Bangladesh Violence: बांग्लादेश में हिंदू युवक की मॉब लिंचिंग पर आया शशि थरूर का पहला रिएक्शन, मोहम्मद यूनुस से पूछे ये सवाल
Bangladesh Violence: बांग्लादेश में शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद भड़की हिंसा पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने चिंता जताई है. इसके अलावा मीडिया हाउस पर हमलों को प्रेस स्वतंत्रता पर हमला बताया है.

बांग्लादेश में प्रमुख युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद देश का माहौल बेहद तनावपूर्ण हो गया है. इंकलाब मंच से जुड़े समर्थकों ने कई शहरों में सड़कों पर उतरकर हिंसक प्रदर्शन किए. जगह-जगह आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आईं, जिससे आम जनजीवन ठप हो गया.
इस हिंसा के दौरान एक हिंदू युवक को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला, जबकि कई इमारतों और वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया. हालात इतने बिगड़ गए कि सुरक्षा बलों को कई इलाकों में अतिरिक्त तैनाती करनी पड़ी. हिंसा का सबसे चिंताजनक पहलू यह रहा कि ढाका में देश के दो सबसे बड़े मीडिया संस्थानों, प्रथम आलो और डेली स्टार, के दफ्तरों को भी भीड़ ने निशाना बनाया. प्रदर्शनकारियों ने इन कार्यालयों में तोड़फोड़ की और आग लगा दी. इन घटनाओं ने बांग्लादेश में प्रेस की आज़ादी और लोकतांत्रिक मूल्यों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. पत्रकारों और मीडिया कर्मियों में डर का माहौल बना हुआ है.
ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कर रहे मोहम्मद यूनुस?
थरूर ने एक पोस्ट में कहा, 'बांग्लादेश में हिंसा के बीच यह एक असहनीय दुखद घटना है. इन निर्मम अपराधियों के हाथों मारे गए इस बेचारे हिंदू व्यक्ति की मृत्यु पर शोक व्यक्त करते हुए मैं बांग्लादेश सरकार द्वारा जारी निंदा की सराहना करता हूं, लेकिन उनसे यह पूछना चाहता हूं कि वे हत्यारों को दंडित करने के लिए क्या कर रहे हैं और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए वे क्या कदम उठा रहे हैं?'
An unbearably tragic incident amid the mob rule that is raging across Bangladesh. While mourning the loss of this poor Hindu man at the hands of unspeakable criminals, I appreciate the condemnation issued by the Government of Bangladesh, but must ask them what they are doing to… https://t.co/He2Qii473j
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) December 20, 2025
मीडिया आउटलेट्स पर हमले को लेकर भी बोले थरूर
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने बांग्लादेश में हो रही हिंसा पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि वहां से आ रही खबरें बेहद परेशान करने वाली हैं. मीडिया संस्थानों पर हमले केवल इमारतों को नुकसान नहीं पहुंचाते, बल्कि यह प्रेस की स्वतंत्रता और बहुलवादी समाज की नींव पर सीधा प्रहार है. उन्होंने डेली स्टार के संपादक महफूज़ अनाम समेत सभी पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर चिंता जताई और कहा कि किसी भी लोकतंत्र में पत्रकारों को भय के साए में काम करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता.
भारतीय वीज़ा सेवाओं पर पड़ा असर
बढ़ते सुरक्षा जोखिम को देखते हुए भारत ने खुलना और राजशाही स्थित अपने सहायक उच्चायोगों में वीज़ा सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित कर दी हैं. शशि थरूर ने कहा कि इसका सीधा असर छात्रों, इलाज के लिए भारत आने वाले मरीजों और परिवारों पर पड़ेगा, जो सामान्य सीमा पार आवागमन की उम्मीद कर रहे थे.
चुनाव से पहले हिंसा पर चिंता
बांग्लादेश में फरवरी 2026 में राष्ट्रीय चुनाव होने हैं. ऐसे समय में हिंसा, असहिष्णुता और भीड़तंत्र का बढ़ना लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए खतरनाक संकेत है. शशि थरूर ने चेताया कि अगर हालात पर काबू नहीं पाया गया तो इसका असर चुनाव की निष्पक्षता और विश्वसनीयता पर पड़ सकता है.
अंतरिम सरकार से शांति की अपील
शशि थरूर ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से अपील की कि पत्रकारों, राजनयिक मिशनों और आम नागरिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि भीड़ का शासन लोकतंत्र को कमजोर करता है और इसे रोकने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे. उन्होंने अंतरिम राष्ट्रपति मोहम्मद यूनुस से व्यक्तिगत पहल करने का आग्रह करते हुए कहा कि संवाद, कानून व्यवस्था और भरोसे की बहाली ही देश को स्थिरता की ओर ले जा सकती है.
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Source: IOCL






















