'उन्होंने पूरा जीवन देश की...', सोनिया गांधी को कोर्ट से नोटिस पर प्रियंका का रिएक्शन, जानें कंगना ने क्या कहा
नागरिकता हासिल करने से पहले वोटिंग केस में सोनिया गांधी के खिलाफ कोर्ट से जारी नोटिस ने तूल पकड़ लिया है. इस मामले पर प्रियंका गांधी ने सफाई दी है, तो वहीं BJP से कंगना रनौत ने पलटवार किया है.

दिल्ली की सेशन कोर्ट (राऊज एवेन्यू कोर्ट) ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी को नोटिस जारी किया है. उन्हें विशेष न्यायाधीश की कोर्ट ने भारत की नागरिकता हासिल करने से पहले वोटर लिस्ट (1980-81) में नाम जुड़वाने के आरोप में नोटिस जारी किया है. अब इस पूरे मामले में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा का बयान आया है.
उन्होंने कहा है कि सोनिया गांधी पर जो आरोप लगा है, वह बिल्कुल झूठ है. उन्होंने वोट तब डाला जब वह नागरिक थीं. सोनिया जी 80 साल की बुजुर्ग महिला हैं. उन्होंने देश की सेवा की है. कम से कम उनको छोड़ देना चाहिए.
प्रियंका गांधी ने कहा, 'क्या उनके पास कोई सबूत है? यह पूरा झूठ है. उन्होंने तभी वोट डाला जब वह भारत की नागरिक बनीं. मुझे समझ नहीं आता कि वे उनके पीछे क्यों पड़े हैं, जबकि वह 80 साल की होने वाली हैं. उन्होंने पूरा जीवन देश की सेवा में लगा दिया. अब उनकी उम्र को देखते हुए उन्हें ऐसे आरोपों से दूर रखना चाहिए.'
कंगना रनौत का पलटवार
इस मामले में बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने पलटवार किया है. उन्होंने सोनिया गांधी पर लगे आरोप में जारी नोटिस को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि ये जो बाबू लोग हैं. प्रभावशाली परिवार हैं, जो अपने आपको संविधान से ऊपर मानते हैं और उसको अपने पैरों के तले रौंदकर रखते हैं. ऐसे लोगों पर एक्शन होना चाहिए, कि आगे से कोई फिर संविधान का अपमान करने की कोशिश न करें.
कोर्ट ने सोनिया से मांगा जवाब
राऊज एवेन्यू कोर्ट ने बिना नागरिकता हासिल किए मतदाता सूची में कथित जालसाजी कर नाम शामिल कराए जाने के मामले में सोनिया गांधी और दिल्ली पुलिस को नोटिस कर जवाब मांगा है. इस मामले में याचिकाकर्ता ने कोर्ट में बताया है कि सोनिया गांधी ने 30 अप्रैल 1983 को भारत की नागरिकता हासिल की. उनका नाम 1980 की वोटर लिस्ट में दर्ज था. इसमें सवाल उठाया गया है कि आखिर कैसे वोटर लिस्ट में नाम शामिल था. 1982 में सोनिया गांधी का नाम डिलीट हुआ. आखिर ये सब क्यों किया गया? वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने के लिए क्या फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया गया?
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Source: IOCL






















