SC/ST समुदायों के खिलाफ तमिलनाडु में बढ़े आपराधिक मामले, NCRB रिपोर्ट देखकर भड़की BJP, कहा- राज्य सरकार शर्म करे...
एनसीआरबी ने 2023 की अपनी रिपोर्ट में संकेत दिया कि तमिलनाडु में बच्चों और एससी/एसटी के खिलाफ अपराधों के दर्ज मामलों में पिछले वर्ष की तुलना में 2023 में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है.

भारतीय जनता पार्टी (BJP) की तमिलनाडु इकाई के प्रमुख नैनार नागेंद्रन ने राज्य में बढ़ते अपराधों को लेकर द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) सरकार की आलोचना करते हुए दावा किया है कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट ने सामाजिक न्याय और लोगों की सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार ने जो दावे किए, उनकी पोल खोल दी है.
नागेंद्रन ने द्रमुक के जनसंपर्क अभियान- ओरानियिल तमिलनाडु पर कटाक्ष करते हुए व्यंग्यात्मक लहजे में टिप्पणी की कि एनसीआरबी की रिपोर्ट राज्य में अपराधों की स्थिति को दर्शाती है. उन्होंने बुधवार (1 अक्टूबर, 2025) को सोशल मीडिया प्लेटफर्म एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए कहा, 'क्या संक्षेप में तमिलनाडु यही है?'
नागेंद्रन ने एनसीआरबी की हालिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि 2021 में द्रमुक के सत्ता में आने पर बच्चों के खिलाफ अपराध के मामले 6,064 थे जो 2023 में 15 प्रतिशत बढ़ गए हैं. उन्होंने कहा, ;फर्जी सामाजिक न्याय की बात करने वाली द्रमुक सरकार के राज में अनुसूचित जाति के लोगों के खिलाफ अपराध 2021 की तुलना में 2023 में 39 प्रतिशत बढ़ गए हैं - क्या यही ओरानियिल तमिलनाडु है.'
उन्होंने बताया कि द्रमुक शासन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोंटता है और उसके सत्ता में आने के बाद से तीन वर्षों में साइबर अपराधों में 283 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. नागेंद्रन ने कहा, 'द्रमुक सरकार को खुद पर शर्म आनी चाहिए कि राज्य में लोगों की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को नष्ट करने के बावजूद वह सुशासन देने का दावा करती है.'
एनसीआरबी ने 2023 की अपनी रिपोर्ट में संकेत दिया कि तमिलनाडु में बच्चों और अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) के खिलाफ अपराधों के दर्ज मामलों में पिछले वर्ष की तुलना में 2023 में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. बच्चों के खिलाफ अपराधों के दर्ज मामलों की संख्या 2022 में 6,580 से बढ़कर 2023 में 6,968 हो गई जबकि 2021 में यह आंकड़ा 6,064 था.
एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत दर्ज मामले 2022 में 1,761 बढ़कर से 2023 में 1,921 हो गए, जो 9.1 प्रतिशत की वृद्धि है तथा 2019 से 2023 तक पांच वर्ष की अवधि में इन मामलों में 68 प्रतिशत की तीव्र वृद्धि हुई. हालांकि महिलाओं के खिलाफ अपराधों की संख्या 2022 में 9,207 से घटकर 2023 में 8,943 हो गई. रिपोर्ट में कहा गया है कि हत्या के मामलों की संख्या में भी तमिलनाडु में मामूली गिरावट देखी गई. वर्ष 2022 में ऐसे 1,690 मामलों की तुलना में 2023 में 1,681 मामले थे. समग्र अपराध दर के संदर्भ में तमिलनाडु में अपराध दर प्रति लाख जनसंख्या पर 264.9 रही, जबकि भारत में यह दर 270.3 प्रति लाख जनसंख्या थी.
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