UP Politics: SC वोटर को लुभाने की कवायद, अखिलेश यादव करेंगे बसपा के संस्थापक काशीराम की प्रतिमा का अनावरण
UP Politics: यूपी में साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी का वोट प्रतिशत बढ़ा है. इसे आने वाले चुनावों में मायावती की बहुजन समाज पार्टी के लिए खतरा माना जा रहा है.

UP Politics: विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी (SP) का वोट बैंक अप्रत्याशित तौर पर बढ़ा है. सपा की सरकार तो नहीं बनी पर वोट प्रतिशत इतना बढ़ गया कि अलग-अलग जातियों से भी वोट पार्टी को मिला है. ऐसे में माना जा रहा है कि बहुजन समाज पार्टी (BSP) के वोट बंट रहे हैं. सपा अनुसूचित जाति (SC) के वोटों में सेंध लगाने की कोशिश में जुटी है.
राम मनोहर लोहिया के साथ-साथ बाबा साहेब आंबेडकर का नाम भी अखिलेश यादव की जुबान पर बराबर आने लगा है. सपा अपने संगठन समाजवादी बाबासाहेब आंबेडकर वाहिनी के जरिए अनुसूचित जाति को गोलबंद करने में लगी है, इसके लिए जिलेवार कार्यक्रम चला रहा है. बाबा साहेब के संकल्प और सपा सरकार के कार्यकाल में अनुसूचित जाति के लिए किए गए कार्यो की जानकारी भी दी जा रही है. पहले चरण में सभी जिला मुख्यालयों में विधानसभा के हिसाब से कार्यक्रम बनाए गए हैं. प्रयागराज, वाराणसी, अंबेडकर नगर, सोनभद्र, मिर्जापुर, गोरखपुर, गोंडा, हरदोई और लखीमपुर खीरी में प्रोग्राम हो भी चुके हैं. संविधान बचाओ कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर भी लगाए जा रहे हैं.
सपा की तैयारी
सपा में अनुसूचित जाति समाज से आने वाले अवधेश प्रसाद का कद बढ़ाया गया है. उन्हें राष्ट्रीय महासचिव बनाया है. नौ बार के विधायक और पांच बार के मंत्री अवधेश प्रसाद को अखिलेश ने विधानसभा में भी अपने बगल की सीट देकर तवज्जो दी है. बसपा के संस्थापक कांशीराम की प्रतिमा का अनावरण भी अखिलेश रायबरेली में करने जा रहे हैं.
चिंतकों का क्या कहना है?
चिंतक का कहना है कि अनुसूचित जाति का सबसे ज्यादा शोषण समाजवादी पार्टी के ही दौर में हुआ है. इसके पीछे चिंतक प्रमोशन में आरक्षण न मिलना और आंबेडकर की मूर्तियों को तोड़े जाने का उदाहरण देने हैं. वहीं राजनीतिक जानकारों का मानना है कि आंबेडकर का नाम लेने पर भी अनुसूचित जाति के वोटर सपा को वोट देने को तैयार नहीं होंगे. पिछले लोकसभा चुनाव में भी बसपा से समझौता हुआ पर फायदा मायावती को हुआ.
बीजेपी ने क्या कहा?
बीजेपी नेता राकेश त्रिपाठी कहते हैं कि अखिलेश यादव बसपा के कार्यकर्ता और वोटर को अपनी तरफ आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि कभी आजम खान बोलते थे कि जहां बाबा साहब की मूर्ति लगी है वहां पर जमीन कब्जा की गई है.
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