Kohinoor Diamond: मुगल सल्तनत की तवायफ ने कैसे चुरा लिया कोहिनूर? मोहब्बत के नाम पर बादशाह को दिया धोखा
नूर बाई और कोहिनूर की यह कहानी सिर्फ एक हीरे की चोरी की दास्तान नहीं, बल्कि मुगल सल्तनत के 18वीं सदी की राजनीतिक कमजोरी, दरबारी साजिशों और विलासिता की भी झलक है.

18वीं सदी आते-आते मुगल सल्तनत अपनी आखिरी सांसें गिन रही थी. दिल्ली पर नादिर शाह का हमला शुरू हो गया था. इस बीच अंग्रेजों की ताकत भी बढ़ गई थी. उस दौर में मुगल दरबार में शराब, शबाब और मौसिकी का शौक सिर चढ़कर बोल रहा था. तत्कालीन मुगल बादशाह नसीरुद्दीन मुहम्मद शाह (जिसे रंगीन मिज़ाज के कारण रंगीला कहा जाता था) अपने दरबारी इश्क और महफिलों में खोए रहते थे. लाल किले के बगीचों में सजती महफिलों की शान थीं दिल्ली की तवायफें. इन्हीं में एक नाम था नूर बाई.
विलियम डेलरिंपल और अनिता आनंद की किताब कोहिनूर: दुनिया के सबसे मशहूर हीरे की कहानी में नूर बाई के बारे में जिक्र किया है. नूर बाई पुरानी दिल्ली की मशहूर तवायफ थी. उसके हुस्न और अदाओं के दीदार के लिए दिल्ली के बड़े-बड़े रईस और उमराव आते थे. ऐसा कहा जाता है कि नूर बाई के दीवाने खुद बादशाह मोहम्मद शाह भी हो गए थे. इतना ही नहीं, बादशाह ने उसकी हवेली के बाहर हमेशा दो हाथी तैनात कर रखे थे. नूर इन्हीं पर सवार होकर दिल्ली की सड़कों पर घूमती थी. बादशाह के इतने करीब रहने से नूर बाई को कोहिनूर हीरे के राज पता चल गया, जो सिर्फ चुनिंदा लोगों को मालूम था.
भारत की शान थी कोहिनूर हीरा
कोहिनूर, जो कभी भारत की शान और पहचान था, उस समय बादशाह अपनी पगड़ी में छुपाकर रखते थे. नूर बाई को इस हीरे की जानकारी मिल चुकी थी, लेकिन उसके मन में बादशाह के लिए कोई मोहब्बत नहीं थी. जब नादिर शाह ने दिल्ली पर हमला किया तो नूर बाई ने ही उसे कोहिनूर के रहस्य की खबर दी.
पगड़ी बदलने की रस्म और कोहिनूर की चोरी
नादिर शाह ने चालाकी दिखाते हुए शांति समझौते के नाम पर बादशाह मोहम्मद शाह को बुलाया. एक रस्म निभाने के बहाने उसने बादशाह के साथ पगड़ी बदल ली और इस तरह दुनिया का सबसे अनमोल हीरा कोहिनूर मुगल सल्तनत से हमेशा के लिए चला गया.
धोखे की विरासत और कोहिनूर का सफर
नूर बाई की साजिश और नादिर शाह की चालाकी ने भारत से वह रत्न छीन लिया, जिसकी चमक आज भी दुनिया को चकाचौंध कर देती है. कोहिनूर बाद में अफगान, सिख और अंग्रेज शासकों के हाथों में गया. अंततः यह ब्रिटिश साम्राज्य की शान बना और आज भी ब्रिटिश क्राउन ज्वेल्स में जड़ा हुआ है.
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Source: IOCL





















