ते खोजे, 10 मार्च के बाद लागू करेंगे योजना
पीएम मोदी ने चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा है, 'यूपी के किसानों को छुट्टा जानवरों से हो रही दिक्कतों को हम गंभीरता से ले रहे हैं. हमने रास्ते खोजे हैं.

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में छुट्टा जानवरों के मुद्दे पर विपक्ष योगी सरकार पर हमलावर रहा है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव इस मुद्दे पर बीजेपी को घेर रहे हैं. दोनों नेता अपनी रैलियों में इसका जिक्र करते हैं. अखिलेश ने घोषणा की है कि प्रदेश में उनकी सरकार बनी तो सांडों की वजह से जान गंवाने वाले को 5 लाख रुपये की मदद मिलेगी. वहीं, प्रियंका गांधी ने यूपी के वोटर्स से छत्तीसगढ़ के मॉडल पर आवारा पशुओं के समस्या के समाधान का वादा किया है. इसके तहत किसानों से गोबर खरीदने का वादा किया गया है. इस मुद्दे पर गिरने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ा ऐलान किया है.
पीएम मोदी ने एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा है, 'यूपी के किसानों को छुट्टा जानवरों से हो रही दिक्कतों को हम गंभीरता से ले रहे हैं. हमने रास्ते खोजे हैं. 10 मार्च को आचार संहिता समाप्त होने के बाद, नई सरकार बनने के बाद, योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उन सारी नई योजनाओं को हम लागू कर देंगे.'
5 सालों में उत्तर प्रदेश में जितने भाजपा के सदस्य नहीं बने होंगे, उससे 5 गुना ज्यादा तो सांड इकट्ठे कर दिए भाजपा की सरकार ने।
— UP Congress (@INCUttarPradesh) February 22, 2022
चुनाव आते ही अब कह रहे हैं कि “छुट्टा जानवरों” का इंतजाम बांधेंगे।
सुनते ही भाजपा के कार्यकर्ता सहमे हुए हैं।
भाजपा सरकार और सांड दोनों जाने वाले हैं.. https://t.co/b7MCHg6rPh
पीएम मोदी के इस एलान के बाद कांग्रेस ने कहा है कि बीजेपी और सांड दोनों जाने वाले हैं. कांग्रेस की ओर से ट्वीट किया गया, '5 सालों में उत्तर प्रदेश में जितने बीजेपी के सदस्य नहीं बने होंगे, उससे 5 गुना ज्यादा तो सांड इकट्ठे कर दिए बीजेपी की सरकार ने. चुनाव आते ही अब कह रहे हैं कि “छुट्टा जानवरों” का इंतजाम बांधेंगे. सुनते ही बीजेपी के कार्यकर्ता सहमे हुए हैं. बीजेपी सरकार और सांड दोनों जाने वाले हैं.'
बता दें कि सूबे में आवारा पशुओं किसान परेशान हैं. किसानों को अपने फसल को बचाने के लिए खेतों में बाड़े लगाने पड़ रहे हैं. इसके अलावा उन्हें रातभर जागकर निगरानी भी करनी पड़ रही है. इसके बावजूद छुट्टा पशुओं से फसलों को बचाना किसानों के लिए काफी मुश्किल साबित हो रहा है.
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Source: IOCL





















