एक्सप्लोरर

Election Results 2022: 3 राज्य, 3 पार्टियां...किसे नुकसान और किसे फायदा? जानें कांग्रेस, बीजेपी और AAP का हाल

All Party Statics: गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव और दिल्ली नगर निगम के चुनाव के नतीजे अब सभी के सामने हैं. इन तीनों राज्यों में बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के पूरे गणित को समझिए.

Three States Analysis: गुजरात, हिमाचल प्रदेश विधानसभा और दिल्ली नगर निगम के चुनाव के नतीजे आ चुके हैं. इनमें से दो जगहों पर बीजेपी को अपनी सत्ता गंवानी पड़ी है. सिर्फ गुजरात एक ऐसा राज्य रहा है जहां पर बीजेपी ने अपने पिछले सभी रिकॉर्ड्स को ध्वस्त करते हुए सत्ता बनाए रखी है. हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने बीजेपी को धूल चटाते हुए सत्ता में वापसी की है तो वहीं एमसीडी के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने पहली बार जीत का स्वाद चखा है. गुजरात की 182 सीटों में से बीजेपी ने 156 सीटें जीती हैं. कांग्रेस ने 17 और आम आदमी पार्टी ने 5 सीटें ली हैं.

हिमाचल प्रदेश की 68 सीटों में से कांग्रेस ने 40 सीटें जीती हैं और बीजेपी ने 25 सीटें जीती हैं. वहीं, आम आदमी पार्टी का खाता तक नहीं खुला है. इसके बाद अगर दिल्ली नगर निगम के चुनाव के नतीजों की बात करें तो यहां आम आदमी पार्टी ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 134 सीटों पर कब्जा किया. बीजेपी के खाते में 104 सीटें गईं तो वहीं कांग्रेस दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाई और 9 सीटों पर ही सिमट गई.

ये तो मोटा-मोटी बात हुई तीनों राज्यों में तीनों पार्टियों की सीटों की. अब बात करेंगे किस पार्टी को फायदा मिला है और किस पार्टी को नुकसान हुआ और किस पार्टी को भारी नुकसान हुआ. कांग्रेस, बीजेपी और आम आमी पार्टी तीनों का इन तीनों राज्यों में क्या हाल रहा, इसका आकलन करेंगे और जानेंगे कि ये चुनाव क्या कहता है.

बीजेपी

बीजेपी ने गुजरात में बंपर जीत हासिल की. यहां पार्टी ने 156 सीटों पर जीत दर्ज की है. बीजेपी ने गुजरात में 52.51 प्रतिशत वोट हासिल किया है. वहीं, साल 2017 में बीजेपी का प्रदर्शन इतना शानदार नहीं था, जो इस बार देखने को मिला है. पिछली बार के विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने 182 में से 99 सीटें ही जीती थीं और 1 करोड़ 47 लाख 24 हजार 31 लोगों ने बीजेपी को वोट किया था. वोट शेयरिंग के हिसाब से उस वक्त बीजेपी को 49.05 प्रतिशत वोट मिले थे.

वहीं हिमाचल प्रदेश में बीजेपी के इस बार के प्रदर्शन को देखें तो निराशाजनक है. यहां पर पार्टी ने 25 सीटें जीती हैं. वोट शेयरिंग की बात की जाए तो इस बार पार्टी को 42.99 प्रतिशत वोट मिले हैं. साल 2017 में पार्टी ने पहाड़ी राज्य की 68 सीटों में से 44 सीटों पर जीत हासिल की थी और 18 लाख 46 हजार 432 लोगों ने वोट किया था. वहीं वोट शेयरिंग में उस वक्त बीजेपी को 48.79 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे.

दिल्ली नगर निगम चुनाव में बीजेपी का 15 साल पुराना तिलस्म टूट गया और 250 वॉर्डों में से 104 वॉर्डों पर ही जीत हासिल कर पाई. वोट शेयरिंग की अगर बात करें तो इस बार बीजेपी को 39.09 प्रतिशत वोट शेयर मिला. तो वहीं साल 2017 में हुए नगर निगम के चुनाव में बीजेपी ने 181 वार्डों पर जीत हासिल की थी और 36.08 प्रतिशत वोट शेयर हासिल हुआ था. हालांकि इन चुनावों में बीजेपी का वोट शेयर तो बढ़ा लेकिन वो सीटों में परिवर्तित नहीं हो पाया.

कांग्रेस

कांग्रेस के लिए सिर्फ हिमाचल प्रदेश से अच्छी खबर आई है, जहां पर पार्टी सरकार बना रही है. यहां पार्टी ने 40 सीटें जीत ली हैं. वोट शेयरिंग की बात करें तो बीजेपी और कांग्रेस के वोट शेयरिंग में बहुत बड़ा फर्क नजर नहीं आ रहा है. कांग्रेस को यहां 43.90 प्रतिशत वोट शेयर मिला है जबकि बीजेपी का 42.99 प्रतिशत रहा. वहीं साल 2017 के चुनाव की अगर बात करें तो कांग्रेस ने 68 में से सिर्फ 21 सीटें जीतीं थीं और वोट शेयरिंग पर्सेंटेज 41.68 प्रतिशत रहा था.

गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हालत साल 2017 के चुनाव के नतीजों से भी ज्यादा खस्ता है. इस बार पार्टी ने सिर्फ 17 सीटें जीतीं. वोट शेयरिंग को अगर देखें तो इस बार कांग्रेस को सिर्फ 27.27 प्रतिशत वोट मिला है. यहां पर कहा जा सकता है कि आम आदमी पार्टी को कांग्रेस के वोट शेयर में सेंध लगाने में कामयाबी मिली है. क्योंकि साल 2017 के चुनाव में कांग्रेस ने इससे उम्दा प्रदर्शन किया था और 177 सीटों पर चुनाव लड़ते हुए 77 सीटें जीती थीं. उस समय पार्टी का वोट शेयर 41.44 प्रतिशत था, जो अब घटकर 27.27 प्रतिशत पर पहुंच गया.

दिल्ली नगर निगम में कांग्रेस के प्रदर्शन की बात करें तो इस बार कांग्रेस ने सिर्फ 9 वॉर्डों पर जीत हासिल की है. वोट शेयरिंग में पार्टी को भारी नुकसान उठाना पड़ा और 11.68 प्रतिशत वोट ही कांग्रेस को मिले. तो वहीं साल 2017 के चुनाव में कांग्रेस ने 30 वॉर्डों पर जीत हासिल की थी और वोटिंग पर्सेंटेज 21.09 प्रतिशत था. यानि कि कहा जाए तो पार्टी को 10 प्रतिशत वोट शेयरिंग से हाथ धोना पड़ा. यहां भी सबसे बड़ा कारण आम आदमी पार्टी ही रही. यहां भी आप ने कांग्रेस के वोट शेयरिंग में सेंधमारी की.

आम आदमी पार्टी

आम आदमी पार्टी के लिए दिल्ली नगर निगम के चुनाव खुशी लेकर आए. एमसीडी चुनाव में आम आदमी पार्टी ने अपना बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 134 वॉर्डों में जीत हासिल की और वोट शेयरिंग 42.05 प्रतिशत रहा. साल 2017 के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने मात्र 48 वॉर्डों पर जीत हासिल की थी और वोट शेयरिंग 26.23 प्रतिशत था. इस बार आप ने लगभग 16 प्रतिशत ज्यादा वोट हासिल किए.

अब बात गुजरात की करते हैं जहां पर आम आदमी पार्टी पहली बार चुनाव लड़ रही और 5 सीटें भी जीत ली हैं. यहां पर अगर पार्टी के वोटिंग पर्सेंटेज की बात करें तो पार्टी ने 12.92 प्रतिशत वोट हासिल किए हैं. इस तरह से अगर देखा जाए तो यहां भी पार्टी ने कांग्रेस के वोट में सेंध लगाई है और अपने खाते में कनवर्ट किया है.

हिमाचल प्रदेश में आम आदमी पार्टी के खाते में एक भी सीट नहीं गई है और वोटिंग पर्सेंटेज भी 1.10 प्रतिशत रहा. पहाड़ी राज्य में पार्टी का ये सबसे खराब प्रदर्शन रहा है. दरअसल, हिमाचल प्रदेश में आम आदमी पार्टी ने उतने दमखम के साथ चुनाव भी नहीं लड़ा, जितनी ताकत गुजरात और दिल्ली नगर निगम के चुनाव के लिए लगाई. उसका खामियाजा भी पार्टी को भुगतना पड़ा है.

ये भी पढ़ें: Election Results 2022: गुजरात में बीजेपी की रिकॉर्ड जीत के साथ वापसी, हिमाचल में नहीं बदला रिवाज- कांग्रेस बहुमत के पार

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

India-Pakistan Relations: कारगिल युद्ध के 25 साल बाद पाकिस्तान का कबूलनामा, अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर नवाज शरीफ ने मानी ये गलती
कारगिल युद्ध के 25 साल बाद पाकिस्तान का कबूलनामा, अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर नवाज शरीफ ने मानी ये गलती
Lok Sabha Election 2024: अखिलेश यादव समेत तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, जानें क्या है पूरा मामला?
अखिलेश यादव समेत तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, जानें क्या है पूरा मामला?
Delhi Chief Secretary: दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को दूसरी बार मिला सेवा विस्तार, 6 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुकी है AAP
दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को दूसरी बार मिला सेवा विस्तार, 6 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुकी है AAP
Hardik Pandya Divorce: हार्दिक-नताशा तलाक की खबरों ने लिया नया मोड़, करीबी दोस्त का हैरतअंगेज़ खुलासा
हार्दिक-नताशा तलाक की खबरों ने लिया नया मोड़, करीबी दोस्त का हैरतअंगेज़ खुलासा
Advertisement
metaverse

वीडियोज

PM Modi On ABP: स्वार्थी लोगों ने ब्रह्मोस का एक्सपोर्ट रोका-पीएम मोदी का बड़ा बयान | Loksabha PollsLoksabha Election 2024: मोदी की आध्यात्म यात्रा..'हैट्रिक' का सार छिपा ? | ABP NewsPM Modi On ABP: 2024 चुनाव के नतीजों से पहले पीएम मोदी का फाइनल इंटरव्यू | Loksabha ElectionPM Modi On ABP: पीएम मोदी से पहली बार जानिए- किस विपक्षी नेता के वे पैर छूते थे | Loksabha Election

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
India-Pakistan Relations: कारगिल युद्ध के 25 साल बाद पाकिस्तान का कबूलनामा, अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर नवाज शरीफ ने मानी ये गलती
कारगिल युद्ध के 25 साल बाद पाकिस्तान का कबूलनामा, अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर नवाज शरीफ ने मानी ये गलती
Lok Sabha Election 2024: अखिलेश यादव समेत तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, जानें क्या है पूरा मामला?
अखिलेश यादव समेत तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, जानें क्या है पूरा मामला?
Delhi Chief Secretary: दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को दूसरी बार मिला सेवा विस्तार, 6 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुकी है AAP
दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को दूसरी बार मिला सेवा विस्तार, 6 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुकी है AAP
Hardik Pandya Divorce: हार्दिक-नताशा तलाक की खबरों ने लिया नया मोड़, करीबी दोस्त का हैरतअंगेज़ खुलासा
हार्दिक-नताशा तलाक की खबरों ने लिया नया मोड़, करीबी दोस्त का हैरतअंगेज़ खुलासा
'जवान', 'पठान' या 'एनिमल' नहीं, इस फिल्म को 2023 में हुआ सबसे ज्यादा मुनाफा! यहां देखें टॉप 5 की लिस्ट
'जवान', 'पठान' या 'एनिमल' नहीं, इस फिल्म को 2023 में हुआ खूब मुनाफा!
वैक्सीन बनाने वालों को कम से कम कितनी सैलरी देता है सीरम इंस्टिट्यूट? रकम सुनकर उड़ जाएंगे होश
वैक्सीन बनाने वालों को कम से कम कितनी सैलरी देता है सीरम इंस्टिट्यूट? रकम सुनकर उड़ जाएंगे होश
शरीर में है B12 की कमी तो कुछ ऐसे दिखते हैं लक्षण, जानें एक सेहतमंद व्यक्ति में कितना होना चाहिए लेवल?
शरीर में है B12 की कमी तो कुछ ऐसे दिखते हैं लक्षण, जानें एक सेहतमंद व्यक्ति में कितना होना चाहिए लेवल?
टूरिज्म में आया उछाल, 119 देशों की सूची में 39वें स्थान पर आया भारत, क्या हैं इसके संकेत
टूरिज्म में आया उछाल, 119 देशों की सूची में 39वें स्थान पर आया भारत, क्या हैं इसके संकेत
Embed widget