दुश्मन का डेथ वारंट! राफेल वाली डील ही नहीं, फ्रांस जाकर डोभाल कर आए दुश्मन को नींद में सुलाने का पूरा इंतजाम
Ajit Doval in France: डोभाल की इस यात्रा का मकसद द्विपक्षीय रणनीतिक वार्ता है, जो जनवरी में गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेने के लिए मैक्रों के भारत आने के बाद दोनों देशों के बीच पहली बड़ी बातचीत थी.
Ajit Doval France Tour Latest News: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल फ्रांस यात्रा पर हैं. यहां उन्होंने मंगसवार (1 अक्टूबर 2024) को पेरिस में शीर्ष फ्रांसीसी अधिकारियों के साथ राफेल मरीन लड़ाकू जेट और अतिरिक्त स्कॉर्पीन पनडुब्बियों को लेकर चर्चा की. डोभाल फ्रांसीसी राष्ट्रपति के कूटनीतिक सलाहकार इमैनुएल बोने के साथ द्विपक्षीय रणनीतिक वार्ता के लिए फ्रांस में हैं.
अजीत डोभाल ने फ्रांसीसी सशस्त्र बल मंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू और राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से भी मुलाकात की. पेरिस में भारतीय दूतावास ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि डोभाल और लेकोर्नू के बीच बातचीत का उद्देश्य "द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को गहरा करना और अंतरिक्ष सहयोग को आगे बढ़ाना था." एक अलग पोस्ट में लेकोर्नू ने कहा कि उन्होंने और डोभाल ने हमारे द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के तहत राफेल मरीन, स्कॉर्पीन पनडुब्बियों और स्पेस पर चर्चा की. इसके अलावा रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा की."
26 राफेल मरीन जेट खरीदने की है कोशिश
बता दें कि भारत वर्तमान में भारतीय नौसेना के लिए 26 राफेल मरीन जेट खरीदने के लिए फ्रांस सरकार के साथ बातचीत कर रहा है. इनमें से कुछ जेट, भारतीय वायु सेना के साथ पहले से ही सेवा में मौजूद राफेल जेट के नौसैनिक संस्करण, एक विमानवाहक पोत पर तैनात किए जाएंगे.
द्विपक्षीय रणनीतिक वार्ता है दौरे का मुख्य मकसद
भारत तीन अतिरिक्त कलवरी श्रेणी की पनडुब्बियों के ऑर्डर पर भी नजर रख रहा है, जो फ्रांसीसी स्कॉर्पीन पनडुब्बी का एक संस्करण है. भारतीय नौसेना पहले ही इस श्रेणी की छह पनडुब्बियां हासिल कर चुकी है. डोभाल की यात्रा का मुख्य उद्देश्य द्विपक्षीय रणनीतिक वार्ता है, जो जनवरी में गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेने के लिए मैक्रों के भारत आने के बाद दोनों देशों के बीच पहली बड़ी बातचीत थी.
राष्ट्रपति मैक्रों ने भारत और पीएम मोदी की सराहना की
अजीत डोभाल ने फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों से मुलाकात के दौरान फ्रांस के साथ "हॉरीजन 2047 रोडमैप" को लागू करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई. यह वर्ष 2047 तक कई रणनीतिक क्षेत्रों में घनिष्ठ सहयोग के लिए एक रूपरेखा है. डोभाल ने मैक्रों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शुभकामनाएं भी दीं. भारतीय दूतावास ने कहा कि मैक्रों ने शांति को आगे बढ़ाने और वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए भारत-फ्रांस के प्रयासों के मूल्य पर जोर दिया और इस संबंध में पीएम मोदी की पहल की सराहना की.
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