राफेल विवाद: पाकिस्तान के बाद अब वाड्रा की एंट्री, BJP ने कहा- 'जीजा' को फायदा पहुंचाने के लिए सौदा कैंसिल किया गया
राफेल मामले में बीजेपी ने ताज़ा आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस की पिछली सरकार ने फ्रांस के साथ राफेल समझौता इसलिए कैंसिल कर दिया था क्योंकि इसे बनाने वाली कंपनी डसॉल्ट ने 'बिचौलिए' के तौर पर रॉबर्ट वाड्रा को स्वीकार नहीं किया.

नई दिल्ली: जब से फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने राफेल सौदे में नया खुलासा किया है, तब से हर रोज इस मामले में कई नई और अनोखी बातें हो रही हैं. बीते सोमवार को ऐसी ही दो अनोखी बातों में पहले तो बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान और कांग्रेस पीएम नरेंद्र मोदी को हटाने के लिए ये सब कर रहे हैं. वहीं, ताज़ा आरोपों में सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी राफेल सौदे के खिलाफ एक 'अंतराष्ट्रीय षडयंत्र' इसलिए रच रहे हैं ताकि अपने जीजा राबर्ट वाड्रा को फायदा पहुंचा सकें.
इसी मामले में बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कल कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा था कि क्या देश की विपक्षी पार्टी कांग्रेस पाकिस्तान के साथ इंटरनेशनल गठबंधन बना रही है. पात्रा ने कांग्रेस पर पाकिस्तान से तुलना के अलावा कई और गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के ट्वीट को पाकिस्तान टैग कर रहा है. वहीं, उन्होंने सबसे बड़ा आरोप ये लगाया कि कांग्रेस और पाकिस्तान नरेंद्र मोदी को हटाना चाहते हैं.
राहुल के हमले के बाद बीजेपी का हमला भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने ये आरोप भी लगाया कि कांग्रेस की पिछली सरकार ने फ्रांस के साथ राफेल समझौता इसलिए कैंसिल कर दिया था क्योंकि इसे बनाने वाली कंपनी डसॉल्ट ने रॉबर्ट वाड्रा को 'बिचौलिए' के तौर पर स्वीकार नहीं किया. बीजेपी का ये हमला कांग्रेस अध्यक्ष के उस ट्वीट के बाद आया जिसमें उन्होंने इशारों-इशारों में पीएम मोदी को "भारत का कमांडर इन थीफ" बता दिया था. बीजेपी ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी इसलिए राफेल सौदा रद्द करना चाहते थे क्योंकि वो अपनी बहन प्रियंका के पति वाड्रा से जुड़ी एक कंपनी को फायदा पहुंचाना चाहते थे.
राहुल-ओलांद के बीच गठजोड़ का आरोप बीजेपी ने अपने इन आरोपों में इस डील पर खुलासा करने वाले फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति को भी नहीं बख्शा और कहा कि ओलांद भी इस 'गठजोड़' का हिस्सा थे. बीजेपी के केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने आरोप लगाए कि हथियारों के सौदागर संजय भंडारी के वाड्रा के साथ संबंध थे. आगे कहा गया कि उन्होंने (वाड्रा और भंडारी) कई रक्षा प्रदर्शनियों में खुद को बिचौलिए के तौर पर पेश किया लेकिन अभी तक उन्हें कोई बड़ी कामयाबी नहीं मिली. शेखावत के आरोपों के मुताबिक तब की सरकार चाहती थी कि फ्रांस की कंपनी वाड्रा की कंपनी को बिचौलिए के तौर पर स्वीकार कर ले. लेकिन ऐसा नहीं हो पाने की स्थिति की में डील को कैंसल कर दिया गया.
पिछले हफ्ते ओलांद ने इस बात का खुलाया किया था कि मोदी सरकार ने फ्रांस को अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस डिफेंस के अलावा कोई विकल्प ही नहीं दिया था और ऑफसेट पार्टनर के लिए जो इकलौता विकल्प उन्हें दिया गया उसके साथ फ्रांस की सरकार और डसॉल्ड ने सौदे को आगे बढ़ाया. इसी पर हमल करते हुए शेखावत ने कहा कि राहुल गांधी और ओलांद जिस तरह से एक-दूसरे से जुड़े हैं वो एक गठजोड़ का हिस्सा है और जिस तरह से इस डील को नुकसान पहुंचाने के की कोशिश की जा रही है उसे समझा जा सकता है.
अमित मालवीय का आरोपों से भरा ट्वीट इसी सिलसिले में बीजेपी के सोशल मीडिया हेड ने ये ट्वीट किया जिसमें उन्होंने राफेल वाड्रा एंगल हैश टैग का इस्तेमाल किया. इसमें लिखा है कि राहुल गांधी इसलिए राफेल पर झूठा शोर मचा रहे हैं, क्योंकि उनके जीजा और संजय भंडारी जैसे खाली हाथ रह गए.
#RafaleVadraAngle pic.twitter.com/Dirm2WMlbl
— Amit Malviya (@amitmalviya) September 24, 2018
PM को कहा गया 'चोर' और 'कमांडर इन थीफ' राफेल सौदा विवाद में आरोप-प्रत्यारोप के बीच बयानों का पारा चढ़ता जा रहा है और इसी बीच पीएम नरेंद्र मोदी का बिना नाम लिए राहुल गांधी ने कल विवादित बयान दिया. राहुल ने इशारों-इशारों में मोदी को इंडिया का 'कमांडर इन थीफ' कहा. इसके पहले राहुल पीएम मोदी के लिए 'चोर' जैसे शब्द का इस्तेमाल कर चुके हैं.
The sad truth about India's Commander in Thief. pic.twitter.com/USrxqlJTWe
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 24, 2018
राहुल ने सौदे को बताया था सेना पर सर्जिकल स्ट्राइक आपको बता दें कि राहुल गांधी ने राफेल सौदा मामले पर हमला करते हुए कहा था कि पीएम मोदी और अनिल अंबानी ने इस सौदे से देश के जवानों पर सर्जिकल स्ट्राइक किया है. इसी पर जवाबी हमला करते हुए पात्रा ने राहुल गांधी पर सर्जिकल स्ट्राइक का मजाक उड़ाने और इसके साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया.
The PM and Anil Ambani jointly carried out a One Hundred & Thirty Thousand Crore, SURGICAL STRIKE on the Indian Defence forces. Modi Ji you dishonoured the blood of our martyred soldiers. Shame on you. You betrayed India's soul. #Rafale
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 22, 2018
ओलांद के खुलासे से हुआ धमाका दरअसल पिछले हफ्ते के अंत में फ्रांस के पू्र्व राष्ट्रपति ओलांद का एक इंटरव्यू सामने आया. इसमें उन्होंने भारत सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि 2015 में जब नरेंद्र मोदी ने इस सौदे को हरी झंडी दी, तब फ्रांस को इस सौदे के ऑफसेट पार्टनर के तौर पर जो इकलौता विकल्प दिया गया था, वो अनिल अंबानी का था.
बदले नियम से डसॉल्ड-रिलायंस डिफेंस को हुआ फायदा इस बयान के बाद देश में भूचाल आ गया, क्योंकि 36 जहाजों के लिए 59,000 करोड़ रुपए में किए गए सौदे से जुड़े ऑफसेट के नियमों को सौदे से पहले बदला गया था और विमान बनाने वाली कंपनी डसॉल्ट के पास नए नियमों की वजह से ये सहूलियत थी कि वो अपने ऑफसेट पार्टनर का नाम सरकार को बाद में बताए.
सरकार ने दिया रिलायंस के नाम का इकलौता विकल्प ऐसे में ओलांद के आरोपों के बाद गंभीर सवाल इसलिए खड़े हुए क्योंकि डसॉल्ड ने इस सौदे के 12 दिन पहले बनी रिलायंस डिफेंस को अपना पार्टनर बनाया. वहीं, सरकार को इसकी जानकरी बाद में दी. लेकिन फ्रांस के पू्र्व राष्ट्रपति के बयान के मुताबिक भारत सरकार ने न सिर्फ सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) का नाम किनारे करके रिलायंस का नाम आगे बढ़ाया, बल्कि इसके अलावा किसी और कंपनी का विकल्प फ्रांस को दिया ही नहीं गया.
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मास्टर स्ट्रोक : फुल एपिसोड । 24 सितम्बर 2018
Source: IOCL





















