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खनन मंत्रालय के इस फैसले से सुधरेंगे मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के मंदी जैसे हालात
इस्पात मंत्रालय की पहल पर खान मंत्रालय ने जो मंजूरी दी है उसके तहत सेल को पिछले साल उसके कुल आयरन ओर का अधिकतम 25 फीसदी सालाना ऑफलोड करने को मंजूरी दी गई है.
![खनन मंत्रालय के इस फैसले से सुधरेंगे मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के मंदी जैसे हालात Manufacturing Sector will get boost from this decision of mining ministry खनन मंत्रालय के इस फैसले से सुधरेंगे मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के मंदी जैसे हालात](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2019/09/17224632/SAIL.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्लीः सेल (स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड) ने स्टील सेक्टर में छाई आर्थिक मंदी जैसे हालातों को दूर करने के लिए बड़ा फैसला लिया है. इसके तहत सेल 25 फीसदी आयरन ओर के उत्पादन को ऑफलोड कर सकेगा. इस फैसले का सीधा असर देश के आर्थिक हालातों पर पड़ सकता है. इस फैसले के चलते मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए स्टील की उपलब्धता बढ़ जाएगी और इसके असर के तौर पर अभी जो मैन्युयूफैक्चरिंग सेक्टर की रफ्तार धीमी पड़ गई है उसमें तेजी आएगी.
इस फैसले के तहत सेल को पिछले साल उसके कुल लौह अयस्क (आयरन ओर) का अधिकतम 25 फीसदी सालाना ऑफलोड करने को मंजूरी दी गई है. इस्पात मंत्रालय की पहल पर खान मंत्रालय ने ये मंजूरी दी है. यह मंजूरी फिलहाल 2 साल की अवधि के लिए लागू होगी.
केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस तथा इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने खान मंत्रालय की ओर से लिए गए इस फैसले को इस्पात उद्योग में तेजी लाने वाला बताया है. धर्मेंद्र प्रधान का कहना है कि सरकार इस्पात और उससे जुड़े उद्योगों के हितों को प्राथमिकता के आधार पर हल कर रही है.
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