Jagannath Puri Rath Yatra: आज से कड़ी सुरक्षा के बीच पुरी रथयात्रा की शुरुआत, अमित शाह ने जगन्नाथ मंदिर में की आरती
Puri Jagannath Rath Yatra: भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा की शुरुआत आज से हो गई है. उधर गृहमंत्री अमित शाह ने अहमदाबाद के जगन्नाथ मंदिर में पूजा की है. जानिए पुरी जगन्नाथ रथ यात्रा का पूरा शेड्यूल.
Lord Jagannath Yatra: भगवान जगन्नाथ (Lord Jagannath) की रथ यात्रा का शुभारम्भ ओडिशा (Odisha) के पुरी (Puri) में हो गया है. इसके लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. कोरोना काल (Corona Period) की वजह से इस रथयात्रा में पहली बार भक्तों को जाने की अनुमति दी गई है. 1 जुलाई से 12 जुलाई तक चलने वाली इस रथयात्रा (Rath Yatra) में इस बार लाखों भक्तों के शामिल होने की संभावना है. इस बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने अमहदाबाद (Ahmedabad) में मंगला आरती की है.
भगवान जगन्नाथ यात्रा की शुरुआत को लेकर अमित शाह ने हिंदी और ओडिया भाषा में ट्वीट किए हैं. उन्होंने लिखा कि आस्था और भक्ति के अनूठे संगम श्री जगन्नाथ रथयात्रा के पवित्र अवसर पर सभी देशवासियों को शुभकामनाएं. महाप्रभु जगन्नाथ जी से सभी के सुखी और अरोग्यमय जीवन, समृद्धि और खुशहाली की प्रार्थना करता हूं. जय जगन्नाथ!
क्यों निकाली जाती है रथ यात्रा
पुराणों के मुताबिक, भगवान जगन्नाथ की बहन ने एक बार नगर देखने की इच्छा जाहिर की थी. तब जगन्नाथ जी और बलभद्र अपनी बहन सुभद्रा को रथ पर बैठाकर नगर दिखाने निकल पड़े. इस दौरान वे मौसी के घर गुंडिचा भी गए और सात दिन ठहरे. तभी से यहां पर रथयात्रा निकालने की परंपरा है. इस रथ यात्रा में भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ तीन भव्य रथों में सवार होकर निकलते हैं. इसमें पहला रथ भगवान जगन्नाथ का, दूसरा भाई बलराम और तीसरा बहन सुभद्रा का होता है.
Did Mangla Aarti at Shri Jagannath Temple in Ahmedabad. Jai Jagannath. #RathYatra pic.twitter.com/vIslwYmhnJ
— Amit Shah (@AmitShah) July 1, 2022
रथ यात्रा 2022 शेड्यूल-
- 1 जुलाई 2022- रथ यात्रा प्रारंभ
- 5 जुलाई- हेरा पंचमी, पहले पांच दिन गुंडिचा मंदिर में वास करते हैं.
- 8 जुलाई- संध्या दर्शन, मान्यता है कि इस दिन भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने से 10 साल श्रीहरि की पूजा के समान पुण्य मिलता है.
- 9 जुलाई- बहुदा यात्रा, भगवान जगन्नाथ, बलभद्र व बहन सुभद्रा की घर वापसी.
- 10 जुलाई- सुनाबेसा, जगन्नाथ मंदिर लौटने के बाद भगवान जगन्नाथ अपने भाई-बहन के साथ शाही रूप लेते हैं.
- 11 जुलाई- आधर पना, आषाढ़ शुक्ल द्वादशी पर दिव्य रथों पर एक विशेष पेय अर्पित किया जाता है। इसे पना कहते हैं.
- 12 जुलाई- नीलाद्री बीजे, नीलाद्री बीजे जगन्नाथ यात्रा का सबसे दिलचस्प अनुष्ठान है.
अहमदाबाद में भगवान जगन्नाथ की 145वीं यात्रा
जगन्नाथ पुरी (Jagannath Puri) की तर्ज पर अहमदाबाद (Ahmedabad) में भी भगवान जगन्नाथ की 145वीं यात्रा निकाली जा रही है. भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ शनिवार को नगरयात्रा पर निकलेंगे. नगरयात्रा पुराने अहमदाबाद में 19 किलोमीटर लंबी होगी. इस यात्रा की खासियत ये होती है कि रथयात्रा (Rath Yatra) में सबसे पहले 17 हाथी, 101 ट्रक में भगवान जगन्नाथ की अलग-अलग झांकिया निकाली जाती हैं.