पीएम मोदी ने मुसलमानों को लेकर कांग्रेस पर लगाया गंभीर आरोप, पुराने कांग्रेसी नेता के बयान का किया जिक्र
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कांग्रेस को इमरजेंसी की याद दिलाई. पीएम मोदी ने कि ये दाग कभी मिटेगा नहीं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस इतनी ऊंची हो गई कि जमीन से उखड़ गई, उसे जमीन से जुड़े लोग दिखने बंद हो गए.

नई दिल्ली: लोकसभा में आज पीएम मोदी ने कांग्रेस पर मुस्लिमों को धोखा देने का आरोप लगाया और 34 साल पुराने शाहबानो केस का हवाला दिया. आरोप लगाते हुए पीएम मोदी ने उस वक्त कांग्रेस के एक मंत्री का भी जिक्र किया. पीएम मोदी ने मंत्री का नाम तो नहीं लिया लेकिन बता दें कि उन्होंने जिस मंत्री का जिक्र किया वो आरिफ मोहम्मद खान थे. पीएम ने कहा कि उस वक्त कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे एक नेता ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा था कि मुसलमानों के उत्थान की जिम्मेदारी उसकी नहीं है, अगर वो गटर में पड़े रहना चाहते हैं तो पड़े रहने दो. बता दें कि पीएम ने जिस इंटरव्यू की बात पीएम कह रहे थे वो एबीपी न्यूज़ के शो प्रधानमंत्री में दिया गया आरिफ मोहम्मद खान का इंटरव्यू था. खुद आरिफ मोहम्मद खान ने इसकी पुष्टि की है. पीएम मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई धन्यवाद चर्चा का जवाब दे रहे थे.
पीएम मोदी ने आरोप लगाते हुए क्या कहा? कांग्रेस को घेरते हुए पीएम मोदी ने कहा, ''महिला सशक्तिकरण की बात करें तो कांग्रेस को इतने मौके मिले. लेकिन वो शायद इतने ऊंचे हैं कि कई चीजें छुप जाती हैं. जब यूनिफॉर्म सिविल कोड की बात चल रही थी तब कांग्रेस उसे मिस कर गई और हिंदू कोड बिल लाकर अपनी गाड़ी चला ली.''
पीएम ने आगे कहा, ''इसके 35 साल बाद फिर शाह बानों के मामले में फिर अवसर मिला लेकिन ऊंचाई ने नीचे की चीजें देखने से मना कर दिया. आज 35 साल बाद फिर एक बार कांग्रेस के पास मौका आया है, हम बिल लेकर आए है, हम इस देश की नारी के गौरव के लिए बिल लेकर आए हैं. जब शाह बानों का मामला चल रहा था उस समय के एक मंत्री ने टीवी इंटरव्यू में एक चौंकाने वाली बात कही. उन्होंने कहा कि मुसलमानों के उत्थान की जिम्मेदारी कांग्रेस की नहीं है. अगर वो गटर में रहना चाहते हैं तो रहें.'' इस पर कांग्रेस नेताओं ने हंगामा शुरू कर दिया और नेता का नाम पूछने लगे, इस पीएम ने कहा कि यूट्यूब का लिंक भेज देंगे.
आरिफ मोहम्मद खान ने सफाई देते हुए क्या कहा? आरिफ मोहम्मद खान ने अपने बयान पर सफाई देते हुए आज कहा, ''पीएम मोदी ने मेरे इंटरव्यू का उल्लेख किया है, यह मेसेज देने के लिए कि कब तक समाज का एक तबका सत्तारूढ़ सरकारों को यह अधिकार देगा कि वह उसे धोखा दे लेकिन यह साफ संदेश है. 6-7 साल पहले एक टीवी चैनल ने प्रधानमंत्री के नाम से एक सीरियल बनाया था और देश में जितने प्रधानमंत्री हुए हैं उनके कार्यकाल में जो महत्वपूर्ण घटनाएं हुई हैं उन्हें कवर किया था.''
उन्होंने कहा, ''राजीव जी के जमाने में शाहबानो को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. एक एपिसोड में उन्होंने मेरा इंटरव्यू किया. उन्होंने मुझसे पूछा कि आपको इस्तीफा वापस लेने के लिए नहीं कहा गया? मैंने कहा कि कहा गया, मैंने कहा कि मैंने जिस दिन इस्तीफा दिया मैं घर से गायब हो गया कोई मुझे संपर्क नहीं कर सकता था. अगले दिन जब मैं संसद पहुंचा तो सबसे पहले अरुण सिंह जो प्रधानमंत्री के सलाहकार थे वो मुझे मिले. वो मुझे प्रधानमंत्री के वेटिंग रूम में ले गए और समझाने की कोशिश की. सबसे आखिर में नरसिम्हा राव जी आए, नरसिम्हा राव जी ने कहा कि तुम इतनी जिद क्यों कर रहे हो. शाहबानो ने भी अपना रुख बदल लिया है. तुम्हें क्या परेशानी है, हम कोई सोशल रिफॉर्मर थोड़े हैं मुसलमानों के, अगर वो गटर में पड़े रहना चाहते हैं तो पड़े रहने दो.''
कौन हैं आरिफ मोहम्मद खान? राजीव गांधी सरकार में मंत्री रहे आरिफ मोहम्मद खान ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बिल पर प्रधानमंत्री से मतभेद के चलते पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद उन्होंने जनता दल का दामन थाम लिया. 1998 में उन्होंने जनता दल को अलविदा कहकर वे बीएसपी में शामिल हो गए. उनका राजनीतिक सफर यहीं खत्म नहीं हुआ, 2004 में उन्होंने बीजेपी ज्वाइन की और कैसरगंज से जीत कर संसद पहुंचे. साल 2007 में बीजेपी में नजरअंदाजी का आरोप लगाकर उन्होंने उसे भी छोड़ दिया.
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