Maharashtra: 'हम सरकार बनाने के लिए नहीं देश बनाने के लिए करते हैं राजनीति', बीजेपी कार्यकर्ताओं से बोले रक्षा मंत्री
Maharashtra: महाराष्ट्र में शुक्रवार को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. साथ ही उन्होंने पुणे के डीवाई पाटिल विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह भी हिस्सा लिया.

Rajnath Singh In Maharashtra: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह महाराष्ट्र के दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आपको ये नहीं भूलना चाहिए कि आप किसके सदस्य हैं. बीजेपी सिर्फ देश की नहीं बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है. जिस विचारधारा से हमने अपनी यात्रा शुरू की, उससे पता चलता है कि हम सिर्फ सरकार बनाने के लिए नहीं बल्कि देश बनाने के लिए राजनीति करते हैं. केंद्रीय रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि कांग्रेस ने लंबे समय तक शासन किया, दूसरों ने भी किया. आजादी के कई साल बाद भी लोगों को बुनियादी समस्याओं का सामना करना पड़ा. ये मत कहो कि हमने सब कुछ सुलझा लिया है, लेकिन पीएम मोदी का काम अब धरातल पर दिखाई दे रहा है.
राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि भारत की अब दुनिया में इज्जत की जाती है. दूसरे देशों में रहे रहे भारतीयों ने मुझे बताया है कि वे अब सम्मानित महसूस करते हैं. इससे पहले अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में अगर भारतीय कुछ कहते थे, तो कोई सुनता नहीं था. अब पूरी दुनिया ध्यान से सुनती है. हमारा देश सबसे बड़ा आयातक भी माना जाता है. अब हम रक्षा क्षेत्र में निर्यात करने वाले शीर्ष 25 देशों में शामिल हैं.
डीवाई पाटिल विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह भी लिया हिस्सा
इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज पुणे में डीवाई पाटिल विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह भी में हिस्सा लिया पाटिल विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मैंने स्वयं भी एक छात्र, रिसर्चर और एक टीचर से होते हुए उत्तर प्रदेश के शिक्षा मंत्री तक की यात्रा तय की है. इसलिए एकेडमिक वर्ल्ड से स्वाभाविक रूप से मेरा बड़ा लगाव रहा है. मेरे युवा साथियों, मैंने गौर किया कि आज जिन लोगों को डिग्री प्रदान की जा रही हैं, उनमें अधिकांश छात्र मेडिकल फील्ड से हैं. जीवन में स्वास्थ्य और आरोग्य का क्या महत्व है, इस पर अधिक बात करने की जरूरत मैं नहीं समझता हूं.
छात्रों से कही ये बात
रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि हमारे यहां माना जाता है, कि जन्म-जन्मांतर के पुण्य जब संचित होते हैं, तब कहीं जाकर जीव को मनुष्य का शरीर मिलता है. उसमें भी अगर शरीर स्वस्थ है, तो मानिए कि यह तो बड़े सौभाग्य की बात है. इसलिए स्वास्थ्य को, निरोग को हमारे यहां पहला सुख माना गया है. उन्होंने कहा कि आज भी हमारा देश से, गरीबी, भुखमरी जैसी समस्याएं पूरी तरह खत्म नहीं हुई हैं. अच्छी शिक्षा ही इनके उन्मूलन का एक कारगर हथियार हो सकती है. इसलिए आपका यह दायित्व बनता है, कि अच्छे कर्मों के साथ, यहां से प्राप्त शिक्षा को आप अपने तक ही सीमित न रखकर औरों तक भी इसका प्रसार करें.
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Source: IOCL





















