PM Modi ने किया ऐलान, अब से 14 अगस्त होगा 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस'
PM Modi Announcement: प्रधानमंत्री मोदी के इस ऐलान के बाद राजनीति भी शुरू हो गई है. कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने इस फैसले पर पीएम के साथ संघ पर भी निशाना साधा.
PM Modi Announcement: देश के स्वतंत्रता दिवस से ठीक एक दिन पहले मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. अब से देश में 14 अगस्त को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के रूप में याद किया जाएगा. प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को ट्वीट के जरिए इस बात की घोषणा की. इस फैसले पर राजनीति भी शुरू हो गई है. कांग्रेस ने पिछले सालों में पीएम मोदी के पाकिस्तान को इसी दिन दी गई बधाई और अब इस फैसले पर सवाल खड़े किए है. मोदी सरकार के इस फैसले को उत्तर प्रदेश चुनाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है.
ट्वीट कर पीएम ने यह लिखा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर इस बात की घोषणा की. अब से 14 अगस्त को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के तौर पर याद किया जाएगा. प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट में लिखा, "देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता. नफरत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों बहनों और भाइयों को विस्थापित होना पड़ा और अपनी जान तक गंवानी पड़ी. उन लोगों के संघर्ष और बलिदान की याद में 14 अगस्त को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' मानने का निर्णय लिया गया है. #PartitionHorrorsRemembranceDay का यह दिन हमें भेदभाव, वैमनस्य और दुर्भावना के जहर को खत्म करने के लिए न केवल प्रेरित करेगा, बल्कि इससे एकता, सामाजिक सद्भाव और मानवीय संवेदनाएं भी मजबूत होंगी."
देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता। नफरत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों बहनों और भाइयों को विस्थापित होना पड़ा और अपनी जान तक गंवानी पड़ी। उन लोगों के संघर्ष और बलिदान की याद में 14 अगस्त को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के तौर पर मनाने का निर्णय लिया गया है।
— Narendra Modi (@narendramodi) August 14, 2021
विपक्ष ने साधा पीएम पर निशाना
प्रधानमंत्री मोदी के इस ऐलान के बाद राजनीति भी शुरू हो गई है. कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने इस फैसले पर पीएम के साथ-साथ संघ पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, "पीएम को आज 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' की जगह पश्चाताप दिवस मनाना चाहिए, वह भी नागपुर से, क्योंकि नागपुर से जुड़ी संस्थाओं ने मुस्लिम लीग से जुगलबंदी की, जिसका नतीजा पाकिस्तान था."
खेड़ा ने कहा, "मेरा परिवार विस्थापित परिवार है. इस विभाजन में 14 सदस्य मारे गए. हमें मालूम है वो पीड़ा कैसी होती है. पीएम के मुंह से ये बातें शोभा नहीं देतीं, क्योंकि पीड़ा बढ़ाने वाले इनके जो पूर्वज हैं, उन्हीं के कदम चिन्हों पर चल रहे हैं और उसी तरह का माहौल पैदा करने की कोशिश करते रहते हैं. तो यह बोलने से पहले पीएम अपने इतिहास की जानकारी दुरुस्त करें और फिर इस तरह की बातें करें."
वहीं कांग्रेस के महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने इस फैसले को बरगलाने वाला करार देते हुए उत्तर प्रदेश चुनावों से जोड़ दिया है. सुरजेवाला ने ट्वीट कहा, "विभाजनकारी छल-कपट की पोल खुली. अब देश को नहीं बरगला सकते. 22 मार्च को पाकिस्तान को बधाई, याद रहे 22 मार्च वो दिन है जब मुस्लिम लीग ने (22 मार्च, 1940) बंटवारे का प्रस्ताव पारित किया था. पिछले 14 अगस्त को भी पाक को बधाई. यूपी का चुनाव आते ही विभाजन की याद आई."
इधर तृणमूल कांग्रेस नेता डेरेक ओ ब्रायन से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने इस पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. स्वतंत्रता दिवस के एक दिन पहले हुए इस ऐलान पर राजनीति तेज हो गई है. 14 अगस्त को भारत का विभाजन हुआ था और उससे अलग हो कर एक नया देश पाकिस्तान बना था. भारत 15 अगस्त को अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है, जबकि पाकिस्तान 14 अगस्त को मनाता है.