1971 के युद्ध के योद्धाओं के सम्मान में BSF के जवानों ने 11 घंटे से कम समय में 180 किमी की दौड़ लगाई, देखें वीडियो
13 दिसंबर रात 12 बजे से 14 दिसंबर सुबह 12 बजे तक अंतर्राष्ट्रीय बॉर्डर पर हुई. रेस का समापन अनूपगढ़ में हुआ. 900 से अधिक जवानों ने इसमें हिस्सा लिया.
अनूपगढ़: भारत-पाकिस्तान की 1971 की लड़ाई के योद्धाओं को सम्मानित करने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर आधी रात (13/14 दिसंबर) को 180 किलोमीटर की रिले रेस की. राजस्थान के अनूपगढ़ में 11 घंटे से भी कम समय में दौड़ का समापन हुआ.
अनूपगढ़ में इस मौके पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, “देशश विरोधी ताकतों को इस बात का एहसास करवाने कि 1971 से बढ़कर आज भारत की सेना और सक्षम हुई है इसलिए BSF के 900 से ज्यादा सैनिकों ने रात 12 बजे से वर्तमान सुबह 12 बजे तक 180 किमी की दूरी दौड़कर पूरी की.”
#WATCH Bikaner, Rajasthan: BSF personnel ran a 180 kilometres relay race at midnight (13/14th December) at the international border, to honour the 1971 war veterans. The race culminated at Anupgarh, in less than 11 hours.
(Source: BSF) pic.twitter.com/3jDpAtjfhW — ANI (@ANI) December 14, 2020
इसके साथ ही उन्होंने सोमवार को कहा, “आज, श्रीगंगानगर में 1971 के भारत पाक युद्ध के विजय की याद में भारतीय सेना के युद्धवीरों के सम्मान में सीमा सुरक्षा बल द्वारा अनूपगढ़ में आयोजित समारोह का भाग बनकर गर्वानुभूति हुई. वीरत्व को सम्मानित करने वाले इस कार्यक्रम में मुझे भागीदार बनाने के लिए हृदय से आभार!”
1971 के भारत-पाक युद्ध पर बनी फिल्म ‘बॉर्डर’ में अभिनेता सुनील शेट्टी ने जिस भैरोसिंह का किरदार निभाया था उनसे भी गजेंद्र सिंह शेखावत ने मुलाकात की. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, “1971 के भारत- पाक युद्ध पर बनी फिल्म बॉर्डर में अभिनेता सुनील शेट्टी द्वारा निभाया गया किरदार जिस वीर सैनिक से प्रेरित था आज उन्हीं भैरोसिंह जी से मिलने का अवसर मिला. उनके साथ ही उस युद्ध के अन्य वीर सैनिकों को सम्मानित करना एक हृदयस्पर्शी अनुभव रहा. जय हिंद! जय हिंद की सेना!”
अपने एक और ट्वीट में उन्होंने कहा, “वर्ष 1971 में भारत-पाकिस्तान के मध्य हुए युद्ध में साहस और सूझ- बूझ से शत्रु की रणनीति को ध्वस्त करते हुए वीरगति पाने वाले पराक्रमी योद्धा फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह सेखों, परमवीर चक्र को पुण्यतिथि पर कोटि कोटि प्रणाम!”
बता दें कि पाकिस्तान की सेना ने 1971 में 25 मार्च की आधी रात को पूर्ववर्ती पूर्वी पाकिस्तान में अचानक धावा बोल दिया था जो युद्ध की शुरुआत थी. 16 दिसंबर को पाकिस्तान के हार स्वीकार कर लेने और ढाका में बंगाली स्वतंत्रता सेनानियों और भारतीय सेना के सामने बिना शर्त आत्मसमर्पण करने के साथ युद्ध का अंत हुआ था.
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