कोरोना वैक्सीन: नीति आयोग ने कहा- बच्चों को टीके की जरूरत नहीं
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉक्टर डी.के. पॉल ने कहा कि घबराने की कोई बात नहीं है और ‘‘हम देश में इस तरह का वायरस का पता लगाने का काम कर रहे हैं.’’

कोरोना वैक्सीन को ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडा समेत दुनिया के कई देशों में आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी गई है. भारत में भी अगले कुछ दिनों में टीका को मंजूरी देकर वैक्सीनेशन का काम शुरू कर दिया जाएगा. सरकार की ओर से यह पहले ही साफ किया जा चुका है कि कोरोना की टीकाकरण चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा और पहले स्वास्थ्य कर्मियों और बुजुर्गों को यह वैक्सीन दी जाएगी.
नीति आयोग की तरफ से कोरोना वायरस के टीकाकरण के बारे में मंगलवार को कहा गया कि बच्चों में टीका की जरूरत नहीं है. नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉक्टर वी.के. पॉल ने कहा- “अब तक के उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर बच्चों में टीकाकरण के विचार का कोई कारण नहीं है.”
इसके साथ ही, डॉ. वी के पॉल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ब्रिटेन में मिले कोरोना वायरस (सार्स कोव-दो स्ट्रेन) के नए स्वरूप से टीका के विकास पर कोई असर नहीं पड़ेगा. पॉल ने कहा, ‘‘अब तक उपलब्ध आंकड़ों, विश्लेषण के आधार पर कहा जा सकता है कि घबराने की कोई बात नहीं लेकिन और सतर्क रहना पड़ेगा. हमें समग्र प्रयासों से इस नई चुनौती से निपटना होगा.’’
उन्होंने कहा कि वायरस के स्वरूप में बदलाव के मद्देनजर उपचार को लेकर दिशा-निर्देश में कोई बदलाव नहीं किया गया है और खास कर देश में तैयार किए जा रहे टीका पर इससे कोई असर नहीं पड़ेगा.
पॉल ने कहा कि स्वरूप में बदलाव से वायरस ज्यादा संक्रामक हो सकता है। यह जल्दी संक्रमण फैला सकता है. उन्होंने कहा, ‘‘यह भी कहा जा रहा है कि यह वायरस 70 गुणा ज्यादा संक्रमण फैलाता है. एक तरीके से कह सकते हैं कि यह ‘सुपर स्प्रेडर’ है लेकिन इससे मृत्यु, अस्पताल में भर्ती होने या गंभीर रूप से बीमार होने का खतरा नहीं बढ़ता है. सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि यह तेजी से लोगों में संक्रमण फैलाता है.’’
पॉल ने कहा कि घबराने की कोई बात नहीं है और ‘‘हम देश में इस तरह का वायरस का पता लगाने का काम कर रहे हैं.’’ केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि मध्य सितंबर के बाद से कोविड-19 के मामलों में लगातार गिरावट आ रही है.
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