निर्भया के पिता ने कहा, लोकसभा चुनाव को देखते हुए मोदी सरकार ने लाया अध्यादेश
दक्षिणी दिल्ली के एक इलाके में 16 दिसंबर 2012 को चलती बस में निर्भया का रेप किया था और बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी. निर्भया के पिता ने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि नये प्रावधान के तहत किशोर आरोपियों से कैसे निबटा जाएगा.

नई दिल्ली: निर्भया के पिता ने मोदी कैबिनेट द्वारा लाये गए 12 वर्ष से कम आयु की बच्ची से रेप के मामले में दोषी पाये जाने पर मृत्युदंड के प्रावधान वाले अध्यादेश को ‘औचित्यहीन’ करार देते हुए आरोप लगाया कि 2019 के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर यह फैसला किया गया है. उन्होंने कहा , ‘‘रेप रेप होता है चाहे नाबालिग से हो या व्यस्क से. अध्यादेश में 12 वर्ष से कम आयु की बच्ची से रेप के लिए ही मृत्युदंड का प्रावधान क्यों है ? सभी रेपियों को आजीवन कारावास या मृत्युदंड दिया जाना चाहिए , चाहे पीड़िता की आयु जो भी हो.’’
दक्षिणी दिल्ली के एक इलाके में 16 दिसंबर 2012 को चलती बस में निर्भया का रेप किया था और बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी. निर्भया के पिता ने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि नये प्रावधान के तहत किशोर आरोपियों से कैसे निबटा जाएगा.
राष्ट्रपति ने दी मंजूरी अध्यादेश को आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी. मोदी कैबिनेट ने कल उस अध्यादेश को अपनी स्वीकृति दी थी जिसके तहत 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से रेप करने के दोषी ठहराये गये व्यक्ति के लिये अदालत को मृत्युदंड की सजा की इजाजत दी गई है.
आपराधिक कानून (संशोधन) अध्यादेश 2018 के अनुसार ऐसे मामलों से निपटने के लिये नयी त्वरित अदालतें गठित की जायेंगी और सभी पुलिस थानों एवं अस्पतालों को रेप मामलों की जांच के लिए विशेष फॉरेंसिक किट उपलब्ध करायी जायेगी.
अध्यादेश का हवाला देते हुए अधिकारियों ने बताया कि इसमें विशेषकर 16 एवं 12 साल से कम उम्र की लड़कियों से रेप के मामलों में दोषियों के लिये सख्त सजा की अनुमति है. 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से रेप के दोषियों को मौत की सजा देने की बात इस अध्यादेश में कही गई है.
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