पश्चिम बंगाल: तृणमूल कांग्रेस का आरोप, 'दंगाइयों को उकसा रहे हैं राज्यपाल'

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी के साथ विवाद को बढ़ाते हुए सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने उन पर 'बीजेपी कैडर' की तरह व्यवहार करने का आरोप लगाया. तृणमूल ने आरोप लगाया कि राजभवन उन लोगों को 'मदद व उकसावा' दे रहा है जो राज्य में सत्ता पाने के लिए कई भागों में दंगे कराने की कोशिश कर रहे हैं. इसी बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी बीजेपी पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया. ममता ने कहा है कि बीजेपी के नेता फेसबुक पर अफवाहें फैला रहे हैं हिंसा को भड़का रहे हैं.
...तो चुप नहीं रहेगी तृणमूल कांग्रेस
राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी पर करारा हमला करते हुए तृणमूल के महासचिव पार्थ चटर्जी ने बुधवार को राज्यपाल त्रिपाठी को चेताया कि यदि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला किया जाता है तो उनकी पार्टी चुप नहीं रहेगी. चटर्जी ने कहा कि अतीत में विपक्ष के नेता के रूप में और अब एक राज्य मंत्री के तौर पर उन्होंने तीन राज्यपालों को करीब से देखा है.
चटर्जी ने कहा, "मैंने कभी किसी राज्यपाल से इस तरह के व्यवहार की आशा नहीं की. जिस टोन में राज्यपाल ने मुख्यमंत्री से बात की, वो इस तरह का था कि मानों वह (ममता बनर्जी) उनकी कोई मातहत कर्मचारी हों."
उन्होंने कहा, "क्या राज्यपाल बीजेपी के प्रवक्ता हैं? वह एक वकील हैं. क्या उन्हें अपनी शक्तियों के बारे में सर्वोच्च न्यायालय के नियमों के बारे में नहीं पता है? हम उनके मुख्यमंत्री से बात करने के टोन, तरीके व धमकी देने की कड़ी निंदा करते हैं. इससे ममता बनर्जी को काफी पीड़ा हुई है."
'बीजेपी का अड्डा नहीं हो सकता राजभवन'
चटर्जी पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री भी है. उन्होंने कहा कि तृणमूल ने इस बारे में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को पत्र लिखा है. पत्र की एक प्रति गृहमंत्री राजनाथ सिंह को भी दी गई है. उन्होंने कहा, "तृणमूल और तृणमूल विधायक दल राज्यपाल को याद दिलाना चाहते हैं कि राजभवन बीजेपी का अड्डा नहीं हो सकता."
मंत्री ने राजभवन के इस बयान का भी उपहास किया कि राज्यपाल व मुख्यमंत्री के बीच की बातचीत को सार्वजनिक नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, "संघर्ष रोकने में मदद करने के बजाय वह (राज्यपाल) सार्वजनिक तौर पर कह रहे हैं कि बातचीत को सार्वजनिक नहीं किया जाना चाहिए. बीजेपी प्रतिनिधियों से बात करने के बाद उन्होंने उन्हें (ममता बनर्जी) को फोन किया. हमने उन्हें केंद्र सरकार से वित्तीय अनुदान जैसे कई दूसरे मुद्दों पर सुझाव दिए हैं, लेकिन उन्होंने कभी मुंह नहीं खोला."
उन्होंने कहा, "राजभवन उन लोगों को मदद व उकसावा दे रहा है जो राज्य के कई भागों में सत्ता पाने के लिए दंगे करवाने की कोशिश कर रहे हैं. वह बीजेपी के कैडर की तरह व्यवहार कर रहे हैं. बीजेपी कानून व्यवस्था बिगाड़ना चाहती है." उन्होंने कहा, "यदि ममता बनर्जी पर हमला किया जाता है तो तृणमूल कांग्रेस चुप नहीं रहेगी."
ममता के 'व्यवहार और भाषा' को लेकर आश्चर्य: राज्यपाल
यह विवाद मंगलवार को शुरू हुआ जब राज्यपाल और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच उत्तर 24 परगना जिले बदुरिया में सांप्रदायिक हिसा को लेकर तीखी बातचीत टेलीफोन पर हुई. इसके बाद तुरंत ममता ने त्रिपाठी पर हमला बोला. ममता ने त्रिपाठी पर अपमानित करने व धमकी देने का आरोप लगाया. राजभवन ने इन आरोपों से इनकार करते हुए एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की और ममता के 'व्यवहार और भाषा' को लेकर आश्चर्य जताया.
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