![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-top.png)
9 साल में राहुल गांधी ने 12 बार लिखा- हार स्वीकार, सुधार करेंगे; आखिर कांग्रेस की दिक्कत क्या है?
2013 से लेकर अब तक यानी कुल 9 साल में राहुल गांधी 12 बार हार स्वीकार और कांग्रेस में सुधार करने की बात कह चुके हैं. 9 सालों में कांग्रेस दो लोकसभा समेत करीब 40 विधानसभा चुनाव हार चुकी है.
![9 साल में राहुल गांधी ने 12 बार लिखा- हार स्वीकार, सुधार करेंगे; आखिर कांग्रेस की दिक्कत क्या है? Rahul Gandhi 12 times tweet in 9 years congress loses in assembly and lok sabha election abpp 9 साल में राहुल गांधी ने 12 बार लिखा- हार स्वीकार, सुधार करेंगे; आखिर कांग्रेस की दिक्कत क्या है?](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/11/27/2a0199116ed6682d1684369683bff5391669516202220594_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
गुजरात चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद राहुल गांधी का एक ट्वीट चर्चा में है. राहुल ने लिखा- हार को विनम्रतापूर्वक स्वीकार रहा हूं और आगे संगठन में सुधार कर जनता की लड़ाई लड़ेंगे. यह पहली बार नहीं है, जब राहुल हार स्वीकार कर पार्टी में सुधार करने की बात कह रहे हैं.
2013 से लेकर अब तक यानी कुल 9 साल में राहुल गांधी 12 बार ट्वीट कर हार स्वीकार और कांग्रेस में सुधार करने की बात कह चुके हैं. इन 9 सालों में कांग्रेस दो लोकसभा समेत करीब 40 विधानसभा चुनाव हार चुकी है.
किन-किन चुनावों में हार के बाद राहुल ने ट्वीट किया....
1. गुजरात चुनाव 2022- 182 सीटों वाली गुजरात में कांग्रेस को सिर्फ 17 सीटों पर जीत मिली. राहुल ने हार स्वीकारते हुए लड़ाई जारी रखने की बात कही. यहां 27 साल से कांग्रेस बाहर है.
2. यूपी, पंजाब और गोवा चुनाव 2022- इस साल के शुरुआत में यूपी-पंजाब समेत 5 राज्यों के चुनाव में कांग्रेस बुरी तरह हारी. राहुल ने हार स्वीकार कर संगठन मजबूत करने कही.
3. बंगाल और असम चुनाव 2021- असम में कांग्रेस को वापसी की उम्मीद थी, लेकिन हार गई. राहुल ने हार स्वीकारते हुए ट्वीट किया था और नए सिरे से लड़ाई लड़ने की हाच कही.
4. लोकसभा चुनाव 2019- आम चुनाव में कांग्रेस फिर धाराशाई हो गई. राहुल गांधी खुद अमेठी से चुनाव हार गए. हार के बाद राहुल ने ट्वीट कर संगठन में सुधार की बात कही.
5. मेघालय, त्रिपुरा और नगालैंड 2018- नॉर्थ-ईस्ट के इन तीनों राज्यों में जीत के लिए कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी थी, लेकिन सफलता नहीं मिली. राहुल ने इसके बाद भी सुधार को लेकर ट्वीट किया.
6. यूपी, गोवा और उत्तराखंड 2017- यूपी में सपा गठबंधन के साथ चुनावी मैदान में उतरने के बावजूद कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा. वहीं उत्तराखंड में सरकार गंवानी पड़ी. इन राज्यों के परिणाम के बाद राहुल ने ट्वीट किया था.
7. गुजरात और हिमाचल 2017- गुजरात में करीबी मुकाबला हारने और हिमाचल में सरकार खोने के बाद राहुल ने संगठन में सुधार और हार स्वीकार को लेकर ट्वीट किया था.
8. बंगाल और असम 2016- असम चुनाव में कांग्रेस को करारी हार मिली थी. बंगाल में भी ममता के खिलाफ कांग्रेस नहीं जीत पाई थी. राहुल ने हार स्वीकारने का ट्वीट किया था.
9. दिल्ली चुनाव 2015- दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015 में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया था. राहुल ने दिल्ली में कांग्रेस को फिर से मजबूती के साथ खड़े करने की बात कही.
10. हरियाणा और महाराष्ट्र चुनाव 2014- हरियाणा और महाराष्ट्र में सरकार खोने के बाद राहुल गांधी ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए हार स्वीकारने की बात कही. पार्टी को फिर से मजबूत करने का प्रण भी लिया.
11. लोकसभा चुनाव 2014- मोदी लहर में कांग्रेस पार्टी पूरी तरह साफ हो गई. रिजल्ट आने के बाद राहुल ने कहा- कांग्रेस ने बहुत बुरा किया है. बहुत कुछ सोचा जाना है. उपाध्यक्ष के तौर पर इसके लिए मैं जिम्मेदार हूं.
12. राजस्थान, एमपी और दिल्ली 2013- लोकसभा 2014 से पहले 5 राज्यों के चुनाव में कांग्रेस बुरी तरह हारी. राहुल ने दिल्ली में हार के बाद आम आदमी पार्टी से सिखने की बात कही.
आखिर मर्ज क्या है?
लगातार चुनाव हार रही कांग्रेस में जान फूंकने के कई प्रयास हुए, लेकिन सब बेनतीजा ही रहा. 2019 में हार के बाद सीनियर नेता एके एंटोनी की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई थी. कमेटी ने रिपोर्ट में हार के लिए 3 मुख्य कारणों को जिम्मेदार माना था.
- फैसले लेने में देरी- रिपोर्ट में कहा गया कि चुनाव प्रबंधन और टिकट बंटवारे जैसे अहम फैसले देरी से होते हैं. इस वजह से चुनाव में हार का सामना करना पड़ता है.
- संगठन स्तर पर गुटबाजी- रिपोर्ट में कहा गया कि राज्य और जिला स्तर पर संगठन में काफी गुटबाजी है. इसे खत्म किए बिना चुनाव नहीं जीते जा सकते हैं.
- पॉपुलर चेहरे की कमी- रिपोर्ट के मुताबिक पार्टी पॉपुलर और विश्वसनीय चेहरों की भारी कमी है, जिस वजह लोग कांग्रेस की नीति में भरोसा नहीं कर पाते हैं.
चिंतन में बदलाव की बात, मगर कुछ नहीं बदला
यूपी समेत 5 राज्यों में हारने के बाद कांग्रेस नेताओं ने मई 2022 में राजस्थान के उदयपुर में 3 दिन तक चिंतन किया. शिविर में वन पोस्ट-वन पर्सन फॉर्मूला समेत कई प्रस्ताव पास किए गए. हालांकि, इस फॉर्मूले को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ही अब तक पालन नहीं किया है. खरगे कांग्रेस अध्यक्ष के साथ ही राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष भी हैं.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![शशि शेखर, स्वतंत्र पत्रकार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/51d090ada97844f36ba02fe1f64e1d77.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)