नितिन गडकरी ने कहा- साल 2024 तक सड़क हादसों को 50 प्रतिशत कम करने का है लक्ष्य
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने उद्योग संगठन फिक्की की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा है कि साल 2024 तक सड़क दुर्घटना में हो रही मौतों को 50 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य है.

नई दिल्लीः देश में सड़कों के हालत से ज्यादातर लोग वाकिफ हैं, ऐसे में आए दिन हो रही सड़क दुर्घटनाओं में लोगों की मौत होना भी आम बात हो चुकी है. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को उद्योग संगठन फिक्की की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में वीडियो कांफ्रेंस के जरिए संबोधित करते हुए यह कहा है कि देश में 50% सड़क दुर्घटनाएं सड़क बनाते समय की गई गड़बड़ी के कारण होती हैं.
कॉस्ट सेविंग के कारण हो रहा गलत सड़क का निर्माण
नितिन गडकरी का कहना है कि देश में कई जगहों पर अपनी कॉस्ट सेविंग करने के लिए ज्यादातर ठेकेदार सड़क सुरक्षा नियमों को दरकिनार कर देते हैं और सड़क में बहुत सारे ब्लैक स्पॉट छोड़ देते हैं जो भविष्य में बड़ी दुर्घटना का कारण बन जाती है. गडकरी का कहना है कि देश में होने वाली 50% सड़क दुर्घटनाएं सड़क बनाते समय की गई इन्हीं कॉस्ट सेविंग और गड़बड़ी का नतीजा होती है.
50% of road accidents occurred due to road engineering problems. The people who're preparing Detailed Project Report (DPR), because of their attitude for cost-saving they neglect the thing & making a lot of black spots, Union Minister Nitin Gadkari said at a virtual session pic.twitter.com/g9e9cc9Oiw
— ANI (@ANI) June 17, 2021
सड़क दुर्घटना में हो रही सालाना डेढ़ लाख मौत
नितिन गडकरी के अनुसार अब सरकार सड़कों के इन ब्लैक स्पॉट को सुधारने की विशेष पहल की शुरुआत करने जा रही है. जिसमें अब होने वाली सड़क दुर्घटनाओं की 15-20% जिम्मेदारी ड्राइवरों की होगी वहीं 10-15% जिम्मेदारी ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग की होगी. उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य साल 2024 तक सड़क दुर्घटना में हो रही मौत के आंकड़े को 50 प्रतिशत तक कम करना हैं.
नितिन गडकरी का कहना है कि सड़कों की गुणवत्ता सुधारने के लिए उनका मंत्रायल दिन-रात काम कर रहा है. उन्होंने आगे बताया कि दुनियाभर में सड़क सुरक्षा सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ा मुद्दा है. इसलिए केंद्र सरकार एक इंटेलीजेंट यातायात मॉडल को विकसित कर रही है. इसके साथ ही एक स्वतंत्र सड़क सुरक्षा परिषद का गठन भी किया जा सकता है. जिसकी जिम्मेदारी एक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी की होगी.
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Source: IOCL





















