तन्वी सेठ पासपोर्ट मामले में विदेश मंत्रालय ने कहा, दस्तावेज की सही जांच की गई
तन्वी सेठ पासपोर्ट विवाद में विदेश मंत्रालय ने कहा कि तन्वी ने 20 जून 2018 को पासपोर्ट के लिये आवेदन किया और उसे लखनऊ स्थित कार्यालय में जमा किया. हमारे पास जो दस्तावेज थे, उसकी सावधानी से जांच की गई.

नई दिल्ली: तन्वी सेठ पासपोर्ट विवाद में विदेश मंत्रालय ने आज स्पष्ट किया कि पासपोर्ट जारी किये जाने में सभी नियमों का पालन किया गया. विदेश मंत्रालय ने कहा कि अब इस मामले में दुष्प्रचार और गलत धारणाएं समाप्त हो जायेंगी . विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि पिछले कुछ समय से तन्वी सेठ के पासपोर्ट मामले में मीडिया में गलत धारणाएं सामने आ रही है. इस बारे में तथ्य, कल्पनाओं से अलग हैं.
उन्होंने कहा कि पासपोर्ट के नियमों को दिसंबर 2017 में सरलीकृत किया गया था . इसके आधार पर तन्वी सेठ ने अपने नाम और पते के लिये आधार कार्ड और संयुक्त बैंक खाते के दस्तावेज पेश किये . इसमें उनका नाम और पता वही था जो पासपोर्ट सत्यापन फॉर्म में दर्ज था. इसलिये उन्हें पासपोर्ट जारी किया गया .
कुमार ने कहा कि तन्वी सेठ ने 20 जून 2018 को पासपोर्ट के लिये आवेदन किया और उसे लखनऊ स्थित कार्यालय में जमा किया. ‘‘हमारे पास जो दस्तावेज थे, उसकी सावधानी से जांच की गई .’’ उन्होंने बताया कि पासपोर्ट अधिनियम के तहत उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद तन्वी सेठ को ‘पुलिस सत्यापन पूर्व’ प्रक्रिया के आधार पर पासपोर्ट जारी किया गया. इसलिये पुलिस सत्यापन बाद में किया गया.
प्रवक्ता ने कहा कि क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय को भेजी जाने वाली पुलिस रिपोर्ट दिसंबर 2017 में लिये गए निर्णय के आधार पर ली गई . इसमें पुलिस सत्यापन के दो आधार थे . पहला कि क्या आवेदक भारतीय नागरिक है ? दूसरा कि क्या आवेदक के खिलाफ कोई आपराधिक मामला है ?
कुमार ने कहा कि इन दोनों पहलुओं को छह बिन्दुओं में बदला गया . इन निर्णय के बाद सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अवगत कराया गया कि एक जून से इसे लागू किया जाए . विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि तन्वी सेठ के मामले में इन छह बिन्दुओं पर कोई प्रतिकूल रिपोर्ट नहीं आई . उन्होंने हालांकि कहा कि लेकिन जिस पुलिस अधिकारी ने सत्यापन किया, उसने अपनी तरफ से दो टिप्पणियां जोड़ दी थी . इसके आधार पर पुलिस सत्यापन रिपोर्ट को प्रतिकूल श्रेणी में रखा गया .
रवीश कुमार ने बताया कि पुलिस अधिकारी ने पहली टिप्पणी में कहा कि पासपोर्ट फार्म में नाम तन्वी सेठ दिया गया है जबकि शादी के प्रमाणपत्र में नाम सदिया अनस दिया गया है. इसके साथ ही दूसरी टिप्पणी में कहा गया कि पते में त्रुटि है और वह जिस नोएडा स्थित घर पर रहती थी, उसका उल्लेख नहीं किया गया है. विदेश मंत्रालय प्रवक्ता ने कहा कि पासपोर्ट के संदर्भ में संशोधित प्रक्रिया में जब आप पासपोर्ट के लिये आवेदन करते हैं तब उसमें शादी का प्रमाणपत्र जरूरी नहीं है . कुमार ने कहा, ‘‘ मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि तन्वी सेठ को पासपोर्ट जारी करने में सभी मौजूद मानकों का पालन किया गया . ’’
आपको बता दें कि अनस सिद्दीकी से शादी रचाने वाली हिंदू महिला तन्वी सेठ को पासपोर्ट दिये जाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया था. सेठ ने लखनऊ स्थित रतन स्क्वायर पासपोर्ट कार्यालय के अधिकारी विकास मिश्रा पर बदसलूकी का आरोप लगाया था. उन्होंने दावा किया था कि विकास मिश्रा ने मुस्लिम से शादी करने को लेकर व्यक्तिगत कमेंट किए, जब तन्वी सेठ ने इसका विरोध किया तो विकास मिश्रा ने उनके साथ बदसलूकी की. विवाद बढ़ने पर विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट जारी कर दिया था. इस मामले में गड़बड़ी की खबर के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने जांच टीम का गठन किया था.
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