क्या संसद सत्र में शामिल होने के लिए इंजीनियर राशिद को मिलेगी पैरोल? कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला
शेख अब्दुल राशिद का नाम कश्मीरी व्यापारी जहीर वटाली की जांच के दौरान सामने आया था, जिसे कश्मीर घाटी में आतंकवादी समूहों और अलगाववादियों को पैसा उपलब्ध कराने के आरोप में NIA ने गिरफ्तार किया था.

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर के सांसद इंजीनियर राशिद की उस याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया, जिसमें उन्होंने आगामी संसद सत्र में शामिल होने के लिए कस्टडी पैरोल की मांग की थी.पटियाला हाउस कोर्ट के एडिशनल सेशन कोर्ट के जज जस्टिस चंदर जीत सिंह ने याचिका पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला 7 मार्च के लिए सुरक्षित रख लिया.
पटियाला हाउस कोर्ट ने 3 मार्च को नोटिस जारी कर इस मामले में जवाब दाखिल करने के लिए कहा था. पटियाला हाउस कोर्ट में दाखिल अर्जी में दलील दी गई थी कि राशिद एक सांसद हैं और उन्हें अपने सार्वजनिक कर्तव्यों को पूरा करने के लिए आगामी संसद सत्र में भाग लेना जरूरी है. संसद के बजट सत्र का दूसरा सेशन 10 मार्च से शुरू होकर 4 अप्रैल तक चलेगा.
राशिद की नियमित जमानत की अर्जी पर फैसला है लंबित
शेख अब्दुल राशिद जिन्हें इंजीनियर राशिद के नाम से जाना जाता है. उन्होंने 2024 लोकसभा चुनाव में बारामूला सीट से मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को हराया था. राशिद की नियमित जमानत याचिका वर्तमान में पटियाला हाउस कोर्ट में लंबित है. इससे पहले 10 सितंबर को कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के प्रचार के लिए राशिद को अंतरिम जमानत दी थी इसके बाद 27 अक्टूबर को राशिद ने तिहाड़ जेल में आत्मसमर्पण कर दिया था उन्हें 2019 से तिहाड़ जेल में रखा गया है.
राशिद पर है टेरर फंडिंग करने का आरोप
दिल्ली हाईकोर्ट ने 24 फरवरी को पटियाला हाउस कोर्ट को निर्देश दिए कि वो इस मामले में राशिद की जमानत याचिका पर जल्द फैसला लें. दिल्ली हाईकोर्ट ने ये आदेश 24 दिसंबर 2024 के आदेश को ध्यान में रखते हुए दिया था, जिसमें सेशन कोर्ट ने जिला न्यायाधीश से मामला ऐसे कोर्ट में ट्रांसफर करने का अनुरोध किया था जो सांसदों और विधायकों से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए नामित है.
शेख अब्दुल राशिद का नाम कश्मीरी व्यापारी जहीर वटाली की जांच के दौरान सामने आया था, जिसे कश्मीर घाटी में आतंकवादी समूहों और अलगाववादियों को पैसा उपलब्ध कराने के आरोप में NIA ने गिरफ्तार किया था.
NIA ने कई लोगों के खिलाफ दाखिल की थी चार्जशीट
NIA ने इस मामले में कई व्यक्तियों के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट में चार्जशीट दायर की थी जिनमें कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक, लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन शामिल था. यासीन मलिक को 2022 में एक ट्रायल कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी.
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Source: IOCL























