एक्सप्लोरर

विकास दुबे खात्मे की पूरी कहानी: एनकाउंटर से पहले उगले कई राज

कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को मौत के घाट उतारने वाला विकास 9 जुलाई को उज्जैन पहुंचा था. वह चाहता था कि जैसे तैसे उज्जैन में 3 दिनों तक छिपा रहे. इस दौरान वह किसी भी माध्यम से अदालत में पेश होने की फिराक में था.

अपराध के साये में पनपता कानपुर का बिकरू गांव, मुख्य शहर से करीब 40 किलोमीटर दूर जहां अपराध की अपनी ही एक दुनिया थी और उस दुनिया का अकेला बादशाह था गैंगस्टर विकास दुबे. लूट, डकैती, हत्या, अपहरण जैसे संगीन अपराधों में लिप्त होने पर भी राजनीतिक संरक्षण में विकास दुबे अपने अपराधों की पटकथा लिख रहा था. मौजूदा साल 2020 जिसे 'काल का वर्ष' कहना ज्यादा मुनासिब होगा. इसी साल कोरोना महामारी के बीच बिकरू में आपराधिक महामारी का बोलबाला था. इस आपराधिक महामारी को जड़ से खत्म करने के लिए 2-3 जुलाई की दरमियानी रात सीओ देवेंद्र मिश्रा के नेतृत्व में पुलिस टीम ने बिकरू गांव में धावा बोला. लेकिन होनी को शायद कुछ और ही मंजूर था, पुलिस विभाग के किसी विभीषण ने विकास दुबे को इस एक्शन की जानकारी पहले ही देकर उसे सावधान कर दिया. एक साथ तीन थानों का फोर्स पूरी तैयारी के साथ रात के अंधेरे में विकास दुबे को दबोचने पहुंचा. थाने के सबसे छोटे पद से लेकर डिप्टी एसपी रैंक तक के अधिकारी छापेमारी करने पहुंचे थे, छापेमारी करने गई टीम में अधिकांश पुलिसकर्मी पहली बार ही बिकरू से रूबरू हुए थे. बिकरू गांव में जैसी ही पुलिस पहुंची गांव का नजारा हैरान करने वाला था, पूरा गांव अंधेरे में डूबा हुआ था. गांव के अंदर जाने के लिए पुलिस की टीम आगे बढ़ी लेकिन सामने जेसीबी मशीन खड़ी थी. रास्ता इतना संकरा कि गाड़ी तो दूर की बात थी पुलिस वाले पैदल भी बड़ी मुश्किल से ही आगे बढ़े. जेसीबी मशीन को पार कर पुलिस वाले एक एक कर आगे बढ़ने लगे. अपराधियों के खात्मे का हौसला अंधकार को चीरता हुआ आगे बढ़ रहा था. थोड़ी दूर चलकर पुलिस की टीम गैंगस्टर के घर के कोने तक पहुंच गयी. यहां पुलिसकर्मी ने विकास दुबे के छत पर टॉर्च मारी. टॉर्च की रौशनी जैसे ही बदमाशों तक पहुंची, चारो तरफ से अंधाधुंध फायरिंग शुरू हो गई. गोलियों की बारिश और भीषण अंधकार के बीच पुलिस के जांबाज अपनी रक्षा के लिए इधर-उधर भागने लगे, गोलियों की गड़गड़ाहट के बीच जिसे जहां पनाह मिली वो अपनी जान बचाने के लिए छिप गया. उस खूनी रात की कहानी बताते हुए हादसे में घायल पुलिस अजय कश्यप की आंखें अपने साथियों के लिए डबडबा जाती हैं. वो बताते हैं कि पहली बार में ही बदमाशों ने 20-22 राउंड फायरिंग शुरू कर दी. गोली सिपाही अजय सेंगर और सिपाही अजय कश्यप को लगी. घायल पुलिसकर्मियों ने कवरिंग फायर करते हुए पहले एक दीवार और ट्राली की आड़ ली और एक क्षतिग्रस्त मकान से होते हुए गली में पहुंच गए. घायल पुलिस वाले किसी तरह जान बचाते हुए अपनी जीप तक पहुंचे. वहां मौजूद आला अधिकारियों ने घायलों को अस्पताल भिजवाया. अजय ने बताया कि उसको अपने बचने की इतनी खुशी नहीं है जितना रंज अपने साथियों की शहादत का है. अंधाधुंध फायरिंग की ऐसी वारदात शायद ही किसी ने कभी देखी होगी या सुनी होगी, पूरा गांव सन्नाटे में लीन था. या यूं कहें कि गैंगस्टर विकास दुबे के डर से सहमा हुआ अपने घरों में दुबका था. बेखौफ अपराधी पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर रहे थे. जो भी पुलिसवाला उनके सामने आ जाए उसे ही अपना शिकार बना रहे थे. बदमाशों की गोलियों से बचने के लिए सीओ देवेंद्र मिश्रा जान बचाने के लिए एक घर में कूद गए. उसके बाद जो हुआ वो उस घर में मौजूद बहू ने बताया. उन्होंने बताया, ''फायरिंग की आवाज से हमारे बच्चे सहमे हुए थे, हम घर के अंदर बंद हो गए, बाहर से आवाज आ रही थी अम्मा दरवाजा खोल दो....दरवाजा खोल दो....पुलिस की कराहती हुई आवाज से कलेजा फटा जा रहा था लेकिन फायरिंग इतनी तेज थी कि हम आगे बढ़कर दरवाजा ना खोल सके. थोड़ी देर में वो पुलिसवाला वहीं पर लेट गया.'' उन्होंने आगे बताया, ''कुछ ही मिनट बीते होंगे कि सामने के छत से आवाज आई वो देखो %$$###$$ वहां लेटा हुआ है, और असलहे-तमंचे के साथ कई लोग हमारे आंगन में कूद गए, उसके बाद उस पुलिसवाले पर ताबड़तोड़ फायरिंग की, फायरिंग की आवाज से बच्चे जोर-जोर से चिल्लाने लगे. मैं रात भर बच्चों को गोद में बिठाकर सहमी हुई एक बंद कमरे में बैठी रही, सुबह दरवाजा खटखटाने की आवाज आई तो मैं बाहर निकली और देखा तो सामने पुलिसवाले खड़े थे, पूछताछ करने आई पुलिस ने बताया कि रात में जिस पुलिसवाले की बेरहमी से हत्या की गई वो सीओ साहब थे.'' कानपुर के खूनी रात की ये कहानी गैंग्सटर विकास दुबे के मामा की बहू ने सुनाई. वही मामा प्रेम प्रकाश पांडे जिसे पुलिसवालों ने जवाबी कार्रवाई में मार गिराया और इस महिला का पति रात फरार हो गया. कानपुर के बिकरू गांव में उस रात सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्र, एसओ शिवराजपुर महेश यादव, एक सब इंस्पेक्टर और 5 सिपाही शहीद हो गए. यही नहीं एसओ बिठूर समेत 4 पुलिसकर्मी गोली लगने से घायल भी हुए. सुबह जैसे ही 8 जांबाजों के शहादत की खबर मिली, सबकी आंखे क्रोध से लाल हो गईं. अपने साथियों के शहादत का बदला लेने के लिए पूरे सूबे की पुलिस गैंगस्टर विकास और उसके साथियों की तलाश में जुट गई, लेकिन बड़ा सवाल अब भी यहीं था कि बदमाशों को पुलिस के आने की खबर किसने दी? ये जांच के मुख्य विषयों में था, धीरे-धीरे चिट्ठे खुलते गए और खाकी ही खाकी के खिलाफ सवालों के कटघरे में खड़ी हो गई. कई पुलिसवालों पर मुखबिरी का आरोप लगा जिसमें मुख्य आरोपी चौबेपुर थाने के एसओ विनय तिवारी रहे और उनकी गिरफ्तारी भी हो गई. इस घटना के बाद विकास के गैंग का शार्प शूटर अमर दुबे का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में रहा. अमर की शादी 4 दिन पहले ही विकास ने अपने घर से ही बड़े धूम धाम से कराई थी. अमर विकास के बेहद करीब था, विकास की नज़रों से उसकी दिल की बात समझ जाता. एक इशारे पर गोलियों की बौछार कर देता. 2-3 जुलाई की रात भी उसने ऐसा ही किया, उस रात खाकी को लाल करने का उसपर भूत सवार था, जो सामने आया मारता गया, घटना को अंजाम देकर वो भी बिकरू से फरार हो गया. पुलिस तलाश में जुटी रही, आखिरकार उस खूनी रात का सबसे खूंखार हत्यारा अमर यूपी के हमीरपुर में पुलिस की पकड़ में आ गया और पुलिस ने उसे एनकाउंटर में मार गिराया. इस तरह एक के बाद एक हत्यारों को मारा जा रहा था लेकिन विकास अभी भी फरार था. घटना के 7वें दिन यानी 9 जुलाई को विकास कई राज्य घूमते हुए महाकाल के दरबार में उज्जैन पहुंच गया. चूहे- बिल्ली की दौड़ खत्म हुई और 9 जुलाई को सुबह 8-9 के बीच महाकाल के चौखट से विकास को गिरफ्तार किया गया लेकिन सवाल भी खड़ा हुआ की गिरफ्तारी या सरेंडर? उज्जैन में एमपी पुलिस ने यूपी पुलिस को सूचना दी शाम 7 बजे के करीब यूपी STF की टीम उज्जैन पहुंची और सड़क के रास्ते विकास को लेकर कानपुर के लिये रवाना हो गई. पूरे देश को विकास के कानपुर पहुंचने का इन्तज़ार था. 10 जुलाई को सुबह 6 बजकर 10 मिनट के करीब जब विकास को लेकर टीम कानपुर में दाखिल हुई. कानपुर से पहले पड़ने वाले बारा टोल नाके पर मीडिया और बाकी गाड़ियों के रोक चेकिंग और सुरक्षा की नजर से रोक दिया गया. इसके करीब 20 मिनट बाद खबर आई कि विकास के एनकाउंटर की खबर आई. कानपुर के भौंती गांव में पुलिस ने विकास को मार गिराया, जिस माटी से खूनी पटकथा शुरू हुई कई राज्यों का सफर तय करते हुए वहीं आकर खत्म हो गई. पुलिस ने बताया कि विकास को लेकर जा रही गाड़ियों काफिले के सामने अचानक गाय-भैसों का झुंड आ गया. इससे बचने के लिए गाड़ी असंतुलित होकर पलट गई, विकास ने परिस्थिति का फायदा उठाकर एक पुलिस वाले की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की. भागते हुए विकास ने पुलिस वालों पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं. विकास की ओर हो रही फायरिंग के जवाब और आत्मरक्षा में पुलिस ने उसे ढेर कर दिया. इस तरह आठ पुलिस वालों को शहीद करने वाले विकास को पुलिस ने उसके अंजाम कर पहुंचा दिया. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मौत से पहले विकास ने एसटीएफ को पूरे घटनाक्रम को विस्तार से बताया था. पुलिस - शहीद सीओ से क्या रंजिश थी? विकास - सीओ मुझे मारना चाहते थे. इसके लिए मेरे विरोधी उन्हें पूरी मदद कर रहे थे. मुझे एक मामले में इन्हीं लोगों के कहने पर 120-बी (अपराध की साजिश में शामिल होना) में फंसाया गया. फिर मुझे राहुल तिवारी की हत्या के प्रयास में नाप दिया. थाने के लोगों ने मुझे बताया था कि मेरा एनकाउंटर करने की सुपारी ली थी सीओ ने. पुलिस - घटना वाले दिन क्या हुआ था? मेरे भतीजे हीरू दुबे के पास रात आठ बजे मेरे खास सिपाही राजीव चौधरी ने फ़ोन किया था. उसने बताया कि आज दबिश की प्लानिंग है. काफी फोर्स आएगा. मेरे एनकाउंटर की पूरी तैयारी है. धीरू ने मुझे बताया तो मैंने एसओ विनय तिवारी को पलटकर फ़ोन किया था. एसो को धमकाया भी था और कहा था कि आ गए तो अंजाम अच्छा नहीं होगा. एसओ ने कहा था कि सबकुछ सीओ स्तर से हो रहा है, उसका रोल नहीं है. पुलिस - आठ पुलिसकर्मियों को क्यों मारा? मेरा प्लान ये था कि कुछ सिपाहियों को घायल कर देंगे तो पुलिस भाग जाएगी और दहशत कायम हो जाएगी. मगर मेरे प्लान के हिसाब से चीजें नहीं हुईं. अमर और अतुल ने काफी शराब पी रखी थी. अतिउत्साह में उन्होंने और गैंग के नए लड़कों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. मेरे घर पर बाहर के आधा दर्जन अपराधी रुके थे. उन्हें लगा कि कहीं पुलिस उन्हें न धर ले, इसलिए उन्होंने भी अंधाधुंध फायरिंग कर दी. पुलिस - कौन से असलहों से फायरिंग की? विकास - मेरे भांजे शिवम तिवारी के नाम मैंने विनचिस्टर कम्पनी की सेमी ऑटोमैटिक रायफल ले रखी थी. अमर इसी से फायरिंग कर रहा था. अतुल और दूसरे साथी भी रायफल और देशी तमंचों से गोलियां चला रहे थे. ये लोग मेरे मामा प्रेम प्रकाश की छत पर मौजूद थे और मैं अपनी छत पर रिपीटर बंदूक से गोलियां चला रहा था. मेरा अहम मकसद दहशत फैलाने का था. मगर जब पुलिसवाले भागने लगे तब मैंने नीचे उतरकर देखा तो आठ पुलिसवाले मरे पड़े थे. ये मेरी उम्मीद से कही ज्यादा था. सीओ को मैंने नीचे आकर रायफल एक गोली पैर में मारी थी, क्योंकि वो कहते थे कि विकास एक पैर से लंगड़ा है. मैं दोनों से कर दूंगा. शवों को डीजल से जलाने की तैयारी थी लेकिन वक्त न होने के चलते हम सभी भाग गए. पुलिस - इसके बाद कहाँ भागे? विकास - मैं समझ गया था कि इस खूनखराबे के बाद पुलिस मुझे कुत्ते की तरह तलाश करेगी. मैंने गिरोह के लोगों को अलग अलग भागने को कहा और मैं खुद अतुल और अमर को लेकर पैदल शिवली पहुंचा, जहां एक करीबी के घर दो दिन तक रुका. मुझे पता चला कि पुलिस शनिवार की देर रात पुलिस ने मेरे बहनोई को उठा लिया है तो मैं यहां से तड़के चार बजे निकला. नगर पालिका के एक पदाधिकारी और मेरे करीबी ने अपनी सिल्वर कलर हुंडई कार को ड्राइवर के साथ मुझे, अमर और अतुल को फरार करवाया. तड़के चार बजे हम लोग शिवली से निकल गए. पुलिस - उसके बाद कहाँ गए? विकास - यहां से सीधे नोएडा होते हुए दिल्ली गए, जहां कुछ वकीलों से मुलाकात हुई. उनसे सरेंडर की बात हुई. पचास हजार रुपये एडवांस दिलवाने की उन्होंने बोला था. यह भी तय हुआ था कि उज्जैन में सरेंडर करेंगे. इस पर मैंने गाड़ी वापस शिवली भेज दी और बस से फरीदाबाद गया, जहां अभय मिश्र के दूर के रिश्तेदार का मकान है. एक दिन रुकने के बाद मैं दोबारा फरीदाबाद से वकीलों के पास दिल्ली पहुंचा. वापस फरीदाबाद जाना था लेकिन तब तक पता चला कि अभय गिरफ्तार हो गया है. ऐसे में मैंने संदीप पाल के नाम से पहले दिल्ली से जयपुर के टिकट कराया. फिर जयपुर से झालावाड़ गया और वहां से उज्जैन आया. वकील से यह बात भी हुई थी कि सरेंडर होते ही एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में लगाई जाएगी, जिससे पुलिस मेरा एनकाउंटर न कर पाए. मुझे अमर और अतुल की मौत से सबसे ज्यादा दुख पहुंचा. इस तरह खुद विकास ने अपने कारनामे की काली कहानी पुलिस वालों को सुनाई. विकास दुबे के मरने के बाद भी उसके गांव में दहशत का माहौल है. गांव वालों में विश्वास कायम करने के लिए पुलिस लगातार गांव में गश्त कर रही है और गांव वालों के साथ बैठकें भी कर रही है. वहीं दूसरी तरफ विकास दुबे का आपराधिक साम्राज्य खत्म करने के बाद अब उसके आर्थिक अपराधों की भी जांच की जा रही है. प्रवर्तन निदेशालय ने विकास देशी और विदेशी संपतियों की जांच शुरू कर दी है. विकास के एनकाउंटर को लेकर कुछ सवाल भी खड़े हो रहे हैं लेकिन एक दूसरा पहलू यह भी है कि एनकाउंटर करने वाली टीम का लोगों ने फूलमाला पहना कर और लड्डू खिलाकर स्वागत किया. विकास के अलावा उसके पांच और साथी पुलिस के हाथों परलोक सिधार गए हैं. लोगों के मन में यह भाव है कि आखिरकार यूपी पुलिस ने अपने आठ साथियों की शहादत का बदला ले लिया.
और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

'जो भी भगोड़े हैं, हम उन्हें वापस लाएंगे', विजय माल्या और ललित मोदी के वायरल वीडियो पर MEA का रिएक्शन
'जो भी भगोड़े हैं, हम उन्हें वापस लाएंगे', विजय माल्या और ललित मोदी के वायरल वीडियो पर MEA का रिएक्शन
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पार्किंग रेट्स में बदलाव, एक घंटे से ज्यादा रोकी गाड़ी तो होगी ये कार्रवाई
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पार्किंग रेट्स में बदलाव, एक घंटे से ज्यादा रोकी गाड़ी तो होगी ये कार्रवाई
पाकिस्तान में 21 तोपों की सलामी... प्लेन से उतरे UAE के राष्ट्रपति, तुरंत गले मिलते ही आसिम मुनीर ने कान में क्या फुस-फुसाया?
पाकिस्तान में 21 तोपों की सलामी... प्लेन से उतरे UAE के राष्ट्रपति, तुरंत गले मिलते ही आसिम मुनीर ने कान में क्या फुस-फुसाया?
Vijay Hazare Trophy: रोहित शर्मा फ्लॉप, फिर गरजा विराट का बल्ला, आज विजय हजारे ट्रॉफी में किस-किसने मचाया धमाल
रोहित शर्मा फ्लॉप, फिर गरजा विराट का बल्ला, आज विजय हजारे ट्रॉफी में किस-किसने मचाया धमाल

वीडियोज

Best Films of 2025: Dhurandhar, Mahavatar Narsimha और Kantara 2 ने Cinema का Level Up किया
Delhi की ज़हरीली हवा बनाम Economy: क्या Beijing Model बचा सकता है भारत का भविष्य?| Paisa Live
Dhurandhar’s के Donga Bhai उर्फ Naveen Kaushik ने Dhruv Rathee को दिया करारा जवाब | फिल्म प्रोपेगेंडा की सच्चाई और बहुत कुछ
2025 में भारत की Economy: FDI में गिरावट, Export में record, क्या 2026 होगा Game Changer?|Paisa Live
Bangladesh Violence Update: कौन था Amrit Mandal? Deepu Das केबाद बांग्लादेश में भीड़ ने मार दिया

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'जो भी भगोड़े हैं, हम उन्हें वापस लाएंगे', विजय माल्या और ललित मोदी के वायरल वीडियो पर MEA का रिएक्शन
'जो भी भगोड़े हैं, हम उन्हें वापस लाएंगे', विजय माल्या और ललित मोदी के वायरल वीडियो पर MEA का रिएक्शन
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पार्किंग रेट्स में बदलाव, एक घंटे से ज्यादा रोकी गाड़ी तो होगी ये कार्रवाई
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पार्किंग रेट्स में बदलाव, एक घंटे से ज्यादा रोकी गाड़ी तो होगी ये कार्रवाई
पाकिस्तान में 21 तोपों की सलामी... प्लेन से उतरे UAE के राष्ट्रपति, तुरंत गले मिलते ही आसिम मुनीर ने कान में क्या फुस-फुसाया?
पाकिस्तान में 21 तोपों की सलामी... प्लेन से उतरे UAE के राष्ट्रपति, तुरंत गले मिलते ही आसिम मुनीर ने कान में क्या फुस-फुसाया?
Vijay Hazare Trophy: रोहित शर्मा फ्लॉप, फिर गरजा विराट का बल्ला, आज विजय हजारे ट्रॉफी में किस-किसने मचाया धमाल
रोहित शर्मा फ्लॉप, फिर गरजा विराट का बल्ला, आज विजय हजारे ट्रॉफी में किस-किसने मचाया धमाल
2025 के सबसे बड़े बॉक्स ऑफिस क्लैश कौन से, जानें कौन रहा हिट और किसे मिला फ्लॉप का टैग
2025 के सबसे बड़े बॉक्स ऑफिस क्लैश कौन से, जानें कौन रहा हिट और किसे मिला फ्लॉप का टैग
चीन के हथियारों की फिर खुली पोल, थाईलैंड के खिलाफ दागते समय फटा रॉकेट सिस्टम, कंबोडिया के 8 जवानों की मौत 
चीनी हथियारों की फिर खुली पोल, थाईलैंड के खिलाफ दागते समय फटा रॉकेट सिस्टम, 8 जवानों की मौत 
मेंटली ही नहीं आपको फिजिकली भी डैमेज करता है स्ट्रेस, डॉक्टरों ने दी चेतावनी
मेंटली ही नहीं आपको फिजिकली भी डैमेज करता है स्ट्रेस, डॉक्टरों ने दी चेतावनी
दिल्ली नहीं बेंगलुरू को राजधानी बनाओ... महिला ने शहर की तारीफ में बनाया वीडियो, इंटरनेट पर मच गया हंगामा
दिल्ली नहीं बेंगलुरू को राजधानी बनाओ... महिला ने शहर की तारीफ में बनाया वीडियो, इंटरनेट पर मच गया हंगामा
Embed widget