पाकिस्तान जीता या हारा, अगर पाकिस्तानी से पूछें तो क्या मिलेगा जवाब? आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी ने बताया
Operation Sindoor: जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर पहली बार आईआईटी मद्रास में आयोजित एक कार्यक्रम में बात की. इस दौरान उन्होंने खुलकर कई चीजों के बारे में बताया.

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान पर तंज कसते हुए कहा कि किसी भी युद्ध में नैरेटिव मैनेजमेंट की बड़ी भूमिका होती है. उन्होंने कहा कि अगर किसी पाकिस्तानी से पूछो कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उनकी जीत हुई या हार हुई तो वो बोलेंगे कि आसिम मुनीर फील्ड मार्शल बना है तो पाकिस्तान की जीत ही हुई होगी.
आर्मी चीफ ने कहा कि पाकिस्तान ने इस नैरेटिव से अपने नागरिकों को यह विश्वास दिलाया है कि भारत के साथ हालिया संघर्ष में उनकी जीत हुई है. जनरल द्विवेदी ने IIT मद्रास में आयोजित एक कार्यक्रम में बताया कि इसी तरह आप घरेलू आबादी, विरोधी की आबादी और तटस्थ आबादी को प्रभावित करते हैं.
नैरेटिव मैनेजमेंट को लेकर जनरल द्विवेदी ने क्या बताया?
सेना प्रमुख (COAS) ने कहा, "नैरेटिव मैनेजमेंट प्रणाली एक ऐसी चीज़ है जिसका हमें बड़े पैमाने पर एहसास होता है क्योंकि जीत मन में होती है. यह हमेशा मन में ही रहती है. अगर आप किसी पाकिस्तानी से पूछें कि आप हारे या जीते तो वह कहेगा मेरे प्रमुख फील्ड मार्शल बन गए हैं, हम ही जीते होंगे, इसीलिए वह फील्ड मार्शल बने हैं."
उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान की रणनीति का अपने तरीके से मुकाबला किया. सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों का इस्तेमाल करके जनता तक अपना संदेश पहुंचाया. उन्होंने कहा, "रणनीतिक संदेश बहुत ज़रूरी था और इसीलिए हमने जो पहला संदेश दिया, वह था न्याय हुआ. मुझे बताया गया है कि आज दुनिया में हमें जितने हिट मिले, उनमें से सबसे ज़्यादा हिट इसी से मिले."
महिला अधिकारियों की प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर क्या बोले आर्मी चीफ?
सेना प्रमुख ने भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना की दो महिला अधिकारियों द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस की ओर इशारा करते हुए कहा कि रणनीतिक संदेश सरल था, लेकिन दुनिया भर में फैल गया.
सेना प्रमुख ने कहा, "दुनिया भर में आप जिन लोगों को देख रहे हैं, उसे एक लेफ्टिनेंट कर्नल और एक एनसीओ ने बनाया था. हमने यह सब तैयार किया था. जब हम इस तरह के ऑपरेशनों में शामिल होते थे तो हम इन चीजों (रणनीतिक संदेश) पर भी ध्यान देते थे क्योंकि नैरेटिव मैनेजमेंट सिस्टम महत्वपूर्ण होता है. इसमें बहुत समय और मेहनत लगी."
ये भी पढ़ें
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL























