राजस्थान कांग्रेस की बढ़ी मुसीबत, अपनी ही सरकार के खिलाफ भूख हड़ताल पर बैठे पार्टी MLA
राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के एक विधायक हरीश मीणा अपनी ही सरकार के खिलाफ अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. इससे सरकार के लिए असहजता की स्थिति बन गई है.

जयपुर: राजस्थान कांग्रेस के एक विधायक हरीश मीणा अपनी ही सरकार के खिलाफ अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. इससे सरकार के लिए असहजता की स्थिति बन गई है. दरअसल, डीजीपी रह चुके कांग्रेस विधायक हरीश मीणा पुलिस के हाथों हुई एक ट्रैक्टर चालक की कथित हत्या से नाराज हैं. इसी के विरोध में उन्होंने यह कदम उठाया है. विधायक हरीश मीणा ने कहा है कि तीन दिनों से धरना पर बैठे रहने के बावजूद प्रदेश सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया है इसलिए अब उन्हें भूख हड़ताल पर बैठना पड़ा है. वहीं, बीजेपी ने मामले की जांच के लिए तीन-सदस्यीय समिति का गठन किया है.
क्या है मामला
प्रदेश के टोंक जिले के लक्ष्मीपुरा गांव में पुलिस अधिकारियों द्वारा कथित रूप से पीटे जाने के बाद भजनलाल की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. इस मामले में भजनलाल के परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों के पीटे जाने से भजनलाल की मौत हुई है वहीं, पुलिस ने इसे दुर्घटनावश हुई मौत बताया है. प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि भजनलाल को पुलिस ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा, जिसके कारण उसकी मौत हो गई.
प्रदर्शनकारी परिवार के सदस्य को नौकरी देने की कर रहे हैं मांग
नगरफोर्ट गांव में मृत ड्राइवर भजनलाल का शव रखकर हरीश मीणा के साथ कई लोग धरना दे रहे हैं. इनकी मांग है कि आरोपी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो और भजनलाल पर आश्रित परिवार के एक सदस्य को नौकरी मिले. भूख हड़ताल शुरू करने से पहले हरीश मीणा ने कहा, " उन्होंने राज्य सरकार को अपना संदेश भेजा है, पिछले तीन दिनों में कोई पहल नहीं हुई है. इसलिए अब मुझे भूख हड़ताल का सहारा लेना पड़ा है."
मांग नहीं मानने पर 5 जून को व्यापक विरोध प्रदर्शन
बीजेपी के राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा भी शनिवार को धरनास्थल पर आए. उन्होंने कहा कि अगर प्रदर्शनकारियों की मांगें पूरी नहीं हुई तो पांच जून को व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू किया जाएगा. इसी बीच बीजेपी विधायक और विपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौर ने शनिवार को कहा कि प्रदेश सरकार के दिन गिनती के रह गए हैं, क्योंकि उसकी अपनी ही पार्टी के नेता पार्टी के खिलाफ धरना पर बैठ रहे हैं.
बीजेपी ने सरकार पर लगाया मामले को दबाने का आरोप
बीजेपी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष मदनलाल सैनी ने आरोप लगाया, ''अशोक गहलोत सरकार ने शुरू में इस मामले को दबाने की कोशिश की. बीजेपी ने मामले की जांच के लिए तीन-सदस्यीय समिति गठित की है. समिति में टोंक सांसद सुखवीर सिंह जौनपुरिया, टोंक जिला अध्यक्ष गणेश महुर और पूर्व विधायक कन्हैयालाल हैं. समिति तीन दिनों के अंदर अपनी जांच रिपोर्ट दाखिल करेगी.
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