भारत में गाजा के फर्जी पीड़ित बनकर मस्जिदों से बटोरे पैसे, अय्याशी में किए खर्च, 3 सीरियाई गिरफ्तार
गुजरात पुलिस ने तीन सीरियाई नागरिकों को गिरफ्तार किया है, जो खुद को गाजा का निवासी बताकर मस्जिदों से पैसे ऐंठते थे और उस रकम का शानो-शौकत पर खर्च करते थे.

गुजरात पुलिस ने कथित तौर पर गाजा युद्ध के पीड़ितों की मदद करने का दावा करके गुजरात की मस्जिदों से धनराशि जुटाने और फिर उस रकम का शानो-शौकत पर खर्च करने वाले सीरियाई नागरिकों के एक गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है. एक अधिकारी ने रविवार (07 सितंबर, 2025) को यह जानकारी दी.
अहमदाबाद अपराध शाखा के एक अधिकारी ने बताया कि चार सीरियाई लोगों का एक समूह पर्यटक वीजा पर भारत में घुसा था और उसने पर्यटक वीजा नियमों का उल्लंघन किया. उन्होंने बताया कि इस समूह के सदस्य अली मेघात अल अजहर को 22 अगस्त को अपराध शाखा ने हिरासत में लिया था और पूछताछ में उससे मिली जानकारी के आधार पर तीन अन्य की गिरफ्तारी की गयी.
अपराधियों की दुबई से सीरिया भागने की योजना
अपराध शाखा की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि अल-अजहर ने स्वीकार किया कि इस गिरोह ने मस्जिदों से संपर्क किया और गाजा पीड़ितों की सहायता करने का झूठा दावा करते हुए दान मांगा, फिर उस धनराशि को विलासिता पर उड़ा दिया. विज्ञप्ति के अनुसार, अपराध शाखा ने अल-अजहर से फरार तीनों सीरियाई नागरिकों के पासपोर्ट के विवरण प्राप्त किए थे और उनके खिलाफ ‘लुकआउट सर्कुलर (एलओसी)’ जारी किया था.
विज्ञप्ति के मुताबिक, तीनों को कुछ दिन पहले दिल्ली हवाई अड्डे पर आव्रजन अधिकारियों ने उस समय पकड़ा था, जब वे दुबई जाने वाली उड़ान में सवार होने वाले थे. तीनों ने दुबई से सीरिया भागने की योजना बनाई थी.
आरोपियों के पास से अमेरिकी डॉलर बरामद
अहमदाबाद अपराध शाखा की एक टीम शनिवार (06 सितंबर, 2025) को दिल्ली हवाई अड्डा पहुंची और तीनों आरोपियों को ले आई. तीनों की पहचान जकारिया हैथम अल-जहीर (34), अहमद ओहद अलहबाश (27) और यूसुफ खालिद अल-जहीर (27) के रूप में हुई है. ये तीनों एक-दूसरे के रिश्तेदार हैं. पुलिस ने आरोपियों के पास से 2,985 अमेरिकी डॉलर बरामद किए.
विज्ञप्ति में कहा गया है कि जांच से पता चला कि तीनों आरोपी 08 अगस्त को पर्यटक वीजा पर अहमदाबाद पहुंचे थे. वे अहमदाबाद के शाह-ए-आलम इलाके की एक मस्जिद में लगभग दो हफ्ते तक रुके और मस्जिदों से चंदा इकट्ठा किया.
गाजा के निवासी बनकर मस्जिदों से ठगे पैसे
तीनों ने खुद को गाजा का निवासी बताया और दावा किया कि उन्हें अपने माता-पिता के इलाज के लिए पैसों की जरूरत है. तीनों अहमदाबाद से दिल्ली चले गए और एक होटल में ठहर गये. विज्ञप्ति में कहा गया है कि उन्होंने गाजा के निवासी और युद्ध पीड़ित बनकर कई मस्जिदों से संपर्क किया था, लेकिन दिल्ली की एक मस्जिद ने उन्हें कोई पैसा नहीं दिया. अपराध शाखा ने वीजा नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में आरोपियों को काली सूची में डालने और उन्हें उनके देश वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
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