School Reopen: कोरोना खतरे के बीच महाराष्ट्र में आज से खुले स्कूल, स्टूडेंट्स बोले- आकर अच्छा लगा, सोशल डिस्टेसिंग का करेंगे पालन
Maharashtra School: सर्वे के मुताबिक महाराष्ट्र में करीब 62 फीसदी अभिभावक 24 जनवरी से बच्चों को स्कूल भेजने के पक्ष में नहीं है. वहीं 11 फीसदी अभिभावकों ने इस विषय पर अपनी कोई राय जाहिर नहीं की है.
Maharashtra School: महाराष्ट्र में पहली से लेकर 12वीं क्लास तक के स्कूल आज से खुल गए हैं. यानी स्कूलों में अब ऑफलाइन पढ़ाई शुरू हो जाएगी. कोविड नियमों का पालन करते हुए स्कूल में पढ़ाई होगी. स्कूलों के खुलने से छात्रों में उत्साह का माहौल है. एक छात्र ने कहा कि वापस आकर अच्छा लग रहा है.हम स्कूल में सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का प्रयोग रखेंगे.अब स्कूलों में ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरीकों से क्लास चलेंगी.
हालांकि सरकार के इस फैसले पर सवाल भी उठ रहे हैं कि क्या उद्धव सरकार तीसरी लहर जारी रहने के बीच स्कूल खोलने में जल्दबाजी तो नहीं कर रही है. यह सवाल इसलिए भी जरूरी है क्योंकि बच्चों को स्कूल बुलाने के लिए दो चीजें बहुत जरूरी हैं पहला कोविड एसओपी का पालन करना और दूसरा अभिभावकों की रजामंदी.
Schools reopen for classes 1-12th in Mumbai. Visuals from Andhra Education Society in Wadala. "It feels good to be back. All of us should maintain social distancing, and wear masks," a student says pic.twitter.com/tcU4faBEDB
— ANI (@ANI) January 24, 2022
सर्वे के मुताबिक 62 फीसदी अभिभावक बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते
लेकिन ऑनलाइन एजेंसी लोकलसर्विस के एक सर्वे के नतीजे के बाद उद्धव सरकार का फैसला सवालों के घेरे में है. सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वालों में 67 फीसदी पुरुष और 33 फीसदी महिलाएं शामिल थीं. सर्वे के मुताबिक महाराष्ट्र में करीब 62 फीसदी अभिभावक 24 जनवरी से बच्चों को स्कूल भेजने के पक्ष में नहीं है. वहीं 11 फीसदी अभिभावकों ने इस विषय पर अपनी कोई राय जाहिर नहीं की है.
सर्वे में टायर-1, टायर-2, टायर-3 शहरों में किये गये इस सर्वे में 4976 लोगों ने जवाब दिया है. गौरतलब है कि इस संदर्भ में महाराष्ट्र चाइल्ड टास्क फोर्स के सदस्य डॉ बकुल पारेख ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत की थी. उन्होंने कहा था कि स्कूलों का खुलना काफी ज़रूरी है. स्कूल बंद होने कि वजह से बच्चों का काफी नुकसान हो रहा है.
एसओपी के सही पालन से कोविड का खतरा कम रहेगा
बच्चों की शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास के लिए बच्चों का स्कूल जाना बेहद आवश्यक है. अगर स्कूल सारे SOP का सही से पालन करेंगे तो बच्चों के लिए खतरा काफी कम रहेगा. SOP जैसे कि बच्चों का मास्क पहनना अनिवार्य होगा. सैनिटाइजर का इस्तेमाल करते रहना होगा.
स्कूल में 50% बच्चों की उपस्थिति होनी चाहिए, स्कूल वैन में केवल 50% बच्चे होने चाहिए. स्कूल में लंच ब्रेक के दौरान सामाजिक दूरी का पालन करना चाहिए. स्कूल के साथ-साथ माता-पिता को भी इन सभी बातों का ध्यान रखना चहिए. डॉ बकुल पारेख, इंडियन अकेडमिक ऑफ पीड्रियाट्रिक के सदस्य और महाराष्ट्र चाइल्ड कोविड टास्क फोर्स के भी सदस्य हैं.
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