एक्सप्लोरर
Advertisement
अब ये गुनाह बलात्कारी गुरमीत राम रहीम के गले का बनेगा फंदा!
राम रहीम का ड्राइवर रह चुका खट्टा सिंह उसका सबसे बड़ा राजदार है. 2012 के पहले तक वो राम रहीम के खिलाफ सीबीआई का गवाह था. उसका कहना है कि राम रहीम के डर से उसने 2012 में अपना बयान बदला लेकिन अब वो पीछे नहीं हटेगा.
नई दिल्ली: बलात्कार के मामले में गुरमीत सिंह को 20 साल की सजा हो चुकी है. राम रहीम पर दो लोगों की हत्या का केस भी चल रहा है. आज पंचकूला की सीबीआई की अदालत में इन मामलों पर अंतिम जिरह शुरू हो गई है. जल्द ही हत्या के इन मामलों पर भी फैसला आ सकता है. वहीं इस केस में अपनी गवाही से पलटने वाले गुरमीत सिंह के ड्राइवर खट्टा सिंह ने अब कहा है कि वह अदालत के सामने अब इन दोनों हत्याओं से जुड़ा पूरा सच बताना चाहता है.
बलात्कार के बाद अब हत्या के मामले में भी गुरमीत सिंह के गुनाहों का हिसाब शुरू हो गया है. पंचकूला की अदालत में आज गुरमीत सिंह पर हत्या के दो आरोपों पर सुनवाई शुरू हो गई. सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति और डेरा सच्चा सौदा के पूर्व प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या का आरोप हैं . हत्या के ये दोनों मामले साल 2002 के हैं. सीबीआई 2007 में इन दोनों केस में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है. इन दोनों केसों में गुरमीत सिंह का ड्राइवर खट्टा सिंह बड़ा गवाह था. उसने 2007 में सीबीआई को बयान दिया, मजिस्ट्रेट कोर्ट में भी वही बयान दिया लेकिन 2012 में गुरमीत राम रहीम के डर से अपने बयान से वो मुकर गया था. लेकिन अब खट्टा सिंह एक बार फिर राम रहीम के सारे राज खोलने के लिए तैयार हो गया है. खट्टा सिंह ने कहा कि मेरे पास बहुत सी जानकारी है कोर्ट में बताऊंगा.
राम रहीम का ड्राइवर रह चुका खट्टा सिंह उसका सबसे बड़ा राजदार है. 2012 के पहले तक वो राम रहीम के खिलाफ सीबीआई का गवाह था. उसका कहना है कि राम रहीम के डर से उसने 2012 में अपना बयान बदला लेकिन अब वो पीछे नहीं हटेगा.
आज सुनवाई शुरू होते ही खट्टा सिंह ने अदालत से अपना बयान दोबारा लिए जाने की अपील की जिस पर 22 सितंबर को फैसला होगा. हत्या के जिन दो मामलों में पंचकूला की अदालत में अंतिम जिरह शुरू हो चुकी है उनमें से एक सिरसा के अखबार पूरा सच के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति का है.
- रामचंद्र ने डेरा में साध्वियों के यौन शोषण की खबर सबसे पहले अपने अखबार में छापी थी
- आरोप है कि इसी से नाराज राम रहीम ने अपने दो शूटरों से 24 अक्टूबर 2002 को रामचंद्र छत्रपति को मरवा दिया
- रामचंद्र छत्रपति को 5 गोलियां मारी गई थीं, 21 नवंबर 2002 को अस्पताल में उनकी मौत हो गई
- 2003 में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई
पत्रकार रामचंद्र छत्रपति का परिवार पिछले 15 साल से इंसाफ की लड़ाई लड़ रहा है. राम रहीम पर हत्या का दूसरा आरोप डेरे के ही एक प्रबंधक रणजीत सिंह का है. आरोप के मुताबिक राम रहीम ने रणजीत सिंह को इसलिए मरवाया क्योंकि उसे शक था कि उसके खिलाफ गुमनाम चिट्ठी लिखने वाली दो साध्वियों में से एक रणजीत की बहन थी.
रणजीत सिंह की हत्या 10 जुलाई 2002 को हुई. 2007 में रणजीत सिंह की बहन ने गुरमीत के खिलाफ अपना बयान दर्ज करवाया. इन दोनों ही मामलों में बीते 10 सालों में सारे गवाहों के बयान हो चुके हैं. अब कड़ी सुरक्षा के बीच पंचकूला की सीबीआई अदालत में अंतिम जिरह शुरू हो चुकी है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही अदालत हत्या के इन मामलों पर भी फैसला सुनाएगी.
हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें ABP News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, न्यूज़ और खेल जगत, से जुड़ी ख़बरें Khelo khul ke, sab bhool ke - only on Games Live
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
इंडिया
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड
बॉलीवुड
क्रिकेट
Advertisement
अनिल चमड़ियावरिष्ठ पत्रकार
Opinion