'लागू करें रेलवे एक्ट, धारा 57 का पूरी तरह हो पालन', नई दिल्ली स्टेशन पर भगदड़ मामले में हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
New Delhi Stampede Case: चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की पीठ ने संबंधित अधिकारियों से कहा कि वे अपने हलफनामे में इन मुद्दों पर अपने उपायों का ब्यौरा पेश करें.

NDLS Stampede Case: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में हुई लोगों की मौत के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार (19 फरवरी, 2025) को सुनवाई की. कोर्ट ने भारतीय रेलवे से जवाब मांगा है. हाईकोर्ट ने रेलवे बोर्ड के ऊंचे पदों पर बैठे अधिकारियों से इस बात पर विचार करने को कहा कि ऐसी घटनाओं को कैसे रोका जा सकता है. साथ ही अदालत ने रेलवे एक्ट को पूरी भावना के साथ लागू करने को कहा. अब इस मामले की अगली सुनवाई 26 मार्च को होगी.
दिल्ली हाई कोर्ट में याचिकाकर्ता ने कहा की रेलवे नियमों के मुताबिक स्टेशन और रेलवे कोच में भीड़भाड़ को रोकने के लिए जो नियम बनाये गए हैं उनको लागू करने के लिए रेलवे को आदेश दिया जाए. याचिकाकर्ता ने ये भी कहा कि यह नागरिकों के जीवन के बारे में है, रेलवे अधिनियम की धारा 57 पूरी तरह से लागू किया जाए. याचिकाकर्ता ने कहा कि भारतीय रेलवे के पास यह आंकलन करने की कोई व्यवस्था नहीं है कि स्टेशन पर कितने लोग हैं.
अदालत ने क्या आदेश दिया?
चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की पीठ ने संबंधित अधिकारियों से कहा कि वे अपने हलफनामे में इन मुद्दों पर अपने उपायों का ब्यौरा पेश करें. अदालत ने आदेश दिया, 'याचिका में उठाए गए मुद्दों की जांच रेलवे बोर्ड में हाई लेवल पर की जाए और उसके बाद प्रतिवादी की ओर से एक हलफनामा दायर किया जाए जिसमें रेलवे बोर्ड की ओर से लिए जा सकने वाले फैसलों की डिटेल दी जाए.'
केंद्र सरकार ने क्या कहा?
मामले पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मामले को विरोधात्मक तरीके से नहीं लिया गया है और रेलवे कानून का पालन करने के लिए बाध्य है. केंद्र ने कहा कि रेलवे निश्चित रूप से मुद्दों पर गौर करेगा. केंद्र ने आगे कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, मुआवजे से जनहानि की भरपाई नहीं की जा सकती है. वह इस पूरे मामले को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल करेंगे.
मामले में 17 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में भी एक जनहित याचिका दायर की गई थी. इस घटना में 18 लोगों की जान चली गई और 15 घायल हो गए थे. याचिका दायर कर भविष्य में ऐसी आपदाओं को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग की गई है.
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Source: IOCL





















