देश की 66 फीसदी आबादी पर मंडरा रहा बाढ़ का खतरा, जानिए कितने राज्यों को कवर करता है वार्निंग सिस्टम
Flood Report: अर्ली वार्निंग सिस्टम (EWS) की मदद से राज्य सरकारों और स्थानीय लोगों को पहले से आपदा को लेकर तैयारियां करने में मदद मिलती है. इन चेतावनी प्रणालियों को लगातार एडवांस भी करते रहना चाहिए.

Flood News: देश भर के कई इलाकों में इन दिनों लगातार हो रही बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात बनते जा रहे हैं. देश में करीब 72 फीसदी जिले अत्यधिक बाढ़ की घटनाओं के संपर्क में आते हैं, लेकिन इनमें से केवल 25 फीसदी में ही बाढ़ पूर्वानुमान केंद्र या पूर्व चेतावनी प्रणालियां हैं. ऐसे में केवल इन्हीं 25 फीसदी लोगों को बाढ़ के लिए पहले से अलर्ट किया जा सकता है.
इसके अलावा भारत में 66 प्रतिशत लोग बाढ़ की जद में आते हैं, वहीं इनमें से केवल 33 प्रतिशत लोगों को इस खतरे के बारे में पहले से अलर्ट किया जा सकता है. क्योंकि इतने ही क्षेत्र अर्ली वार्निंग सिस्टम (EWS) की तरफ से कवर किए गए हैं. इंडिपेंडेंट पॉलिसी रिसर्च थिंक टैंक 'द काउंसिल ऑन एनर्जी एनवायरनमेंट एंड वाटर' ने इसे लेकर सर्वे किया है.
इन राज्यों में EWS का अच्छा प्रदर्शन
रिपोर्ट के मुताबिक, बाढ़ के उच्च जोखिम के बावजूद बाढ़ की अर्ली वार्निंग सिस्टम (EWS) के मामले में असम, बिहार, उत्तर प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले राज्य हैं. रिपोर्ट से पता चला है कि हिमाचल प्रदेश ईडब्ल्यूएस की सबसे कम उपलब्धता वाले राज्यों में से एक है.
भीषण बाढ़ की चपेट में दिल्ली
रिपोर्ट में कहा गया है कि यमुना के उफान पर आने से दिल्ली भीषण बाढ़ की चपेट में है. ये अत्यधिक बाढ़ के संपर्क में है और ईडब्ल्यूएस के जरिए इसमें मध्यम स्तर का लचीलापन है. 12 राज्य (उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, असम, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक, गोवा, बिहार) अत्यधिक बाढ़ की घटनाओं से प्रभावित हैं. हालांकि, केवल तीन उत्तर प्रदेश, असम और बिहार में बाढ़ की पूर्व चेतावनी प्रणाली की उच्च उपलब्धता है.
ईडब्ल्यूएस उपलब्ध कराना जरूरी
रिपोर्ट में पता चलता है कि भारत में लगभग 97.51 मिलियन लोग भारत में अत्यधिक बाढ़ की घटनाओं के संपर्क में हैं, और अधिकांश जिले एक से अधिक चरम घटनाओं के संपर्क में हैं. ऐसे में रिपोर्ट में कहा गया है कि जल्द से जल्द भारत में सभी राज्यों के लिए ईडब्ल्यूएस उपलब्ध कराने की जरूरत हैं.
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Source: IOCL





















