Electoral Bonds: 'किसी ने कहा था- ना खाऊंगा ना खाने दूंगा', इलेक्टोरल बॉन्ड पर कपिल सिब्बल का पीएम मोदी पर तंज
Electoral Bonds Details: इलेक्टोरल बॉन्ड की डिटेल्स सार्वजनिक होने पर कपिल सिब्बल ने कहा है कि सरकार ने लाभ के बदले लाभ लेने का काम किया है.
Electoral Bonds: राज्यसभा सांसद और कांग्रेस के पूर्व नेता कपिल सिब्बल ने इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी सार्वजनिक होने के बाद इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि इलेक्टोरल बॉन्ड की डिटेल्स से पता चलता है कि कहीं न कहीं 'लाभ के बदले लाभ देने' का काम हुआ है. उन्होंने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि किसी ने कहा था- 'ना खाऊंगा ना खाने दूंगा'. पीएम ने 2014 से पहले भ्रष्टाचार खत्म करने का वादा करते हुए ये बात कही थी.
दरअसल, चुनाव आयोग ने गुरुवार (14 मार्च) को इलेक्टोरल बॉन्ड की डिटेल्स सार्वजनिक की. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन करते हुए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने 12 मार्च को चुनाव आयोग को बॉन्ड की डिटेल्स दी, जिसे फिर सार्वजनिक कर दिया गया. इसके सामने आते ही विपक्षी दलों ने बयानबाजी शुरू कर दी और कहा कि डिटेल्स से पता चलता है कि सबसे ज्यादा चुनावी चंदा बीजेपी को मिला है. सोशल मीडिया पर भी इलेक्टोरल बॉन्ड के स्क्रीनशॉट शेयर किए जाने लगे.
सिब्बल ने पीएम मोदी को लेकर पूछा सवाल
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने ट्वीट कर कहा, 'इलेक्टोरल बॉन्ड के दानदाता, लाभ के बदले लाभ स्पष्ट रूप से दिख रहा है.' उन्होंने आगे पीएम मोदी का नाम नहीं लिए बगैर कहा, 'एक क्विज है- किसने कहा था: ना खाऊंगा ना खाने दूंगा?' इससे पहले उन्होंने एसबीआई की तरफ से इलेक्टोरल बॉन्ड की डिटेल्स जारी करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट से मांगे गए एक्सटेंशन पर भी टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था कि एसबीआई ने टालने की कोशिश की, लेकिन कोर्ट मजबूती से खड़ा रहा.
Donors of Electoral Bonds
— Kapil Sibal (@KapilSibal) March 15, 2024
Quid pro quo is evident !
Quizz :
Who had said :
“Na khaunga na khane dunga” ?
कांग्रेस ने भी दोहराई 'लाभ के बदले लाभ' की बात
वहीं, कांग्रेस ने भी इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर कहा है कि साफ है कि लाभ के बदले लाभ देने का काम हुआ है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने दावा किया कि ऐसी कई कंपनियों के मामले देखने को मिले हैं, जहां इलेक्टोरल बॉन्ड के तौर पर चंदा दिया गया और फिर तुरंत सरकार की तरफ से भारी लाभ मिला है. उन्होंने कहा कि 1,300 से ज्यादा कंपनियों और व्यक्तियों ने इलेक्टोरल बॉन्ड के रूप में चंदा दिया है, जिसमें 2019 के बाद से बीजेपी को मिला 6,000 करोड़ से ज्यादा चंदा शामिल है.
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