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लॉकडाउन में घर लौटे मजदूरों को रोजगार देने के लिए मोदी सरकार ने बनाया 'मेगा प्लान', 6 राज्यों के 116 जिलों की पहचान की
केंद्र सरकार अपने इस प्लान के तहत बेरोजगार हुए मजदूरों के पुनर्वास और रोजगार के लिए पूरा खाका तैयार किया है. केंद्र सरकार ने देश के ऐसे 116 जिलों की पहचान की है जहां लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूर वापस लौटे.

प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्लीः लॉकडाउन के चलते जिन श्रमिकों ने अपनी नौकरी गंवाई हैं उन्हें रोजगार के अवसर मुहैया कराने के लिए मोदी सरकार ने एक योजना बनाई है. केंद्र सरकार ने इस योजना के तहत कोरोना लॉकडाउन के दौरान अपने राज्यों और गांवों को लौटे करोड़ो प्रवासी मजदूरों के पुनर्वास और रोजगार के लिए पूरा खाका तैयार किया है. दरअसल केंद्र सरकार ने देश के 6 राज्यों के उन 116 जिलों की पहचान की है जहां लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूर वापस लौटे. मिशन मोड में इन 116 जिलों में केंद्र सरकार की सोशल वेलफेयर और डायरेक्ट बेनिफिट स्कीमों को तेजी चलाया जाएगा. मनरेगा, स्किल इंडिया, जनधन योजना, किसान कल्याण योजना, खाद्य सुरक्षा योजना, पीएम आवास योजना समेत अन्य केंद्रीय योजनाओं पर सरकार का जोर रहेगा. इसके साथ ही 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान पर भी जोर रहेगा. घर लौटे प्रवासियों के लिए आजीविका, रोजगार, कौशल विकास और गरीब कल्याण सुविधाओं का लाभ सुनिश्चित कराने की केंद्र सरकार की योजना है. प्रधानमंत्री ने मंत्रालयों को कहा है कि दो हफ्ते में इन 116 जिलों को ध्यान में रखकर योजनाओं का प्रस्ताव तैयार करके पीएमओ को भेजें. केंद्र सरकार की तरफ से चयनित 116 जिलों में सबसे ज्यादा 32 जिले बिहार के हैं. उसके बाद यूपी के 31 जिले है. मध्यप्रदेश के 24, राजस्थान के 22 जिले, झारखंड के 3 और ओडिशा के 4 जिले शामिल किए गए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा- लॉकडाउन में गांव लौटे बाल मज़दूरों को वहीं रोकना जरूरी, बच्चों की तस्करी पर जारी किया नोटिस
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Source: IOCL























