कर्नाटक हिजाब केस में जजों को धमकी देने वाला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, बेंगलुरु में दर्ज केस रद्द करने की मांग
हिजाब मामले में फैसला देने के लिए कर्नाटक हाई कोर्ट के जजों को धमकाने वाला रहमतुल्ला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. उसने अनुरोध किया है कि उसके खिलाफ बेंगलुरु में दर्ज केस रद्द कर दिया जाए.

हिजाब मामले में फैसला देने के लिए कर्नाटक हाई कोर्ट के जजों को धमकाने वाला रहमतुल्ला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. उसने अनुरोध किया है कि उसके खिलाफ बेंगलुरु में दर्ज केस रद्द कर दिया जाए. याचिका में यह मांग भी की गई है कि अगर कोर्ट मुकदमा रद्द नहीं करता, तो कम से कम बेंगलुरु में दर्ज केस को मदुरई ट्रांसफर कर दे. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर तमिलनाडु और कर्नाटक सरकार को नोटिस जारी किया है. मई के दूसरे सप्ताह में मामले की सुनवाई होगी.
15 मार्च को कर्नाटक हाई कोर्ट ने स्कूल-कॉलेज में हिजाब पर रोक के राज्य सरकार के आदेश को सही ठहराया था. 17 मार्च को तमिलनाडु के मदुरई में तौहीद जमात नाम की संस्था ने इस फैसले के विरोध में एक सभा का आयोजन किया. इसमें जजों और सरकार के खिलाफ कई आपत्तिजनक बातें कही गईं.
इसी कार्यक्रम में रहमतुल्ला ने झारखंड में सड़क दुर्घटना में एक जज की मौत का हवाला दिया. आगे उसने धमकी भरे अंदाज़ में कहा कि अगर कर्नाटक हाई कोर्ट के जजों के साथ ऐसा कुछ होता है, तो अपनी मौत के ज़िम्मेदार वह खुद होंगे. मदुरई पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज की. 19 मार्च को रहमतुल्ला को गिरफ्तार कर लिया गया.
इसके बाद बेंगलुरु के विधान सौदा थाने में भी आईपीसी की संगीन धाराओं में रहमतुल्ला पर एफआईआर दर्ज हुआ. 19 मार्च से मदुरई की जेल में बंद रहमतुल्ला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है. उसने कहा है कि एक छोटी सभा में कही बात इंटरनेट के ज़रिए वायरल हो गई है. जब एक राज्य में केस दर्ज हो चुका है तो उसी मामले पर दूसरे राज्य में एफआईआर नहीं होनी चाहिए थी.
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