एक्सप्लोरर

पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने अपनी जीवनी में पीएम मोदी के कामकाज पर उठाए गंभीर सवाल, पढ़ें बड़ी बातें

पूर्व उपराष्ट्रपति ने अपनी जीवनी में मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि सत्ता पर कब्ज़े के लिए बहुत भीषण जंग नज़र आती है पर गरीब को कोई लाभ नहीं मिल रहा. उन्होंने लिखा कि भारत ऐसा देश बन रहा जिसकी सुरक्षा और खुशहाली केवल एक सुप्रीम लीडर पर निर्भर हो. उन्होंने पीएम मोदी के कामकाज पर सवाल उठाने के साथ साथ न्यायपालिका को भी कटघरे में खड़ा किया है.

नई दिल्ली: पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की किताब 'बाइ मेनी अ हैपी ऐक्सिडेंट: रीकलेक्शंस ऑफ ए लाइफ' आज लॉन्च हुई है. हामिद अंसारी ने अपनी इस किताब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कामकाज को लेकर गंभीर उठाए हैं. इसके साथ ही उन्होंने अपने दस साल के कार्यकाल से जुड़े कई दिलचस्प किस्से भी साझा किए हैं. प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी को लेकर पूर्व उप राष्ट्रपति ने एक किस्सा साझा करते हुए लिखा कि मोदी ने एक बार कहा था कि मुसलमानों के लिए उन्होंने बहुत काम किया है लेकिन इसका प्रचार न किया जाए क्योंकि यह उनकी राजनीति को सूट नहीं करता है.

पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने अपनी इस जीवनी में प्रधानमंत्री मोदी को गुजरात में गोधरा कांड के बाद के दंगों समेत आज बतौर प्रधानमंत्री देश में निरंकुश अंदाज़ में सरकार चलाने और संसद में मनमाने तरीकों से कानूनों को पास कराने जैसे कई आरोप लगाए हैं. बता दें कि कुछ दिन पहले पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की किताब 'द प्रेसिडेंशियल इयर्स' में भी नोटबंदी और संसद में गैरहाजिरी को लेकर पीएम मोदी पर सवाल उठाए गए थे.

गोधरा कांड और पीएम मोदी को लेकर हामिद अंसारी ने क्या लिखा ? हामिद अंसारी ने अपनी किताब में लिखा, ''गोधरा के बाद गुजरात में हुए कत्लेआम के खिलाफ जनता में जबरदस्त रोष था. प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से मिलने वाले चिंतित नागरिकों में मैं भी था, जिन्होंने उनसे कार्रवाई की मांग की थी. एडिटर्स गिल्ड ने पत्रकारों की एक फैक्ट फाइंडिंग टीम भेजी थी. जिन्होंने अपनी समीक्षा में कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के पास ना तो सवालों के जवाब थे और ना हीं कोई पछतावा. तत्कालीन राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन जस्टिस जे एस वर्मा ने मामले को प्रधानमंत्री वाजपेयी से पत्र लिखकर उठाया था. उन्होंने बाद में ये बात सार्वजनिक की थी कि उन्होंने धारा 355 के इस्तेमाल की वकालत की थी. गोधरा कांड में राज्य सरकार का रवैया चौंकाने वाला था.

पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने अपनी जीवनी में पीएम मोदी के कामकाज पर उठाए गंभीर सवाल, पढ़ें बड़ी बातें

'मुसलमानों के लिए काम का प्रचार मेरे लिए राजनीतिक तौर पर ठीक नहीं होगा' उपराष्ट्रपति बनने के बाद नरेंद्र मोदी के साथ अपनी पहली मुलाकात को लेकर अंसारी लिखते हैं, ''बतौर उपराष्ट्रपति मुझसे सबसे पहले मिलने वालों में से तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी थे. जब वो मेरे पास आए तो मैंने उनसे कहा मेरे मन में कुछ सवाल हैं जो मैं आपसे पहले ही पूछना चाहता था. मैंने पूछा कि आपने गुजरात में कुछ हुआ वो सब क्यों होने दिया ?? तो मोदी ने मुझसे कहा कि लोग केवल एक पक्ष की बात करते हैं, ये नहीं बताते जो मैंने मुस्लिम समुदाय के उत्थान के लिए किया, खासकर मुस्लिम बच्चियों की पढाई के लिए. इस पर मैंने उनसे कहा कि आप ये बातें प्रचारित क्यों नहीं करते. तो उन्होंने ने मुझसे साफ साफ कह दिया कि ऐसा करना मेरे लिए राजनीतिक तौर पर ठीक नहीं होगा.

जब बिना बताए उपराष्ट्रपति से मिलने पहुंच गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हामिद अंसारी ने अपनी किताब में उस किस्से का भी जिक्र किया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिना किसी पूर्व जानकारी के उपराष्ट्रपति के दफ्तर में पहुच गए थे. हामिस अंसारी ने लिखा, ''मोदी सरकार के दौरान राज्यसभा में एक बार एक बिल को डिन में यानी हंगामें के बीच ही पास कराने का दबाव आया पर मैनें ऐसा नहीं होने दिया. यूपीए के समय से मैंने सप्षट कर दिया था कि राज्यसभा में अगर सत्ता पक्ष के पास बहुमत नहीं है तो कोई विधेयक हंगामें के बीच पास नहीं किया जाएगा. इसकी सराहना खुद तत्कालीन विपक्ष के नेता किया करते थे.''

उन्होंने आगे लिखा, ''एक दिन, प्रधानमंत्री मोदी बिना बताए राज्यसभा में मेरे कमरे मे चले आए और मुझसे नाराज़गी भरे अंदाज़ में कहा कि आपसे और बड़ी जिम्मेदारियों की अपेक्षा है पर आप मेरी मदद नहीं कर रहे. मेरे पूछने पर उन्होंने कहा कि आप डिन में बिल क्यों नहीं पास कर रहे ? इसके जवाब में मैंने उनसे कहा कि मैं संसदीय परंपरा का आदर करता हूं और हंगामे के बीच विधेयक पास नहीं कराने के मेरे इस विचार की सराहना खुद अब सदन के नेता और तत्कालीन विपक्ष के नेता किया करते हैं. इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने मुझसे कहा कि राज्यसभा टीवी हमारे पक्ष में खबरें नहीं दिखाता. जिसके जवाब में मैंने उनसे कहा कि राज्यसभा टीवी में मेरा कोई दखल नहीं और राज्यसभा सांसदों की एक कमेटी ने ही राज्यसभा टीवी को गाइडलाइंस बना के दिए हैं, जिसमें बीजेपी के सदस्य भी शामिल थे.'' पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने अपनी जीवनी में पीएम मोदी के कामकाज पर उठाए गंभीर सवाल, पढ़ें बड़ी बातें

'मेरे विदाई समारोह में प्रधानमंत्री मोदी की स्पीच में सत्कार नहीं था' राज्यसभा में सभापति और देश के उपराष्ट्रपति के तौर पर अपने आखिरी दिन को याद करते हुए भी हामिद अंसारी ने प्रधानमंत्री मोदी पर सवाल उठाए. उन्होंने किताब में लिखा, ''राज्यसभा में बतौर सभापति मेरे आखरी दिन सभी सदस्यों ने मुझे बहुत अच्छी विदाई दी मगर प्रधानमंत्री मोदी के स्पीच में वो सत्कार नहीं था. प्रधानमंत्री ने मेरी बतौर राजनयिक कार्यकाल की तारीफ तो की पर राज्यसभा के सभापति या उपराष्ट्रपति के तौर पर कार्यकाल पर कुछ नहीं कहा. यहां तक की प्रधानमंत्री मोदी ने ये तक कह दिया कि आज के बाद आप अपनी विचारधारा के मुताबिक बोलने और काम करने को आजाद होंगे.''

उन्होंने आगे लिखा, ''प्रधानमंत्री ये भूल गए की कोई भी भारतीय विदेशों में या किसी भी बड़े पद पर बैठता है तो वो राष्ट्र की नीति से काम करता है ना कि अपनR निजी मान्यताओं के मुताबिक. हांलाकि शाम को बालयोगी ऑडिटोरियम में आयोजित मेरे विदाई कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मेरे कार्यकाल के दौरान मिली सीख से जनता के प्रति नीतियों में फायदा होगा. मगर मीडिया ने इस भाषण को तवज्जो नहीं दिया.''

पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने अपनी जीवनी में पीएम मोदी के कामकाज पर उठाए गंभीर सवाल, पढ़ें बड़ी बातें

अंसारी ने खुद को जानबूझ कर बदनाम करने का आरोप लगाया हामिद अंसारी किताब में आगे बताते हैं कि कैसे कुछ मौकों पर उन्हें जानबूझकर बदनाम करने की कोशिश की गई. मसलन एक किस्सा साझा करते हुए अंसारी लिखते हैं, ''जब ओबामा भारत दौरे पर आए थे तब राजपथ पर सैल्यूट परंपरा के मुताबिक केवल राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को सलामी लेनी थी. मगर शायद पहली बार प्रधानमंत्री बने मोदी जी को इसकी ना तो जानकारी थी और ना हीं उन्हें किसी ने इस बारे में ब्रीफ किया था. वे और रक्षा मंत्री भी सैल्यूट लेने लगे, मैंने ऐसा नहीं किया. बस इसके बाद मुझपर तिरंगे के अपमान तक का आरोप लगा दिया गया.''

योग दिवस में गैरहाजिरी को लेकर हुए विवाद पर भी अंसारी ने सफाई दी है. उन्होंने लिखा, ''पहले अंतराष्ट्रीय योग दिवस को धूम धाम से मनाया गया. खुद प्रधानमंत्री मोदी इसमें शामिल हुए, पर लोगों ने मुझे ये कह कर निशाने पर लिया कि मैं इसमें शामिल नहीं हुआ. आखिरकार मुझे बताना पड़ा कि मुझे न्यौता ही नहीं दिया गया था, तब एक संबंधित वरिष्ठ व्यक्ति ने आकर मुझसे माफी मांगी.''

संसद बहुमत से चुनकर आए लोगों की मनमानी की जहन बनकर रह गया अंसारी ने अपनी किताब में लिखा, ''नागरिकता कानून और कश्मीर में धारा 370 को लेकर के भी यही सब देखने को मिला. संसद अब चर्चा का स्थान नहीं बल्कि मैजोरिटी से चुन कर आए लोगों की मनमानी की सहमति के लिए बन कर रह गया है. कश्मीर के संदर्भ में उठाया हुआ कदम रूल ऑफ लॉ और संवैधानिक मूल्यों का समर्थन नहीं करता, बल्कि क्रूर बहुसंख्यकवाद दर्शाता है.''

न्याय पालिका पर भी उठाए सवाल, देश 'सुप्रीम लीडर' पर निर्भर न्यायपालिका पर सवाल उठाते हुए अंसारी ने लिखा, ''ऊपरी अदालतें सत्ता पक्ष की दलीलों को ज़्यादा तवज्जो देती हैं जिससे वो न्यायपालिका जैसी संस्था का भला नहीं कर रहे. भारत ऐसा देश बन रहा जिसकी सुरक्षा और खुशहाली केवल एक सुप्रीम लीडर पर निर्भर हो. संवैधानिक मूल्यों पर चोट ने लोगों को भटका दिया है, और धर्मनिरपेक्षता शब्द तो मानों सरकारी शब्दकोश से मिट ही चुका है. किताब में हामिद अंसारी ने सलाह देते हुए लिखा, ''संविधान की प्रस्तावना हम भारत के लोग पर देश को वापस जाने की ज़रूरत है और साथ ही किसी एक ही दल का शासन या उसकी मर्जी नहीं बल्कि कोऑपरेटिव फेड्रेलिजम की जरूरत है.''

कुछ मुद्दों पर मेरा बोलना लोगों को पसंद नहीं आया- अंसारी अंसारी लिखते हैं कि मेरा कुछ मसलों पर बोलना लोगों को पसंद नहीं आया. जैसे नेशनल लॉ स्कूल बैंगलूरू के दीक्षांत समारोह में बोलते वक्त मैंने कहा कि सहिष्णुता सेआगे बढ़ कर स्वीकार्यता की ज़रूरत है और समाज में सद्भावना बनाए रखने के लिए लगातार चर्चा जारी रखनी होगी. कुछ समय बाद एक इंटरव्यू में मैंने कहा कि मुसलमानों मे भय और बेचैनी का माहौल है, इसे दूर करने के लिए सकारात्मक कदम उठाने की ज़रूरत है. मेरी ये बात भी लोगों को पसंद नहीं आई.

यह भी पढ़ें अरविंद केजरीवाल का बड़ा एलान, अगले दो साल में छह राज्यों में चुनाव लड़ेगी आम आदमी पार्टी कॉमेडियन मुन्नवर फारुकी को नहीं मिली राहत, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने भी खारिज की जमानत याचिका

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

ट्रंप के टैरिफ का असर या कुछ और...  भारतीय कंपनियों की रूस से तेल आयात में कटौती, जानें क्या है सच्चाई
ट्रंप के टैरिफ का असर या कुछ और... भारतीय कंपनियों की रूस से तेल आयात में कटौती, जानें क्या है सच्चाई
'माफी मांगें प्रेमानंद महाराज', अनिरुद्धाचार्य के बयान पर भी भड़के जगतगुरु परमहंस आचार्य
'माफी मांगें प्रेमानंद महाराज', अनिरुद्धाचार्य के बयान पर भी भड़के जगतगुरु परमहंस आचार्य
डोनाल्ड ट्रंप के 'बर्बाद इकोनॉमी' वाले बयान पर भड़का रूस! पुतिन के करीबी ने अमेरिका को दिलाई 'डेड हैंड' की याद
डोनाल्ड ट्रंप के 'बर्बाद इकोनॉमी' वाले बयान पर भड़का रूस! पुतिन के करीबी ने अमेरिका को दिलाई 'डेड हैंड' की याद
‘तुम्हारा करियर खत्म..’, जब अमिताभ बच्चन संग काम करने पर विद्या बालन ने सुने थे ताने, जानें फिल्म का हाल
‘तुम्हारा करियर खत्म..’, जब अमिताभ संग काम करने पर विद्या ने सुने थे ताने
Advertisement

वीडियोज

Crime Story: Heart Attack से मौत, Gaming के लिए दादी का मर्डर, Reel बनाने वालों का 'खूनी' खेल!
Malegaon Blast Verdict: क्या Congress राज में  'भगवा आतंक' स्क्रिप्टेड था? | Janhit | 31 July
Sikkim से लेकर Kedarnath तक, बारिश से दरक रहे पहाड़, देखिए वीडियो | Weather News
Malegaon blast Case: 17 साल बाद भी नहीं मिले आरोपी, NIA की नाकामी या कुछ और..? | Sandeep Chaudhary
Weather News: 1 घंटे की बारिश में डूब गई Cyber City, गाजियाबाद में बारिश से सोसायटी का बेसमेंट धंसा
Advertisement
corona
corona in india
470
Active
29033
Recovered
165
Deaths
Last Updated: Sat 19 July, 2025 at 10:52 am | Data Source: MoHFW/ABP Live Desk
Advertisement

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
ट्रंप के टैरिफ का असर या कुछ और...  भारतीय कंपनियों की रूस से तेल आयात में कटौती, जानें क्या है सच्चाई
ट्रंप के टैरिफ का असर या कुछ और... भारतीय कंपनियों की रूस से तेल आयात में कटौती, जानें क्या है सच्चाई
'माफी मांगें प्रेमानंद महाराज', अनिरुद्धाचार्य के बयान पर भी भड़के जगतगुरु परमहंस आचार्य
'माफी मांगें प्रेमानंद महाराज', अनिरुद्धाचार्य के बयान पर भी भड़के जगतगुरु परमहंस आचार्य
डोनाल्ड ट्रंप के 'बर्बाद इकोनॉमी' वाले बयान पर भड़का रूस! पुतिन के करीबी ने अमेरिका को दिलाई 'डेड हैंड' की याद
डोनाल्ड ट्रंप के 'बर्बाद इकोनॉमी' वाले बयान पर भड़का रूस! पुतिन के करीबी ने अमेरिका को दिलाई 'डेड हैंड' की याद
‘तुम्हारा करियर खत्म..’, जब अमिताभ बच्चन संग काम करने पर विद्या बालन ने सुने थे ताने, जानें फिल्म का हाल
‘तुम्हारा करियर खत्म..’, जब अमिताभ संग काम करने पर विद्या ने सुने थे ताने
IPL 2026: केएल राहुल छोड़ेंगे दिल्ली कैपिटल्स! तीन बार की चैंपियन टीम के बनेंगे कप्तान? हुआ बड़ा खुलासा
केएल राहुल छोड़ेंगे दिल्ली कैपिटल्स! तीन बार की चैंपियन टीम के बनेंगे कप्तान? हुआ बड़ा खुलासा
जानें भारत में 5 साल से कम उम्र के कितने बच्चे कुपोषण का शिकार, आंकड़ें देख डर जाएंगे आप
जानें भारत में 5 साल से कम उम्र के कितने बच्चे कुपोषण का शिकार, आंकड़ें देख डर जाएंगे आप
बैन मांझा बेचने पर मिलती है इतनी सजा, घर से उठाकर ले जाती है पुलिस
बैन मांझा बेचने पर मिलती है इतनी सजा, घर से उठाकर ले जाती है पुलिस
ब्रेस्ट के पास ब्रा की रगड़ से स्किन हो गई काली, क्या यह भी कैंसर की निशानी?
ब्रेस्ट के पास ब्रा की रगड़ से स्किन हो गई काली, क्या यह भी कैंसर की निशानी?
Embed widget